रायबरेली से चुनाव लड़ने उतरे राहुल गांधी, गांधी परिवार का गढ़ रही इस सीट का सियासी समीकरण समझिए
सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने के बाद माना जा रहा था कि इस सीट पर कांग्रेस उनकी बेटी प्रियंका गांधी को मैदान में उतार सकती है. इसके अलावा अमेठी सीट से राहुल गांधी को भी कैंडिडेट बनाए जाने की चर्चा थी, लेकिन उन्हें कांग्रेस का गढ़ माने जानी वाली रायबरेली सीट से प्रत्याशी बनाया गया है.
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Congress: कांग्रेस ने रायबरेली और अमेठी सीट्स पर उम्मीदवार उतारकर लंबे समय से चले आ रहे सस्पेंस को खत्म कर दिया है. कांग्रेस ने रायबरेली सीट से राहुल गांधी को और अमेठी से केएल शर्मा को मैदान में उतारा है. लंबे समय से चले आ रहे कयासों के बीच कांग्रेस ने ये फैसला लिया है. कहा जा रहा था सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने के बाद इस सीट पर कांग्रेस उनकी बेटी प्रियंका गांधी को मैदान में उतार सकती है. इसके अलावा अमेठी सीट से राहुल गांधी को भी कैंडिडेट बनाए जाने की चर्चा थी, लेकिन उन्हें कांग्रेस का गढ़ माने जानी वाली रायबरेली सीट से प्रत्याशी बनाया गया है.
रायबरेली सीट से कांग्रेस का रहा है पुराना नाता
लगभग सात दशक पहले, राहुल गांधी के दादा फ़िरोज़ गांधी ने 1952 में यहां से पहली बार चुनाव लड़ा और जीता. पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी भी इस सीट से दो बार चुनाव जीत चुकी हैं. कांग्रेस को पहली बार 1977 में रायबरेली में हार का सामना करना पड़ा था. आपातकाल के बाद हुए चुनावों में इंदिरा गांधी समाजवादी नेता राज नारायण से 50,000 वोटों से हार गईं थीं. हालाँकि, उन्होंने 1980 में जीत से वापसी की, आंध्र प्रदेश की मेढ़क सीट के लिए रायबरेली सीट छोड़ दी थी.
2004 से 2019 तक गांधी परिवार के पास रही रायबरेली सीट
सोनिया गांधी ने 1999 में अमेठी और कर्नाटक की बेलारी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा और दोनों ही सीटों पर जीत दर्ज की. हालांकि 2004 में उन्होंने बेलारी सीट को छोड़ दिया. 2004 में राहुल गांधी के लिए उन्होंने अमेठी सीट छोड़कर रायबरेली से लड़ने का फैसला किया.
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अमेठी से तीन बार सांसद रहे राहुल
अमेठी सीट से राहुल गांधी तीन बार सांसद रहे. 2004-19 तक वे इस सीट से सांसद बनकर लोकसभा पहुंचते रहे. 2019 में बीजेपी की स्मृति इरानी से हारकर उन्हें ये सीट छोड़नी पड़ी. कांग्रेस ने दो दशक से अधिक समय तक अमेठी और रायबरेली में गांधी परिवार के प्रभावशाली प्रतिनिधि रहे किशोरी लाल शर्मा को अमेठी से मैदान में उतारा है.
अगर 1977 में इंदिरा गांधी की मिली हार को हटा दें तो, रायबरेली कांग्रेस के लिए अभेद्य किला रहा है. 2009 में सोनिया गांधी को 72% वोट मिले थे, वहीं 2014 में 63 फीसदी और 2019 में 55 फीसदी वोट मिले थे.
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अमेठी और रायबरेली से कौन हैं उम्मीदवार
इंडिया ब्लॉक के तहत कांग्रेस ने अमेठी से केएल शर्मा और रायबरेली सीट से राहुल गांधी को उम्मीदवार घोषित किया है. बीजेपी ने अमेठी से स्मृति इरानी पर फिर से भरोसा जताया है. स्मृति यहां से सीटिंग सांसद हैं. 2014 में उन्हें राहुल गांधी से हार का सामना करना पड़ा था. रायबरेली सीट से बीजेपी ने दिनेश लाल शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है. दिनेश लाल शर्मा पहले कांग्रेसी थे जो कि बीजेपी में शामिल हो गए. 2019 में उन्होंने इस सीट से सोनिया गांधी को कड़ी टक्कर दी थी. बहुजन समाज पार्टी ने अमेठी से रवि प्रकाश मौर्या और रायबरेली से ठाकुर प्रसाद यादव को उम्मीदवार बनाया है.
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