PK के नौवीं फेल वाले नैरेटिव पर तेजस्वी ने कर दिया पलटवार, बढ़िया से समझा दिया कौन हूं मैं!

रूपक प्रियदर्शी

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Tejashwi Yadav: तेजस्वी यादव को बिहार में सीएम का दावेदार माना जा रहा है. लालू यादव पॉलिटिक्स में एक्टिव तो हैं लेकिन आरजेडी का भविष्य  तेजस्वी के करिश्मे पर टिका है. तेजस्वी के वक्त आरजेडी घटी नहीं, बल्कि बढ़ती गई है. यहां तक कि 2025 के चुनाव में सत्ता की दावेदार मानी जा रही है. तेजस्वी को बिहार के भावी सीएम की तरह देखा जा रहा है. प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में नई एंट्री हैं. इलेक्शन स्ट्रैटजिस्ट रहे पीके को देश के बहुत सारे नेताओं को चुनाव लड़ाने और जिताने का क्रेडिट दिया जाता है. बस लालू यादव ने कभी उनकी सर्विस नहीं ली. हालांकि ये सब छोड़कर प्रशांत किशोर ने अपनी पॉलिटिकल पार्टी जन सुराज बना ली है. 2025 के चुनाव में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. 

बिहार में बनूंगा विकल्प: PK

पीके कहते हैं कि वो कांग्रेस, बीजेपी, जेडीयू, आरजेडी से अलग एक विकल्प बनेंगे. किसी जमाने में यूएन में नौकरी कर चुके पीके का सारा फोकस इस बात पर है कि किसी तरह से तेजस्वी यादव की इमेज खराब की जाए. देश के बहुत सारे नेताओं पढ़े-लिखे नहीं हैं. डिग्रीधारी नहीं हैं लेकिन पीके का सारा कैंपेन इस पर टिका है कि तेजस्वी लालू के बेटे हैं और नौवीं फेल हैं. 

विराट कोहली मेरी कप्तानी में खेल चुके हैं: तेजस्वी 

तेजस्वी यादव प्रशांत किशोर के ऐसे हमलों पर ज्यादा रिएक्ट नहीं करते. हालांकि पिछले दिनों उन्होंने बिना नाम लिए पलटवार कर दिया. पहली बार खुल अपनी क्वालिफिकेशन पर बात की और कहा कि, हम क्रिकेटर रहे हैं. इसका कोई जिक्र क्यों नहीं करता. विराट कोहली मेरी कप्तानी में खेल चुके हैं. क्यों इसका कोई जिक्र नहीं करता. प्रोफशनली अच्छा क्रिकेटर रहा. मेरे बैचमैट टीम इंडिया में खेल रहे हैं. लिगामेंट फ्रैक्चर के कारण क्रिकेट से नाता टूट गया. 

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क्या सच में हुआ है ऐसा?

बार-बार एक ही बात सुन-सुनकर उकताए तेजस्वी यादव ने ऐसा बाण चला है जिसकी काट किसी के पास है नहीं. तेजस्वी यादव के क्रिकेटिंग करियर का फैक्ट चेक हो रहा है. टीम इंडिया के टॉप क्रिकेटरों के साथ तेजस्वी यादव की पुरानी फोटो वायरल हो रही हैं. तेजस्वी यादव का ये दावा झूठा नहीं है कि उन्होंने प्रोफेशनल क्रिकेट खेली है. उनके बैचमेट टीम इंडिया के खिलाफ खेल चुके या खेल रहे हैं. एक ही मैच में विराट कोहली और तेजस्वी यादव एक-दूसरे के साथ खेले. फैक्ट चेक में ये निकला कि तेजस्वी की कप्तानी में विराट कोहली नहीं, विराट कोहली की कप्तानी में तेजस्वी यादव खेले हैं. वो मैच भी फर्स्ट क्लास नहीं था.  

कैसा रहा तेजस्वी का क्रिकेट करियर?

तेजस्वी यादव का क्रिकेट करियर बहुत लंबा नहीं रहा. फर्स्ट क्लास क्रिकेट 2009 में शुरू हुआ. 2010 में खत्म भी हो गया. नेशनल या इंटरनेशनल क्रिकेट तक तो पहुंचे ही नहीं. ये दावा किया जा रहा है कि तेजस्वी यादव ने 2003 में जम्मू-कश्मीर के खिलाफ दिल्ली की अंडर-15 टीम में डेब्यू किया था. तब विराट कोहली दिल्ली अंडर-15 टीम के कप्तान थे. 

