वर्ल्ड बैंक ने बढ़ाया भारत की विकास दर का अनुमान, क्या होती है विकास दर, कैसे मापी जाती है?

अभिषेक

04 Sep 2024 (अपडेटेड: Sep 4 2024 11:59 AM)

India's Growth Rate: भारत की विकास दर का का पूर्वानुमान जो पहले 6.6 फीसदी था वर्ल्ड बैंक ने उसे बढ़ कर 7 फीसदी कर दिया है.

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India's Growth Rate: वर्ल्ड बैंक ने भारत के विकास के लिए अपने नए पूर्वानुमान बताए है. नए पूर्वानुमान के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए भारत की विकास दर 7 फीसदी रहने का अनुमान है. आपको बता दें कि, इससे पहले ये अनुमान 6.6 फीसदी का था. यानी की भारत की विकास दर और सुदृढ़ होने का अनुमान है. इसके साथ ही विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर ऑगस्टे तानो कौमे ने कहा कि, 'भारत 2014 में 8.2 फीसदी की विकास दर के साथ सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था थी जो अभी भी अच्छी गति से बढ़ रही है'. यह आंकड़ा ये दर्शाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत प्रदर्शन कर रही है.'

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हमने आपको भारत के लिए जारी विकास दर के नवीनतम आंकड़े बताए. आपके मन में ये सवाल उठ रहा होगा कि आखिर ये होता क्या है? इसे कैसे मापा जाता है? इससे क्या प्रभाव पड़ता है? किसी भी देश के लिए ये कितना जरूरी है? आइए हम आपको विस्तार से बताते हैं. 

पहले जानिए क्या होती है किसी भी देश की विकास दर?

किसी भी देश की विकास दर, उस देश की अर्थव्यवस्था के विस्तार या मंदी को मापने का एक तरीका है. यह किसी देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में सालाना होने वाले बदलाव को दर्शाती है. यानी की इससे ये पता लगाया जाता है कि, कोई देश विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है या उस पर मंदी का साया मंडरा रहा है. देश की विकास दर को प्रतिशत के रूप में दर्शाया जाता है. 

आपको बताते चले कि GDP किसी भी अर्थव्यवस्था के आर्थिक प्रदर्शन का एक बुनियादी माप है. इसे एक वर्ष में किसी देश की सीमा के भीतर उत्पादित सभी माल और सेवाओं का बाजार मूल्य है से मापते है. 

कैसे मापा जाता है किसी भी देश का विकास दर?

विश्व बैंक किसी देश के विकास को मापने के लिए विभिन्न संकेतकों आय समूह, जनसंख्या,  GDP-GNI में बदलाव और एटलस रूपांतरण कारक का उपयोग करता है. 
 
- विश्व बैंक देशों को उनकी प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (GNI) के आधार पर आय समूहों में वर्गीकृत करता है. आय समूह के चार निम्न, निम्न-मध्यम, उच्च-मध्यम और उच्च वर्ग हैं.  
 
- विश्व बैंक किसी देश की अर्थव्यवस्था की संरचना और वृद्धि को मापने के लिए GDP, GNI, मूल्य का बढ़ना और पूंजी निर्माण जैसे संकेतकों का उपयोग करता है.
 
- विश्व बैंक जनसंख्या के आकार, वृद्धि, संरचना और वितरण पर आंकड़े भी प्रकाशित करता है. जनसंख्या का उपयोग प्रति व्यक्ति मापों के लिए एक भाजक के रूप में किया जाता है, और इसका उपयोग उधार दरों और ऋण शर्तों को निर्धारित करने के लिए भी किया जाता है. 
 
- विश्व बैंक अमेरिकी डॉलर में प्रति व्यक्ति GNI और GNI की गणना के लिए एटलस रूपांतरण कारक का उपयोग करता है. यह कारक क्रॉस-कंट्री तुलनाओं पर विनिमय दर में उतार-चढ़ाव के प्रभाव को कम करता है. 

उच्च विकास दर के क्या है फायदे?

अगर किसी भी देश की विकास दर का अनुमान उच्च होता है तो ये उस देश के लिए बहुआयामी तौर पर फायदा पहुंचता है. किसी देश की विकास दर का रेट हाई है तो उस देश का GDP-GNI का स्तर अच्छा है यानी वो देश अच्छी गति से विकास कर रहा है. इससे उस देश में विदेशों से बड़ी पूंजी निवेश के रूप में आती है उच्च विकास दर से निवेशकों को ये भरोसा होता है कि उनकी पूंजी सुरक्षित है और उसके निरंतर बढ़ने की संभावना है. 

इसे हम एक उदाहरण से समझते है. जैसे वित्त वर्ष 2024-25  में वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान की विकास दर 1.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है, वहीं भारत की 7 फीसदी है. यानी की पाकिस्तान की विकास दर बहुत की काम है. जिससे ये साफ है कि, कोई भी वैश्विक संस्था या निवेशक वहां पूंजी लगाने से हिचकिचाएगा. वहीं दूसरी तरफ भारत में किस स्थिति उसके बिल्कुल उलट है. 

विश्व बैंक उन देशों में निवेश का समर्थन करता है जो लंबे अवधि के विकास को रेखांकित करते हैं और जो अपने नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने में मदद करते हैं. बैंक स्थिर, न्यायसंगत और कुशल बाजारों, संस्थानों और अर्थव्यवस्थाओं को विकसित करने के लिए नीति निर्माताओं के साथ काम करता है.

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