महुआ, प्रियंका चतुर्वेदी, थरूर , अखिलेश के iPhone हैक करने की कोशिश! Apple ने भेजा नोटिफिकेशन
नेताओं को मिले वॉर्निंग मैसेज में लिखा है कि ‘सरकार से प्रायोजित हैकर’ आपके आईफोन को रिमोटली हैक करने की कोशिश कर रहे है. अटैकर आपको व्यक्तिगत रूप से टारगेट कर रहे है.
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Apple Alert News: क्या विपक्ष के बड़े नेताओं के iPhone को हैक करने की कोशिश की जा रही है? क्या इस हैकिंग की कोशिश के पीछे सरकार समर्थित लोग/एजेंसी हैं? मंगलवार को भारत की राजनीति में एक बड़ा बवाल शुरू हो गया है. iPhone निर्माता कंपनी Apple की तरफ से विपक्ष के कुछ दिग्गज नेताओं को वॉनिंग अलर्ट भेजे गए हैं. इस अलर्ट में कहा गया है कि सरकार समर्थित हमलावर (इसे साइबर हमलावर, हैकर कुछ भी समझें) आपके फोन को शायद टारगेट कर रहे हैं. हालांकि सरकार के सूत्रों के हवाले से खबर है कि एप्पल के एल्गोरिदम में दिक्कत की वजह से ये मैसेज और मेल आए है.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने भी सरकार पर लगे आरोपों को लेकर प्रतिक्रिया दी है. अमित मालवीय ने कहा है ये सारा हल्लाबोल विपक्ष के पिछले प्रयासों की तरह फुस्स हो जाएगा. मालवीय ने सवाल उठाया है कि Apple की सफाई का इंतजार क्यों नहीं किया जा रहा?
Usual suspects raising a storm over ‘state sponsored’ attack and pretending to be martyrs is all good… But this hullabaloo, in all probability, like in the past, will end up as damp squib!
Why not wait for Apple to clarify? Or is it too much to let go an opportunity to outrage?
— Amit Malviya (@amitmalviya) October 31, 2023
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किन नेताओं को आया ये अलर्ट?
अबतक मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस सांसद शशि थरूर, तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा, शिवसेना (उद्धव) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के सीताराम येचुरी, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) सांसद असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को ये अलर्ट आया है. ये लिस्ट और भी लंबी हो सकती है.
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क्या है वार्निंग मैसेज में और एप्पल क्यों भेजता है ऐसा मैसेज?
नेताओं को मिले वॉर्निंग मैसेज में लिखा है कि ‘सरकार से प्रायोजित हैकर’ आपके आईफोन को रिमोटली हैक करने की कोशिश कर रहे है. आप कौन हैं या आप क्या करते हैं, इसके आधार पर अटैकर आपको व्यक्तिगत रूप से टारगेट कर रहे है. अगर आपके फोन के साथ किसी सरकार प्रायोजित हमलावर ने छेड़छाड़ की है, तो वे रिमोटली आपके संवेदनशील डेटा, कान्टैक्ट के साथ-साथ कैमरा और माइक्रोफ़ोन तक एक्सेस करने में सक्षम हो सकते हैं. हालांकि यह संभव है कि यह एक ग़लत अलार्म हो, कृपया इस चेतावनी को गंभीरता से लें’.
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एप्पल के अनुसार पारंपरिक साइबर अपराधियों के अलग, सरकार प्रायोजित हमलावर बहुत मजबूत होते हैं. ये कम संख्या में खास व्यक्तियों और उनके मोबाइल फोन को टारगेट करने के लिए मजबूत संसाधनों का इस्तेमाल करते हैं. इससे इन हमलों का पता लगाना और रोकना बहुत कठिन होता है.
सरकार पर पहले भी लग चुका है पेगासस से फोन टैप करने का आरोप
सरकार पर पहले भी ये आरोप लग चुका है कि वह पेगासस जासूसी सॉफ़्टवेयर के माध्यम से जर्नलिस्ट, विपक्ष और एक्टिविस्ट पर नजर रख रही थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार करीब 300 भारतीय पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये जासूसी के संभावित निशाने पर थे. विपक्ष ने इसे लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर खूब हमले किए और इसे देशद्रोह करार दिया था. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के दावे के मुताबिक़, भारत ने पेगासस को एक रक्षा सौदे के तहत साल 2017 में इसराइल से ख़रीदा था. हालांकि इसे लेकर कोई स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है. हालांकि केंद्र सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया और विपक्ष पर झूठी सियासत का आरोप लगाया था.
क्या था पेगासस जिसे लेकर छिड़ा था विवाद?
पेगासस को इसराइल की साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ ने तैयार किया है. यह एक ऐसा प्रोग्राम है जिसे अगर किसी स्मार्टफ़ोन में डाल दिया जाए, तो कोई हैकर उस स्मार्टफोन के माइक्रोफ़ोन, कैमरा, ऑडियो और टेक्सट मेसेज, ईमेल और लोकेशन तक की जानकारी हासिल कर सकता है.
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