24 साल पहले जिसकी राजनीति तबाह की, उसी के बेटे अरबिंद महापात्रा को BJD में लाए नवीन पटनायक
अरबिंद महापात्रा नौजवान हैं. विदेश में कॉरपोरेट सेक्टर में करियर छोड़कर 2019 में अपने गांव लौट आए. अरबिंद साल 2019 में भी चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन नवीन पटनायक का आशीर्वाद नहीं मिला
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Arabinda Mohapatra Joins BJD: राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है. सियासत में सबसे इम्पोर्टेन्ट ये होता है कि, कोई किसी का परमानेट दुश्मन या दोस्त नहीं होता. बीजेपी से गठबंधन की जोरशोर से चल रही चर्चा के बीच सीएम नवीन पटनायक ने उसे ही झटका दे दिया है. ओडिशा में बीजेपी के बड़े नेता और पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बिजॉय महापात्रा के बेटे अरबिंद महापात्रा को अपनी पार्टी बीजू जनता दल(BJD) में शामिल कर लिया है.
वैसे तो BJD के राजनीतिक कार्यक्रम पार्टी मुख्यालय भुवनेश्वर के शंख भवन में होते हैं लेकिन महापात्रा की BJD में ज्वाइनिंग का बड़ा मैसेज देने के लिए खुद नवीन पटनायक ने अरबिंद महापात्रा को अपने घर बुलाकर पार्टी में शामिल कराया. अरबिंद महापात्रा ने पैर छूए तो नवीन पटनायक ने आशीर्वाद भी दिया और पिता के लिए भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दी.
बीजू पटनायक के समय सुपर सीएम रहें है अरबिंद महापात्रा के पिता बिजॉय महापात्रा
अरबिंद महापात्रा की बीजेडी में ज्वाइनिंग में इंटरेस्टिंग कहानी है उनके पिता बिजॉय महापात्रा जो अभी बीजेपी में हैं. बिजॉय महापात्रा उस जमाने में ओडिशा के सुपर सीएम कहे जाते थे जब नवीन पटनायक के पिता बीजू पटनायक सीएम हुआ करते थे. कहा जाता है कि बीजेडी को खड़ा करने में नवीन पटनायक के साथ बिजॉय महापात्रा ने भी बड़ी मेहनत की लेकिन बीजू पटनायक के जाने के बाद बिजॉय महापात्रा की राजनीति ताश के पत्ते की तरह बिखर गई.
नवीन पटनायक ने साल 2000 में पहला चुनाव लड़ते हुए बिजॉय महापात्रा के साथ बड़ा खेल कर दिया था. पटनायक ने चुनाव में नामांकन के बाद बिजॉय का टिकट काटते हुए पार्टी से भी निकाल दिया था. उसके बाद बिजॉय महापात्रा केंद्रपाड़ा जिले की पाटकुरा विधानसभा सीट से हर चुनाव लड़ते रहे लेकिन कभी जीत नहीं पाए. हालांकि वो 1980 से 2000 तक हर चुनाव जीतते रहे. 24 साल बाद अब जाकर नवीन पटनायक का गुस्सा ठंडा हुआ तो बिजॉय बाबू के बेटे अरबिंद महापात्रा को पार्टी में लेकर आए.
अब जानिए अरबिंद महापात्रा कौन है?
अरबिंद महापात्रा नौजवान हैं. विदेश में कॉरपोरेट सेक्टर में करियर छोड़कर 2019 में अपने गांव लौट आए. अरबिंद साल 2019 में भी चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन नवीन पटनायक का आशीर्वाद नहीं मिला तो उस समय लॉन्चिंग हो नहीं पाई. अब सब ठीक है, तो लग रहा है कि इस बार पहला चुनाव लड़ लेंगे.
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वैसे पार्टी में शामिल होने के बाद अरबिंद महापात्र ने कहा, 'मुझे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का आशीर्वाद प्राप्त हुआ, वो मुझे जो भी जिम्मेदारी देंगे, उसे मैं स्वीकार करूंगा. बीजेडी की ओर से मुझे लोगों की सेवा करने का मौका देने के लिए मैं सीएम नवीन पटनायक और वीके पांडियन को धन्यवाद देना देता हूं.'
अरबिंद महापात्रा के BJD में शामिल होने से पहले बीजेपी ने BJD को झटका दिया था. बीजेपी में जाने के लिए अरबिंद धाली ने नवीन पटनायक की पार्टी छोड़ दी थी. धाली बीजेडी के विधायक हैं और प्रदेश सरकार के मंत्री भी रहे हैं. बीजेडी से निकाले गए प्रदीप पाणिग्रही भी बीजेपी में शामिल हुए लेकिन पिछले दो हफ्ते में प्रदेश की सियासत पलटी है. BJD से जाते-जाते इन नेताओं ने सीएम नवीन पटनायक को काफी भला बुरा कहा था लेकिन अब वो फिर से उनके आसपास ही होंगे. हालांकि तब किसी को कहां ही पता था कि, जिस पार्टी को छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर रहे हैं उसी के साथ अलायंस हो जाएगा.
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