खेलों में बिहार की बेटियों का परचम, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बढ़ रही है धमक
बिहार की बेटियां आज खेलों में नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं. कभी शिक्षा और खेलों में पिछड़े राज्य के रूप में पहचाने जाने वाले बिहार में अब महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है.
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025: बिहार की बेटियां आज खेलों में नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं. कभी शिक्षा और खेलों में पिछड़े राज्य के रूप में पहचाने जाने वाले बिहार में अब महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है. सरकार की योजनाओं और खिलाड़ियों के संघर्ष ने बिहार की खेल संस्कृति को मजबूत किया है. 2004-05 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की रिपोर्ट में बताया गया था कि बिहार में ग्रामीण महिलाओं का शिक्षा में प्रवेश मात्र 1.21 प्रतिशत था, जो देश में सबसे कम था. लेकिन अब इसमें सुधार हो रहा है.
खेलों में बेटियों की धमक
बिहार की कई बेटियों ने खेलों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना लोहा मनवाया है. नालंदा की गोल्डी कुमारी ने थाईलैंड में आयोजित पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर प्रदेश को गौरवान्वित किया. पटना की माही श्वेता राज ने सीनियर नेशनल स्वीमिंग चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण पदक जीते. सिवान की खुशी कुमारी भारत की जूनियर महिला फुटबॉल टीम में चयनित होकर बिहार का नाम रोशन कर चुकी हैं.
महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन
चार महीने पहले, बिहार ने वुमेन एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का सफल आयोजन किया, जिसमें चीन, जापान, कोरिया, मलेशिया समेत कई देशों की टीमों ने भाग लिया. प्रतियोगिता से पहले आयोजित गौरव यात्रा को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली. इस पहल का उद्देश्य महिलाओं को खेलों में अधिक भागीदारी के लिए प्रेरित करना था.
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'मेडल लाओ, नौकरी पाओ' अभियान का असर
बिहार सरकार की प्रेरणा योजना और 'मेडल लाओ, नौकरी पाओ' अभियान ने खिलाड़ियों में नई ऊर्जा भरी है. इसी योजना के तहत, माही श्वेता राज को दरोगा पद पर नियुक्त किया गया है. बता दें कि खोज प्रतियोगिताओं के जरिए प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को चुनकर उन्हें बेहतर प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
खेल विश्वविद्यालय का निर्माण
हाल ही में बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने 2024-25 का बजट पेश किया. बजट में हर प्रमंडल में खेल अवसंरचना के विकास, पुनपुन में 100 एकड़ में अत्याधुनिक खेल प्रोजेक्ट और हर प्रखंड में आधुनिक स्टेडियम के निर्माण की घोषणा की गई. इसके अलावा, बिहार खेल विश्वविद्यालय की स्थापना भी की जा रही है, जिससे खिलाड़ियों को पेशेवर प्रशिक्षण और उच्च स्तरीय शिक्षा मिलेगी.
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जून में होगी महिला विश्व कप कबड्डी प्रतियोगिता
आपको बता दें कि अगले कुछ महीने बिहार के लिए खेलों के लिहाज से बेहद अहम होने वाले हैं. जून के महीने में महिला विश्व कप कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 15 देशों की महिला खिलाड़ी भाग लेंगी. सेपक टकराव जैसे खेलों का आयोजन भी पहली बार राज्य में होने जा रहा है.
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