इनकम टैक्स के ये नए नियम उड़ा देंगे होश, जानिए नया अपडेट
1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-2026 का बजट पेश किया. इस दौरान जैसे ही लोगों को 12 लाख रुपये तक की आय के टैक्स फ्री होने के बारे में पता चला तो उन्होंने राहत की सांस ली थी. लेकिन, अब केंद्र सरकार एक ऐसा कानून लाने की तैयारी कर रही है जिससे लोगों की चिंता बढ़ गई है.
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1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-2026 का बजट पेश किया. इस दौरान जैसे ही लोगों को 12 लाख रुपये तक की आय के टैक्स फ्री होने के बारे में पता चला तो उन्होंने राहत की सांस ली थी. लेकिन, अब केंद्र सरकार एक ऐसा कानून लाने की तैयारी कर रही है जिससे लोगों की चिंता बढ़ गई है. हालांकि, ईमानदार टैक्सपेयर्स को इससे कोई असुविधा नहीं होगी, लेकिन टैक्स चोरी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. क्या है यह नया कानून और कौन-कौन से वे डिजिटल अकाउंट हैं, जिन्हें खंगालने की शक्ति इनकम टैक्स विभाग को मिल जाएगी? चलिए जानते हैं.
नए टैक्स कानून में बढ़ेगी निगरानी!
सरकार इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को ऐसी पावर देने जा रही है जिससे कि उसे आपके सोशल मीडिया अकाउंट्स, निजी ईमेल, बैंक और ट्रेडिंग अकाउंट्स तक पहुंचने का कानूनी अधिकार मिल जाएगा.
टैक्स चोरी करने वालों की अब खैर नहीं
इनकम टैक्स अधिकारियों को अभी तक इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 132 के तहत केवल घरों, लॉकरों और तिजोरियों की तलाशी लेने का अधिकार था. लेकिन अब 1 अप्रैल 2026 से इसका दायरा बढ़ जाएगा. नए कानून के मुताबिक, अगर अधिकारियों को टैक्स चोरी से जुड़ी कोई भी जानकारी छिपाने का शक होता है तो अब उन्हें आपके कंप्यूटर और ऑनलाइन अकाउंट्स तक पहुंचने का भी अधिकार मिल जाएगा.
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इन डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की होगी निगरानी
- सोशल मीडिया अकाउंट्स (Facebook, X, Instagram)
- ईमेल
- ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग अकाउंट
- बैंक अकाउंट्स
- रिमोट और क्लाउड स्टोरेज
ये अधिकारी देख सकते हैं डिजिटल जानकारी
- ज्वाइंट डायरेक्टर / एडिशनल डायरेक्टर
- ज्वाइंट कमिश्नर / एडिशनल कमिश्नर
- असिस्टेंट डायरेक्टर / डिप्टी डायरेक्टर
- इनकम टैक्स अफसर / रिकवरी अफसर
मना करने के बाद भी लिया जा सकता है अकाउंट का एक्सेस
माना जा रहा है कि इस नए कानून के आने से ईमानदार टैक्सपेयर्स को कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन टैक्स चोरी करने वालों पर पैनी नजर रहेगी. हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इस कानून से निजता (Privacy) पर खतरा बढ़ सकता है. अगर अधिकारियों को लगता है कि किसी व्यक्ति ने टैक्स चोरी की है, तो वे उसके क्लाउड डेटा और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स तक भी एक्सेस ले सकते हैं. अगर कोई व्यक्ति एक्सेस कोड देने से मना करता है, तो वे उसे ओवरराइड करके भी एक्सेस कर सकते हैं.
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