जानिए कौन हैं भारत के 10वें CJI कैलाशनाथ वांचू...जिनके पास नहीं थी कानून डिग्री, लेकिन बन गए थे SC के जज
Who is Kailas Nath Wanchoo: बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सीजेआई पर विवादित टिप्पणी करने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट के 10वें मुख्य न्यायाधीश कैलाशनाथ वांचू पर एक चौंकाने वाली पोस्ट की है, जिसने अब सोशल मीडिया पर एक नई बहस छेड़ दी है. उन्होंने दावा किया है कि वांचू ने कानून की कोई पढ़ाई नहीं की थी.
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Nishikant Dubey: बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे इन दिनों अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं. हाल ही में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और न्यायपालिका पर गंभीर टिप्पणियां कीं थीं. इसके बाद बीजेपी ने उनके बयानों से किनारा कर लिया था. इसके बावजूद भी निशिकांत दुबे अपने रुख पर कायम रहे.इस बीच विपक्ष ने उन पर न्यायपालिका पर दबाव बनाने का आरोप भी लगाया. अब उन्होंने भारत के 10वें मुख्य न्यायाधीश कैलाशनाथ वांचू (Kailas Nath Wanchoo) का उदाहरण देते हुए एक नया मुद्दा उठाया दिया है.
निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा, “क्या आपको पता है कि 1967-68 में भारत के मुख्य न्यायाधीश कैलाशनाथ वांचू जी ने कानून की कोई पढ़ाई नहीं की थी?” उनका यह पोस्ट अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. बता दें कि इससे पहले निशिकांत भारत के CJI एसवाई कुरैशी को देश में गृह युद्ध के लिए जिम्मेदार बता चुके हैं. ऐसे में, चलिए जानतें हैं कैलाशनाथ वांचू कौन हैं और कैसे वो बिना डिग्री के जज बन गए थे.
कौन थे कैलाशनाथ वांचू?
कैलाशनाथ वांचू भारत के 10वें मुख्य न्यायाधीश थे. इस दौरान उनका कार्यकाल 12 अप्रैल 1967 से 24 फरवरी 1968 बीच रहा. वांचू भारतीय सिविल सेवा (ICS) के अधिकारी थे और उन्हें औपचारिक रूप से कानून की डिग्री प्राप्त नहीं की थी. वे भारत के इकलौते ऐसे मुख्य न्यायाधीश माने जाते हैं, जिन्होंने लॉ की पढ़ाई नहीं की थी.
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शुरूआती जीवन और करियर
साल 1903 में मध्य प्रदेश में जन्में वांचू (Kailas Nath Wanchoo Biography) अपने परिवार में पहले व्यक्ति थे जो जज बने थे. उन्हें 1924 में भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में सफलता मिली थी. इसके बाद वे ट्रेनिंग के लिए यूनाइटेड किंगडम चले गए. वहीं, साल 1926 में वे संयुक्त प्रांत (अब उत्तर प्रदेश) में सहायक मजिस्ट्रेट बने और बाद में रायबरेली के जिला न्यायाधीश नियुक्त हुए. हालांकि, उन्होंने लॉ की डिग्री नहीं ली थी, लेकिन आईसीएस की ट्रेनिंग के दौरान उन्हें क्रिमिनल लॉ पढ़ाया गया. इस बीच ट्रेनिंग के बाद वे उत्तर प्रदेश में कलेक्टर के तौर पर भी कार्यरत रहे.
ऐसे बने भारत के CJI
जस्टिस वांचू के CJI बनने की कहानी काफी दिलचस्प है. बताया जा रहा है कि 1947 में कैलाशनाथ वांचू को इलाहाबाद हाईकोर्ट का कार्यवाहक न्यायाधीश बनाया गया. इसके बाद 1956 में उन्हें राजस्थान हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया.
लॉ ट्रेंड की रिपोर्ट के अनुसार, 11 अप्रैल 1967 को तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश 'के सुब्बाराव' ने राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद कैलाशनाथ वांचू को 24 अप्रैल 1967 को देश का 10वां मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया. वे करीब दस महीने तक इस पद पर रहे और 24 फरवरी 1968 को रिटायर हो गए. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कुल 355 फैसले सुनाए थे.