Caste Census: देश में जाति जनगणना की मांग जोर पकड़ रही है. विपक्ष के नेता राहुल गांधी इसके मुख्य समर्थक हैं. राहुल गांधी लगातार अपने भाषणों में जातिगत जनगणना कराने की मांग कर रहे हैं और सरकार पर हमला बोल रहे हैं कि मोदी सरकार जाति जनगणना नहीं कराना चाहती है. इसके अलावा राहुल ये भी दावा करते हैं कि वह कुछ भी हो जाए लेकिन जाति जनगणना जरूर करवाएंगे. इस बीच गुरुवार को संसदीय समिति की पहली बैठक आयोजित की गई, जिसमें कई विपक्षी दलों के सांसदों ने भाग लिया और जाति जनगणना को एजेंडे में शामिल करने का अनुरोध किया. इस मुद्दे पर जोर देते हुए संसदीय समिति के सदस्य और विपक्षी सांसद अब इस पर जल्द से जल्द चर्चा कराने की मांग कर रहे हैं.
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संसदीय समिति की इस पहली बैठक की अध्यक्षता भाजपा सांसद गणेश सिंह ने की जो मध्य प्रदेश के सतना से सांसद हैं. बैठक के बाद, उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "आज सिर्फ एक परिचय-संबंधी बैठक हुई है" हालांकि, समिति की कार्यवाही को विशेषाधिकार प्राप्त होता है, इसलिए बैठक के दौरान हुई चर्चाओं को सार्वजनिक नहीं किया गया.
बैठक में कांग्रेस के मणिकम टैगोर, टीएमसी के कल्याण बनर्जी, और डीएमके के टीआर बालू जैसे विपक्षी सांसदों ने भाग लिया. इन्होंने समिति से जाति जनगणना को भविष्य की चर्चाओं के एजेंडे में शामिल करने का अनुरोध किया.
विपक्षी सांसदों की मांग और एनडीए का रुख
विपक्षी सांसदों ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि सत्तारूढ़ एनडीए के किस दल ने उनकी मांग का समर्थन किया, लेकिन यह स्पष्ट है कि जेडी (यू) इस मामले में उनके साथ है. बिहार के मुख्यमंत्री और जेडी (यू) नेता नीतीश कुमार पहले ही राज्य में जाति आधारित सर्वेक्षण करा चुके हैं, जिसे पिछले साल सार्वजनिक किए गए थे. इस बैठक में जेडी (यू) का प्रतिनिधित्व बिहार के बांका से सांसद गिरिधारी यादव ने किया.
विपक्षी सांसदों ने यह भी कहा कि जनगणना की प्रक्रिया सितंबर में शुरू होने की संभावना है और वे चाहते हैं कि गृह मंत्रालय जाति जनगणना को भी इस कवायद का हिस्सा बनाए. गौरतलब है कि 2021 में होने वाली जनगणना कोविड-19 महामारी के कारण बाद के लिए टल गई थी.
राहुल गांधी की लोकसभा में टिप्पणी
पिछले महीने लोकसभा में राहुल गांधी ने भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा था, “अनुराग ठाकुर जी ने मेरा अपमान किया लेकिन मैं उनसे कोई माफी नहीं चाहता. मैं लड़ाई लड़ रहा हूं... जितना चाहो मेरा अपमान करो लेकिन यह मत भूलो कि हम यहां (इस सदन में) जाति जनगणना को पारित कराएंगे.”
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