पतंजलि के 'दिव्य दंत मंजन' में नॉनवेज मटेरियल का दावा, फिर मुश्किलों में फंसे बाबा रामदेव

शुभम गुप्ता

31 Aug 2024 (अपडेटेड: Aug 31 2024 4:10 PM)

पतंजलि के "दिव्य दंत मंजन" में नॉनवेज मटेरियल होने का दावा, दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव और अन्य को नोटिस जारी किया. अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी.

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Patanjali-Ramdev Baba: दिल्ली हाईकोर्ट में बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के प्रोडक्ट "दिव्य दंत मंजन" को लेकर एक विवादास्पद याचिका दायर की गई है. इस याचिका में दावा किया गया है कि इस मंजन में मांसाहारी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है, जबकि इसे शाकाहारी प्रोडक्ट के रूप में बाजार में बेचा जा रहा है. याचिका में कहा गया है कि "दिव्य दंत मंजन" में समुद्री जीव "कटलफिश" के तत्व शामिल हैं, जिसे "समुद्र फेन" कहा जाता है. इसे शाकाहारी प्रोडक्ट बताकर उपभोक्ताओं को गुमराह किया जा रहा है.

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कोर्ट की कार्रवाई और नोटिस

दिल्ली हाईकोर्ट ने इस याचिका को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार, पतंजलि, बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता एडवोकेट यतिन शर्मा ने आरोप लगाया है कि उन्होंने पहले भी इस मुद्दे पर दिल्ली पुलिस, हेल्थ और फैमिली वेलफेयर मिनिस्ट्री, FSSAI और आयुष मिनिस्ट्री को शिकायत दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसके बाद उन्हें न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. मामले की अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी.

हरे डॉट का उपयोग और ब्रांडिंग का आरोप

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में बताया कि "दिव्य दंत मंजन" को हरे डॉट के साथ बेचा जा रहा है, जो आमतौर पर शाकाहारी प्रोडक्ट को दर्शाने के लिए होता है. इस हरे डॉट का यूज करके कंपनी उपभोक्ताओं को यह विश्वास दिला रही है कि यह मंजन पूरी तरह से शाकाहारी है, जबकि इसमें नॉनवेज मटेरियल शामिल है. कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद, बाबा रामदेव, और दिव्य फार्मेसी को इस पर जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है.

याचिकाकर्ता एडवोकेट यतिन शर्मा और उनका परिवार लंबे समय से "दिव्य दंत मंजन" का उपयोग कर रहा था, यह सोचकर कि यह शाकाहारी प्रोडक्ट है. यतिन का दावा है कि बाबा रामदेव ने खुद एक वीडियो में स्वीकार किया था कि उनके इस मंजन में "समुद्र फेन" का उपयोग किया जाता है. इसके बावजूद कंपनी ने अपने प्रोडक्ट को शाकाहारी बताकर बाजार में बेचा, जिससे खरीदारों को धोखा दिया गया.

धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि पतंजलि के इस मंजन में नॉनवेज मटेरियल का इस्तेमाल उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है. यतिन ने कहा कि उनका परिवार ब्राह्मण परंपराओं का पालन करता है, जहां मांसाहारी प्रोडक्ट का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. जब उन्हें पता चला कि "दिव्य दंत मंजन" में समुद्र फेन का उपयोग किया गया है, तो उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुईं.

बाबा रामदेव पर पहले भी लगे हैं आरोप

यह पहली बार नहीं है जब बाबा रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि को उनके उत्पादों को लेकर विवादों का सामना करना पड़ा है. पहले भी उन पर भ्रामक विज्ञापनों के मामले में केस दर्ज हुआ था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगने के बाद बंद किया गया था. इसके अलावा पतंजलि के कुछ उत्पादों पर प्रतिबंध भी लगाया गया था.

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