वाघ बकरी चाय के मालिक पराग देसाई की मौत, 1892 में शुरू हुए टी-ब्रांड की पूरी कहानी
पराग देसाई वाघ बकरी समूह के प्रबंध निदेशक रसेश देसाई के बेटे थे. वह बाघ बकरी ग्रुप की चौथी पीढ़ी थे, जो इस व्यवसाय से जुड़े थे. इस समूह से देसाई 1995 में जुड़े थे.
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वाघ बकरी के नाम से मशहूर चाय कंपनी के कार्यकारी निदेशक पराग देसाई का निधन हो गया है. उनकी मौत की वजह ब्रेन हैमरेज बतायी जा रही है. मीडिया रेपोर्ट्स के मुताबिक पिछले दिनों पराग देसाई अपने घर के पास गिर गए थे. गिरने की वजह आवारा कुत्ते थे, जो आपस में लड़ रहे थे. उनसे बचने की कोशिश में वे भागते हुए सड़क पर गिर गए. ब्रेन हैमरेज होने और कोमा में रहने के बाद उनका निधन हो गया.
पराग देसाई वाघ बकरी समूह के प्रबंध निदेशक रसेश देसाई के बेटे थे. वह बाघ बकरी ग्रुप की चौथी पीढ़ी थे, जो इस व्यवसाय से जुड़े थे. वाघ बकरी चाय से देसाई 1995 में जुड़े थे. तब कंपनी का कारोबार 100 करोड़ से भी कम था. उन्होंने कंपनी में विभिन्न डिवीजन में काम किया और उसको एक नई ऊंचाई तक पहुंचाया. उनके नेतृत्व के दौरान कंपनी ने 1500 करोड़ के टर्न ओवर का माइलस्टोन हासिल किया था.
दक्षिण अफ्रीका से शुरू हुए वाघ बकरी ब्रांड की पूरी कहानी
वाघ बकरी चाय समूह भारत की एक अग्रणी चाय कंपनी है. कंपनी की वेबसाइट के अनुसार 1892 में नन्ददास देसाई ने दक्षिण अफ्रीका से कंपनी की शुरुआत की थी. अफ्रीका में नस्लीय भेदभाव के चलते उन्होंने देश छोड़ दिया और भारत आ गए. 1934 में कंपनी ने बाघ बकरी ब्रांड लांच किया. बाद में नन्ददास देसाई ने भारत मेंअपने बेटों के साथ व्यापार का विस्तार किया. वर्तमान में इस समूह का टर्न ओवर 2000 करोड़ से ज्यादा का है. कंपनी एक साल में 5 करोड़ किलो से ज्यादा चाय बेचती है. भारत के साथ-साथ दुनिया के 60 देशों में कंपनी की चाय एक्सपोर्ट होती है.
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