कोलकाता: 41 दिनों बाद जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म, ममता सरकार ने 5 में कौनसी 3 मांगे मानी?

ललित यादव

20 Sep 2024 (अपडेटेड: Sep 20 2024 12:02 PM)

Kolkata: कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के 41 दिनों बाद डॉक्टर्स ने हड़ताल खत्म कर दी है. सुप्रीम कोर्ट और ममता सरकार लगातार डॉक्टर्स से काम पर वापस लौटने की मांग कर रह थे. हालांकि डॉक्टर्स ने काम पर वापस लौटने का ऐलान तो किया है

mamata banerjee

mamata banerjee

follow google news

Kolkata: कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के 41 दिनों बाद डॉक्टर्स ने हड़ताल खत्म कर दी है. सुप्रीम कोर्ट और ममता सरकार लगातार डॉक्टर्स से काम पर वापस लौटने की मांग कर रह थे. हालांकि डॉक्टर्स ने काम पर वापस लौटने का ऐलान तो किया है लेकिन डॉक्टर सिर्फ आवश्यक सेवाओं के लिए ही काम करेंगे. उन्होंने हड़ताल को आंशिक रूप से खत्म करने का ऐलान किया है.

यह भी पढ़ें...

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी के विरोध में 9 अगस्त के बाद से जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे थे. सीएम ममता बनर्जी ने कई बार डॉक्टर्स से बात करने की कोशिश की लेकिन वह असफल रही. डॉक्टर्स लगातार अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए थे. 

ममता सरकार ने डॉक्टर्स की कौनसी 3 मांगे मानी

  1. चिकित्सा शिक्षा निदेशक और स्वास्थ्य सेवा निदेशक को हटाया,
  2. पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को भी मंगलवार को हटाकर नए आईपीएस अधिकारी को जिम्मा सौंपा.
  3. कोलकाता पुलिस के उपायुक्त (उत्तर) को भी हटा दिया गया.

क्या थी डॉक्टर्स की 5 मांगे?

  1. मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. 
  2. कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल और स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम के इस्तीफे हो. 
  3. रेप और मर्डर के बाद घटनास्थल से साक्ष्यों को नष्ट करने वाले को सजा दी जाए. 
  4. स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की जाए. 
  5. सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में धमकी की संस्कृति को खत्म किया जाए.

किन शर्तों पर डॉक्टर्स ने धरना खत्म किया 

जूनियर डॉक्टर्स ने 20 सितंबर से स्वास्थ्य भवन और कोलकाता में चल रहे धरना प्रदर्शन को खत्म करने का ऐलान किया. आज शनिवार से सभी डॉक्टर्स काम पर वापस लौटेंगे. डॉक्टर्स ओपीडी में काम नहीं करेंगे, लेकिन आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं में आंशिक रूप से काम करेंगे. 

डॉक्टरों के संगठन के मेंबर डॉ. असफाक ने कहा कि हम यहां से विरोध वापस ले रहे हैं हम शनिवार से काम पर वापस आएंगे क्योंकि बाढ़ है और हमें लोगों की मदद करनी है. लेकिन हमारे सभी मेडिकल कॉलेजों में धरना मंच हैं, जहां हम भी बैठेंगे. हम शनिवार से अपनी सभी आवश्यक सेवाएं शुरू करेंगे. आवश्यक सेवाओं के अंतर्गत आने वाली सभी सेवाओं का ध्यान रखा जाएगा.

उन्होंने बताया, "हम पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा किए गए सभी वादों के क्रियान्वयन के लिए एक सप्ताह तक इंतजार करेंगे और अगर वे पूरे नहीं हुए तो हम काम बंद कर देंगे. न्याय के लिए हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है." 

    follow google newsfollow whatsapp