हरियाणा के इस पूर्व मंत्री ने भी दे दिया BJP को झटका, कौन हैं विक्रम यादव जिन्होंने दे दिया इस्तीफा
Haryana Assembly Elections: हरियाणा में बीजेपी को झटके पर झटके लग रहे हैं. आधा दर्जन बड़े नेता टिकट कटने से नाराज होकर बागी हो चुके हैं. अब एक अन्य पूर्व मंत्री विक्रम सिंह यादव ने भी टिकट कटने पर बीजेपी से नाता तोड़ लिया है और इस्तीफा दे दिया है.
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न्यूज़ हाइलाइट्स
हरियाणा में बीजेपी को झटके पर झटके लग रहे हैं.
आधा दर्जन बड़े नेता टिकट कटने से नाराज होकर बागी हो चुके हैं.
अब एक अन्य पूर्व मंत्री विक्रम सिंह यादव ने भी टिकट कटने पर बीजेपी से नाता तोड़ लिया है.
Haryana Assembly Elections: हरियाणा में बीजेपी को झटके पर झटके लग रहे हैं. आधा दर्जन बड़े नेता टिकट कटने से नाराज होकर बागी हो चुके हैं. अब एक अन्य पूर्व मंत्री विक्रम सिंह यादव ने भी टिकट कटने पर बीजेपी से नाता तोड़ लिया है और इस्तीफा दे दिया है. हरियाणा के रेवाड़ी जिले के चर्चित भाजपाई नेता हैं विक्रम सिंह यादव. वे रेवाड़ी जिले की कोसली विधानसभा सीट से बीजेपी से टिकट मांग रहे थे लेकिन बीजेपी ने उनको टिकट नहीं दिया. इस बात से नाराज होकर विक्रम सिंह यादव ने बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से ही इस्तीफा दे दिया है.
विक्रम सिंह यादव बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से बड़े पैमाने पर नाराज हैं. उन्होंने अपनी नाराजगी एक जनसभा को बुलाकर जाहिर की और सार्वजनिक रूप से बताया कि वे बीजेपी से इस्तीफा देने जा रहे हैं. उन्होंने इस जनसभा में संकेत भी दिए कि वे निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन अभी तक उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा नहीं जमा किया है.
विक्रम सिंह यादव ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष को भेजे अपने पत्र में लिखते हैं कि बीजेपी से वे उनकी राष्ट्रवादी विचारधारा और आदर्श राजनीति के लिए जुड़े थे. लेकिन पार्टी अब अपने मकसद से भटक चुकी है. पार्टी कार्यकर्ताओं के समर्पण और अनुशासन को कमजोर समझने लगी है. इसी कारण वे पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं. विक्रम यादव 2014 में कोसली सीट से ही बीजेपी के विधायक चुने गए थे और उस समय उनको प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री बनाया गया था.
सूत्रों के अनुसार विक्रम सिंह यादव बीजेपी के अंदर राव इंद्रजीत सिंह और मनोहर लाल खट्टर के बीच कैंप वॉर का शिकार हो गए. पहले वे जब राज्य मंत्री बनाए गए थे तब वे राव इंद्रजीत सिंह के कैंप का हिस्सा थे और उनकी सिफारिश से ही वे मंत्री बने थे लेकिन बाद में वे पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के नजदीक आ गए थे. जिससे राव इंद्रजीत सिंह का खेमा उनसे नाराज हो गया और बाद में 2019 के विधानसभा चुनाव में भी उनका टिकट काट दिया गया था और इस बार भी ऐसा ही हुआ. इस वजह से विक्रम यादव ने इस बार पार्टी से इस्तीफा देने का फैसला ले लिया.
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कांग्रेस में शामिल होने की चल रही चर्चा
ऐसी चर्चाएं चल रही हैं कि अगले 24 घंटे में विक्रम सिंह यादव कांग्रेस पार्टी में शामिल हो सकते हैं. रोहतक से कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा कोसली में कांग्रेस उम्मीदवार के लिए जनसभा करने जा रहे हैं. संभावना है कि इसी जनसभा में पूर्व मंत्री विक्रम यादव को कांग्रेस में शामिल कराया जा सकता है. हालांक इसकी पुष्टि अभी तक न तो विक्रम यादव ने की है और न ही कांग्रेस पार्टी ने लेकिन इस बात की चर्चा अब जोरों पर है.
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