मध्यप्रदेश में विवादों से घिरा रहा बीजेपी का 'सदस्यता अभियान', धोखे और जबरदस्ती से सदस्य बनाने के लगे आरोप

अभिषेक शर्मा

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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मध्यप्रदेश में बीजेपी का सदस्यता अभियान पूरा हो गया है.

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बीजेपी पर आरोप लगे हैं कि लोगों को धोखे से और कई बार जबरदस्ती करके सदस्य बनाया गया है.

MP News: मध्यप्रदेश में बीजेपी का सदस्यता अभियान पूरा हो गया है. लेकिन इस अभियान के दौरान जो कुछ हुआ, उसने बीजेपी संगठन को सवालों के घेरे में खड़ा जरूर कर दिया है. बीजेपी पर आरोप लगे हैं कि लोगों को धोखे से और कई बार जबरदस्ती करके सदस्य बनाया गया है. बीजेपी ने इन आरोपों को खारिज किया है.

बीजेपी का मध्यप्रदेश में सदस्यता अभियान 1 सितंबर से शुरू हुआ था. सबसे पहले सदस्य के तौर सीएम मोहन यादव ने प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को जोड़ा था. इसके बाद ये अभियान पूरे प्रदेश में चलाया गया लेकिन इस दौरान कई तरह के विवाद सामने आए. जिसमें एक कॉमन आरोप यही लगा कि बीजेपी लोगों के साथ जबरदस्ती करके या सरकारी सुविधाओं का लाभ दिलाने के बहाने धाेखे से सदस्य बना रही है.

गुना एड्स सेमिनार का आयोजन हुआ था. आरोप लगे हैं कि इस सेमिनार में आए छात्रों को धोखे से एक नंबर पर मिस्ड कॉल कराया गया. जिसके बाद उनके मोबाइल पर मैसेज आया कि वे बीजेपी के सदस्य बन गए हैं. छात्रों ने इस पर ऐतराज जताया. उन्होंने इसे धोखे से सदस्य बनाया जाना बताया. मोबाइल का कवर एक रुपए में देने के ऑफर गुना-राघौगढ़ क्षेत्र में लोगों को दिए गए. बदले में बीजेपी का सदस्य बनने की शर्त को पूरा करना था.

सदस्यता अभियान के दौरान ये बड़े विवाद आए सामने

पांढुर्णा में महिला एवं बाल विकास विभाग की एक सुपरवाइजर पर आरोप लगे कि वह लाड़ली बहनों को बीजेपी का सदस्य बनाने दबाव डाल रही है. इसे लेकर एक ऑडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ. एमपी कांग्रेस ने भी आरोप लगाए कि भोपाल नगर निगम के दो कर्मचारियों ने खुलकर बताया कि वे बीजेपी के सक्रिय सदस्य हैं और उनको मेंबरशिप दिलवाई गई है. इनके फोटो और आईडी एमपी कांग्रेस ने एक्स पर पाेस्ट करके सार्वजनिक की. नेता प्रतिपक्ष उमंघ सिंघार के अनुसार भोपाल के छोला रोड स्थित राशन की शासकीय दुकान पर झूठी केवाईसी के नाम पर भाजपा सदस्यता अभियान चलाया गया.

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सबसे चर्चित मामला था छतरपुर के बमीठा का. यहां पर यूपी के रहने वाले एक युवक मानवेंद्र सिंह यादव से कुछ लोगों ने जोर-जबरदस्ती करके बीजेपी का सदस्य बनाने की कोशिश की. जब इन्होंने इनकार किया तो सदस्य बनाने आए कार्यकर्ताओं ने मानवेंद्र के साथ मारपीट करके उनका मोबाइल तक छीन लिया था. इसके बाद मामले में पुलिस ने दखल देकर अज्ञात लोगों के खिलाफ मारपीट का मुकदमा दर्ज किया. बीजेपी ने बयान जारी कर बताया कि मारपीट करने वाले उनके कार्यकर्ता नहीं हैं.

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