लड़कियों की शादी से जुड़ा ऐसा क्या कानून लाई हिमाचल की कांग्रेस सरकार जिसकी हो रही चर्चा?

News Tak Desk

30 Aug 2024 (अपडेटेड: Aug 30 2024 6:22 PM)

हिमाचल प्रदेश ने लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने का कानून बनाया. जानिए इस नए कानून के पीछे की वजह और इसके प्रभाव.

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Child Act Marriage: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 में लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने का विचार सामने रखा था, लेकिन इसे लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया. इस बीच, हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने इस विचार को वास्तविकता में बदल दिया है, जिससे वह लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.

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हिमाचल प्रदेश की नई कानून व्यवस्था के तहत अब राज्य में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 साल हो गई है. इस नए कानून के अनुसार, 21 साल से कम उम्र में लड़कियों की शादी अब अपराध मानी जाएगी. इससे पहले, राज्य में लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल थी, जो अब बदल गई है। इसके साथ ही, 21 साल से कम उम्र में होने वाली शादी को अवैध घोषित किया जाएगा और इसके लिए सजा का प्रावधान भी होगा।

नए कानून के पीछे कारण

हिमाचल सरकार के अनुसार, इस कानून का उद्देश्य लड़कियों को कम उम्र में शादी से बचाना, उन्हें शिक्षा और विकास के अवसर देना, और उनकी सेहत को सुरक्षित रखना है. कम उम्र में शादी और जल्दी मां बनने से लड़कियों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है, जिसे इस कानून के जरिए रोकने का प्रयास किया गया है. कांग्रेस सरकार के इस कदम का बीजेपी ने भी खुलकर विरोध नहीं किया, हालांकि यह सवाल उठाया गया कि कांग्रेस ने संसद में ऐसे कानून का विरोध क्यों किया था.

केंद्र सरकार का नजरिया

2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने का विचार सामने रखा था और इसके लिए जया जेटली की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स भी बनाई गई थी. इस टास्क फोर्स ने नीति आयोग को अपनी सिफारिशें भी सौंपीं, जिनमें 21 साल की शादी की उम्र को लागू करने की सलाह दी गई थी. इसके लिए सरकार को कई कानूनों में संशोधन करना था, जैसे चाइल्ड मैरिज एक्ट, स्पेशल मैरिज एक्ट और हिंदू मैरिज एक्ट.

हालांकि, 2021 में महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी ने इस बिल को लोकसभा में पेश किया, लेकिन विरोध और बहस के चलते यह बिल संसद की स्थाई समिति के पास भेज दिया गया, जहां से यह फिर ठंडे बस्ते में चला गया.

क्या कहता है इतिहास?

पिछले 100 वर्षों में लड़कियों की शादी की उम्र को लेकर तीन बार कानून बनाए गए या बदले गए हैं. पहली बार 1929 में ब्रिटिश शासन के दौरान शारदा एक्ट के तहत लड़कियों की शादी की उम्र 15 साल तय की गई थी. इसके बाद 1978 में इसे संशोधित कर 18 साल किया गया. अब, हिमाचल प्रदेश ने इस दिशा में नया कदम उठाया है, और वहां लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल हो गई है, जबकि देश के बाकी हिस्सों में यह अभी भी 18 साल ही है.

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