MP में मंत्रियों के रवैये से जनता हुई परेशान, अब पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल से सरपंच हुए नाराज

अभिषेक शर्मा

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Madhya Pradesh Panchayat Minister Prahlad Patel
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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मध्यप्रदेश के मंत्रियों से बढ़ रही लोगों की नाराजगी.

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पहले अतिथि शिक्षक और अब सरपंच हुए नाराज.

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भिंड जिले में पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल के रवैये के प्रति सरपंचों ने दिखाया गुस्सा.

MP News: मध्यप्रदेश में मंत्रियों के सिर पर सत्ता सिर चढ़कर नाच रही है. उनके रवैये से तो यही जाहिर हो रहा है. पहले अतिथि शिक्षकों से गलत व्यवहार के लिए स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह सुर्खियों में आए और अब सरपंचों की अनदेखी करने को लेकर पंचायम मंत्री प्रहलाद पटेल भी खबरों में हैं.

प्रहलाद पटेल बीते रोज चंबल अंचल के भिंड जिले में पहुंचे थे. चूंकि वे पंचायत मंत्री हैं, इसलिए पूरे भिंड जिले के सरपंच अपनी-अपनी मांगों को लेकर उनसे मिलने मेहगांव सर्किट हाउस पहुंचे थे. सरपंच उनको ज्ञापन सौंपकर उन परेशानियों के बारे में बताना चाहते थे, जिसकी वजह से उनके गांव-देहात में जनता से जुड़े बुनियादी काम नहीं हो पा रहे हैं.

अफसरों की मनमानी के चलते सरपंचों को बजट मिलने, काम समय पर पूरा नहीं होने जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहाा है. इन परेशानियों को बताने सरपंच मेहगांव सर्किट हाउस में पंचायत मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल से मिलने पहुंचे लेकिन यहां पर प्रहलाद सिंह पटेल ने सरपंचों को सुनना तो दूर उनसे मिलने से भी इनकार कर दिया. वे सरपंचों का ज्ञापन लिए बिना ही वहां से चले गए. प्रहलाद पटेल के इस रवैये से नाराज होकर सरपंचों ने सर्किट हाउस के बाहर ही धरना दे दिया.

कैबिनेट मंत्री राकेश शुक्ला को सरपंचों ने घेर लिया

इस बीच स्थानीय विधायक और कैबिनेट मंत्री राकेश शुक्ला का भी वहां से निकलना हुआ. नाराज सरपंचों को प्रहलाद पटेल का घेराव करने का मौका नहीं मिला तो उन्होंने मंत्री राकेश शुक्ला का ही घेराव कर लिया और उनकी गाड़ी के आगे सड़क पर बैठकर नारेबाजी और धरना शुरू का दिया. सरपंचों का कहना था कि प्रहलाद पटेल न सिर्फ पंचायत मंत्री हैं बल्कि वे भिंड जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं. वे प्रभारी मंत्री के रूप में ही भिंड जिले का दौरा करने आए थे. ऐसे में उनको सरपंचों से मिलकर उनकी परेशानी जानने में क्या दिक्कत थी. यदि प्रभारी मंत्री अपने प्रभार वाले जिले में अपने ही विभाग की परेशानियों को नहीं सुनेगा तो सरपंच हों या आम जनता वे अपनी परेशानी लेकर किसके पास जाएंगे.

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सीएम मोहन यादव के निर्देश, प्रभारी मंत्रियों को सुननी होगी स्थानीय समस्याएं

सीएम मोहन यादव ने जिलों का प्रभार देते वक्त ही स्पष्ट निर्देश दिए थे कि सभी मंत्रियों को उनके प्रभाव वाले जिलों में महीने में दो बार जाना होगा. नाइट स्टे करना होगा और स्थानीय लोगों की परेशानी को सुनने के लिए बैठक या दरबार लगाना होगा. जिससे आम लोग अपनी परेशानियों को प्रभारी मंत्री तक पहुंचाकर स्थानीय स्तर पर ही परेशानियों का निराकरण हो सके. लेकिन जिस तरह का रवैया पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल ने भिंड जिले में दिखाया, उससे जिले के तमाम सरपंच न सिर्फ नाराज हो गए बल्कि उनके गुस्से का सामना एक अन्य कैबिनेट मंत्री राकेश शुक्ला को करना पड़ गया. काफी देर मान-मनोव्वल के बाद सरपंचों ने राकेश शुक्ला को वहां से जाने दिया.

स्कूल शिक्षा मंत्री ने भी किया था गलत व्यवहार

कुछ समय पहले स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह से अपनी मांगों को लेकर अतिथि शिक्षक मिलने पहुंचे थे. अतिथि शिक्षक नियमितिकरण की मांग लंबे समय से कर रहे हैं. विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने अतिथि शिक्षकों को नियमित के जैसे ही संविलियन कराने का वादा कर वोट ले लिए लेकिन जब सरकार बन गई और अतिथि शिक्षक अपने स्कूल शिक्षा मंत्री को सरकार के वादे की याद दिलाने पहुंचे तो स्कूल शिक्षा मंत्री ने अतिथि शिक्षकों को खरी-खोटी सुना दी.

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उन्होंने कह दिया कि आप लोग अतिथि हो और अतिथि का मतलब होता है मेहमान. मेहमान बनकर घर में आओगे तो क्या घर पर ही कब्जा कर लोगे. इस तरह के कड़वे शब्द सुनने की उम्मीद अतिथि शिक्षकों ने स्कूल शिक्षा मंत्री से नहीं की थी, जिसके बाद प्रदेशभर में स्कूल शिक्षा मंत्री के खिलाफ अतिथि शिक्षकों ने आंदोलन किया और बाद में स्कूल शिक्षा मंत्री पर जब दबाव बढ़ गया तो उन्हें अतिथि शिक्षकों से माफी तक मांगना पड़ी थी.

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