डिंपल, अक्षय और धर्मेन्द्र यादव की किस्मत पर फैसला आज, क्या अखिलेश यादव बचा पाएंगे सपा का गढ़?

News Tak Desk

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Akhilesh Yadav: देश में लोकसभा का चुनाव चल रहा है. आज तीसरे चरण में 11 राज्यों के 93 सीटों पर मतदान जारी है. उत्तर प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों पर भी मतदान हो रहा है. इन 10 लोकसभा सीटों पर 100 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे है. इस चरण में उत्तर प्रदेश की हॉट सीटें की फिरोजाबाद, मैनपुरी और बदायूं पर भी वोटिंग हो रही है. इन तीनों सीटों को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है और यहां से अखिलेश यादव के परिवार के सदस्य डिंपल यादव,  अक्षय यादव और धर्मेन्द्र यादव मैदान में है. यही वजह है कि इस फेज के चुनाव अखिलेश यादव की साख दांव पर लगी हुई है. आइए आपको बताते हैं क्या है इन तीनों सीटों का सियासी समीकरण. 

फिरोजाबाद से अक्षय यादव हैं मैदान में 

उत्तर प्रदेश की फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर सबकी निगाहें टिकी हुई है. इस सीट से बीजेपी ने ठाकुर विश्वदीप सिंह को टिकट दिया है तो वहीं सपा ने अक्षय यादव को मैदान में उतारा है. बसपा ने चौधरी बशीर को यहां से प्रत्याशी बनाया है. यहीं वजह है कि, इस चुनाव में फिरोजाबाद सीट पर जातीय समीकरण काफी दिलचस्प दिख रहा है. वैसे अगर साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव की बात करें, तो बीजेपी ने इस सीट को सपा से छीन ली थी. इस चुनाव में बीजेपी के चंद्र सेन जादोन ने 28 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी. लेकिन इस बार फिरोजाबाद सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है. 

बता दें कि, फिरोजाबाद सीट पर तीसरे चरण में 7 मई को यानी आज मतदान चल रहा है. जानकारी के मुताबिक, जिले में कुल 18.87 लाख मतदाता है जिनमें जिले में 10 लाख के करीब पुरुष मतदाता वहीं 8 लाख के करीब महिला मतदाता है और 93 थर्ड जेंडर के मतदाता है. यहां से आंकड़ा दिलचस्प है कि, फिरोजाबाद में 4 लाख यादव वोटर्स, 2 लाख 30 हजार दलित वोटर्स और 1 लाख 70 हजार के करीब ठाकुर मतदाता है. इस सीट पर 2 लाख 30 हजार मुस्लिम समुदाय के मतदाता है.  यानी अगर यादव-मुस्लिम मतदाता सपा को वोट करते है तो पार्टी जीतने में सफल हो सकती है. 

मैनपुरी में डिंपल यादव का क्या है माहौल?  

उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट सालों से एक हाई प्रोफाइल सीट मानी जाती है. साल 1996 में सपा ने इस सीट पर पहली बार चुनाव जीता और अब पिछले 28 साल से पार्टी के प्रत्याशी इस सीट पर लगातार जीत रहे है. सपा ने मैनपुरी लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद डिंपल यादव को टिकट दिया है. वहीं उनके खिलाफ बीजेपी ने जयवीर सिंह को मैदान में उतारा है वही बसपा से शिव प्रसाद यादव मैदान में हैं.

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आपको बता दें कि, मैनपुरी में कुल 17 लाख मतदाता है जिसमें करीब 9 लाख पुरुष मतदाता और 7 लाख महिला मतदाता है. अगर मैनपुरी सीट पर जातीय समीकरण की बात करें, तो इस सीट पर सबसे ज्यादा यादव मतदाता है जो करीब 3.5 लाख है. 1.5 लाख ठाकुर, 1.20 लाख ब्राह्मण और करीब 1 लाख मुस्लिम मतदाता है. 

अब बदायूं लोकसभा सीट का समीकरण जानिए 

गंगा और राम गंगा नदी के बीच बसा बदायूं संसदीय क्षेत्र छोटे और बड़े सरकार की दरगाह की वजह से प्रसिद्ध है. 19 लाख से अधिक मतदाताओं वाला बदायूं लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है. सालों से बदायूं में सपा का एकक्षत्र राज्य रहा है. यहां सपा साल 1996 से लगातार 6 बार चुनाव जीता चुकी है. 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी की संघमित्रा मौर्य ने सपा के जीत का रथ रोका दिया था.

संघमित्रा मौर्य ने 47 फीसदी वोट पाकर सपा के धर्मेन्द्र यादव को हरा दिया था. अगर बदायूं के जातीय समीकरण की बात करें,तो बदायूं में सबसे ज्यादा 4 लाख यादव वोटर है, वहीं 3.5 लाख मुस्लिम वोटर है. यहां गैर यादव-ओबीसी वोटर करीब 2.5 लाख है. वहीं दलित वोटरों की संख्या 1.75 लाख है. आपको बता दें कि यादव और मुस्लिम समाजवादी पार्टी के पारंपरिक वोटर माने जाते है. जिनके समर्थन से पार्टी चुनावों में सफल होने में कामयाब होती रही है. इस बार के चुनाव में क्या होगा ये तो 4 जून को आने वाले नतीजों में ही पता चल पाएगा.

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