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क्रिकेट की बड़ी वेबसाइड espncricinfo.com पर तेजस्वी यादव के क्रिकेट स्टैट मौजूद हैं. तेजस्वी की Batting Style Right hand Batsman, Bowling Style Right arm Bowler, Playing Role Middle order Batsman का रहा. उनके नाम पर दो टीमें लिस्टेड हैं. आईपीएल टीम दिल्ली डेयरडेविल्स और दिल्ली अंडर 19. तेजस्वी यादव ने झारखंड के लिए खेलते हुए तेजस्वी ने 1 फर्स्ट क्लास, 2 लिस्ट ए और 4 टी20 मैच खेले हैं. फर्स्ट क्लास की 2 पारियों में 20 रन, लिस्ट ए की 2 पारियों में 14 रन स्कोर किए. बॉलिंग करते हुए एक विकेट लिया. टी20 मैच की 1 पारी में सिर्फ 3 रन स्कोर कर पाए. आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स टीम में आए थे.  हालांकि 2008 से 2012 तक दिल्ली डेयरडेविल्स में रहे लेकिन प्लेइंग इलेवन में कभी नंबर नहीं लगा.

तेजस्वी का क्रिकेट करियर तो नहीं खींचा लेकिन बिहार की राजनीति में डटकर लंबी पारी खेल रहे हैं. लालू के बेटे होने से राजनीति विरासत में मिली. 2015 में उन्होंने पहला चुनाव राघोपुर से जीता. तेजस्वी की बड़ी बहन मीसा भारती और तेज प्रताप भी राजनीति में हैं लेकिन लालू ने आरजेडी की कमान तेजस्वी यादव को सौंपी. 

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सियासत में नीतीश-तेजस्वी का चाचा-भतीजे के रिश्ते ने दी धार 

बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार और लालू यादव किसी जमाने के दोस्त होते थे. फिर अलग-अलग पार्टियां बनाकर एक-दूसरे के खिलाफ हो गए. 2014 के चुनाव में जेडीयू, आरजेडी दोनों खराब किया था. कहा जाता है कि तब तेजस्वी ने लालू को आइडिया दिया कि नीतीश कुमार, कांग्रेस को लेकर अलायंस करना चाहिए. महागठबंधन बिहार की राजनीति का सबसे बड़ा प्रयोग था जो सफल रहा. तेजस्वी की ही पहल पर 2015 में पहली बार नीतीश-लालू साथ आए. जीत भर कर सीटें जीती और मिलकर सरकार बनाई. तेजस्वी यादव पहला चुनाव जीतते ही डिप्टी सीएम बन गए. नीतीश-तेजस्वी का चाचा-भतीजा का रिश्ता बन गया.

2017 में सीबीआई ने रेलवे घोटाले में पूरे लालू परिवार पर शिकंजा कस दिया तो नीतीश ने आरजेडी से अलायंस खत्म करके बीजेपी के साथ चले गए. पल झपकते डिप्टी सीएम से विपक्ष के नेता बन गए तेजस्वी यादव. गुस्से में नीतीश कुमार को पुकारना शुरू कर दिया. पलटू चाचा. नीतीश इधर-उधर होते रहे लेकिन राहुल गांधी को तेजस्वी यादव की काबिलियत दिखती है. करीब 10 साल से आरजेडी-कांग्रेस का गठबंधन चल रहा है. जिसमें आरजेडी लीड रोल में होती है.

पिछले विधानसभा चुनाव में तेजस्वी ने कर दिया था धमाका 

आरजेडी को 2020 का विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव ने लड़वाया और धमाका कर दिया. 243 में से 110 सीटें जीतकर आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बन गई. जेडीयू की सीटें 50 से नीचे खिसक गईं. तब नीतीश कुमार का बीजेपी से मोह भंग होने लगा. 2022 में नीतीश ने फिर पलटी मारी. तेजस्वी के साथ दूसरी बार सरकार बनाई. फिर तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बने लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने एक और पलटी मारकर तेजस्वी का ताज छीन लिया. नीतीश कुमार बिहार में बीजेपी का समर्थन लेकर केंद्र में बीजेपी को समर्थन देकर सत्ता सुख भोग रहे हैं.

लोकसभा चुनाव में आरजेडी, कांग्रेस मिलकर अच्छा नहीं कर पाए. विधानसभा चुनाव के लिए तेजस्वी यादव ने पूरा जोर लगाया हुआ है. बिहार में उनकी यात्रा चल रही है जिसका बड़ा इम्तिहान अगले साल विधानसभा चुनाव में होना है. अगले साल 2025 का चुनाव निर्णायक माना जा रहा है. नीतीश कुमार बीजेपी के साथ रहेंगे या तेजस्वी कांग्रेस को साथ लेकर नीतीश-बीजेपी को हराएंगे, इसको लेकर अभी से बिहार की राजनीति तप रही है. 2025 के सेंटर में हैं तेजस्वी यादव.

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