Delhi: तुगलक लेन हुआ विवेकानंद मार्ग? बीजेपी सांसदों के सरकारी आवास के बाहर लगी नेमप्लेट में बदले नाम!
Tughlaq Lane became Vivekanand Marg: दिल्ली में सड़कों के नाम बदलने की सियासत फिर से सुर्खियों में आ गई है. भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा और सहकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के सरकारी आवास के बाहर लगी नेमप्लेट पर तुगलक लेन के साथ ‘स्वामी विवेकानंद मार्ग’ लिखा गया है.
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Tughlaq Lane became Vivekanand Marg: दिल्ली में सड़कों के नाम बदलने की सियासत फिर से सुर्खियों में आ गई है. भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा और सहकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के सरकारी आवास के बाहर लगी नेमप्लेट पर तुगलक लेन के साथ ‘स्वामी विवेकानंद मार्ग’ लिखा गया है. हालांकि, यह बदलाव अभी तक आधिकारिक तौर पर लागू नहीं हुआ है, लेकिन नाम बदलने से राजनीतिक माहौल को गर्म हो गया है.
सांसद दिनेश शर्मा ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी
डॉ. दिनेश शर्मा ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर इस बदलाव की घोषणा करते हुए लिखा, "नई दिल्ली में अपने नए आवास 6-स्वामी विवेकानंद मार्ग (तुगलक लेन) में परिवार सहित विधिवत पूजा-पाठ के साथ गृह प्रवेश किया." इसके साथ ही उन्होंने गृह प्रवेश के फोटो भी साझा किए, जिनमें उनके घर के बाहर लगी नेमप्लेट पर ‘स्वामी विवेकानंद मार्ग’ स्पष्ट रूप से लिखा हुआ दिखाई दे रहा है. इस पोस्ट के बाद से यह मामला सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है.
नजफगढ़ का नाम ‘नाहरगढ़’ करने की मांग
इससे पहले, 27 फरवरी को दिल्ली विधानसभा में बीजेपी विधायक नीलम पहलवान ने नजफगढ़ का नाम बदलकर ‘नाहरगढ़’ करने का प्रस्ताव रखा. उनका कहना था कि 1857 की क्रांति में राजा नाहर सिंह ने इस क्षेत्र को दिल्ली में शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. हालांकि, कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद यह बदलाव अभी तक लागू नहीं हुआ है.
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इसके अलावा, दक्षिणी दिल्ली के आरके पुरम से विधायक अनिल शर्मा ने महोमदपुर गांव का नाम बदलने की मांग की. पहले भी विधायक मोहन सिंह बिष्ट मुस्तफाबाद को ‘शिवपुरी’ या ‘शिव विहार’ करने की मांग उठा चुके हैं.
दिल्ली में पहले बदले गए सड़कों के नाम
- औरंगजेब रोड – डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रोड (2015)
- डलहौजी रोड – दीन दयाल उपाध्याय मार्ग (2017)
- राजपथ – कर्तव्य पथ (2022)
- रेस कोर्स रोड – लोक कल्याण मार्ग (2016)
साल 2022 में दिल्ली बीजेपी ने कई सड़कों के नाम बदलने का प्रस्ताव रखा था, जिन्हें वे “मुस्लिम गुलामी” का प्रतीक मानते हैं. बीजेपी ने सुझाए थे ये नाम:
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- तुगलक रोड – गुरु गोबिंद सिंह मार्ग
- अकबर रोड – महाराणा प्रताप रोड
- हुमायूं रोड – महर्षि वाल्मीकि रोड
- शाहजहां रोड – जनरल बिपिन रावत रोड
दिल्ली में सड़क का नाम बदलने की प्रक्रिया क्या है?
दिल्ली में किसी सड़क या स्थान का नाम बदलने के लिए एक निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया जाता है. सबसे पहले, नाम बदलने का प्रस्ताव नई दिल्ली नगर निगम (NDMC) के पास भेजना होता है. यह प्रस्ताव स्थानीय निवासियों, गैर-सरकारी संगठनों या विदेश मंत्रालय की ओर से आ सकता है. प्रस्ताव के बाद यह एनडीएमसी के सामान्य विभाग को भेजा जाता है, जहां से इसे 13 सदस्यों वाली विशेष समिति के पास विचार के लिए भेजा जाता है. यह समिति ही नामकरण या नाम परिवर्तन से जुड़े सभी पहलुओं की जांच करती है.
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प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद पोस्ट मास्टर जनरल को इसकी सूचना दी जाती है. गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के अनुसार, नाम बदलते समय स्थानीय लोगों की भावनाओं और संभावित भ्रम से बचने का विशेष ध्यान रखा जाता है. इस पूरी प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित करना अनिवार्य होता है.
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