Election News: लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद, अब सभी की नजरें चार राज्यों-जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, महाराष्ट्र, और झारखंड—में होने वाले विधानसभा चुनावों पर टिक गई हैं. चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के लिए चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है. जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में 18 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चुनाव होंगे, जबकि हरियाणा में 5 अक्टूबर को एक ही चरण में मतदान होगा. इन दोनों राज्यों के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे. हालांकि, महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव की तारीखों की घोषणा अभी बाकी है.
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आगामी चुनावों में बीजेपी-एनडीए और कांग्रेस-इंडिया गठबंधन के बीच कड़ी टक्कर की उम्मीद है. इंडिया टुडे के साप्ताहिक कार्यक्रम 'साप्ताहिक सभा' में Tak क्लस्टर के मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांडेकर और कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई ने चारों राज्यों में चुनावी संभावनाओं पर चर्चा की.
हरियाणा में कांग्रेस की बढ़त
राजदीप सरदेसाई के अनुसार, हरियाणा में कांग्रेस इस समय मजबूत स्थिति में है. दस साल की एंटी-इनकंबेंसी और किसानों और महिला रेसलर्स के मुद्दों ने बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाया है. हरियाणा में कांग्रेस की स्थिति अच्छी है और वह सरकार बनाने की दौड़ में आगे है.
जम्मू-कश्मीर में गठबंधन सरकार की संभावना
जम्मू-कश्मीर में चुनाव की स्थिति को लेकर वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि यहां गठबंधन सरकार बनने की संभावना है. 47 सीटें कश्मीर में और 43 सीटें जम्मू में हैं. यह कहना मुश्किल है कि कौन सी पार्टी सबसे आगे होगी. जम्मू क्षेत्र में कांग्रेस की सफलता पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन को फायदा हो सकता है, जबकि बीजेपी को जम्मू में बेहतर प्रदर्शन करना होगा.
झारखंड में कांटे की टक्कर
झारखंड में हेमंत सोरेन के पक्ष में सहानुभूति लहर देखी जा रही है, खासकर ट्राइबल इलाकों में. हालांकि, नॉन-ट्राइबल क्षेत्रों में एंटी-इनकंबेंसी की भावना भी है. राजदीप सरदेसाई के अनुसार, झारखंड में कांटे की टक्कर होगी और नतीजों के बारे में कहना अभी मुश्किल है.
महाराष्ट्र में होगी कांटे की टक्कर
महाराष्ट्र में चुनाव को लेक राजदीप सरदेसाई ने कहा कि यहां कोई स्पष्ट लहर नहीं दिख रही है. बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर होगी. महाराष्ट्र में क्षेत्रवार मतभेद और समीकरण बदल सकते हैं. पिछले 40 वर्षों से महाराष्ट्र में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. इस बार भी चुनाव के अंतिम महीने में ही तय होगा कि हवा किस दिशा में बह रही है.
चारों राज्यों के चुनाव बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए महत्वपूर्ण होंगे. हर राज्य की अलग-अलग चुनौतियां और राजनीतिक समीकरण हैं, जो परिणामों को प्रभावित करेंगे. महाराष्ट्र, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, और हरियाणा के चुनाव परिणाम राष्ट्रीय राजनीति पर भी असर डाल सकते हैं.
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