धनकुबेर कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा रेड: MP सरकार का बड़ा एक्शन, अब ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को हटाया
MP News: सौरभ शर्मा और उनकी पत्नी पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है, लेकिन अब तक उनका कोई सुराग नहीं मिला है. यह मामला तब और गंभीर हो गया जब यह पता चला कि सौरभ शर्मा परिवहन विभाग में कांस्टेबल होते हुए भी बड़े नेताओं और अधिकारियों के करीबी थे.
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MP News: मध्य प्रदेश में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के घर हुई छापेमारी और करोड़ों की संपत्ति के खुलासे के बाद सरकार ने कड़ा एक्शन लिया है. इस मामले के बीच राज्य सरकार ने परिवहन विभाग की आयुक्त डीपी गुप्ता को हटा दिया है और उनके स्थान पर आईपीएस अधिकारी विवेक शर्मा को परिवहन आयुक्त बनाया गया है. इससे पहले भी सरकार कई पुलिस अधिकारियों को जांच से हटा चुकी है, क्योंकि जानकारी लीक होने का डर था.
हाल ही में आयकर विभाग और लोकायुक्त की संयुक्त कार्रवाई में सौरभ शर्मा के ठिकानों से भारी मात्रा में नकदी, सोना और चांदी बरामद हुई. रिपोर्ट के मुताबिक, छापेमारी के दौरान एक कार से 54 किलोग्राम सोना और 10 करोड़ रुपये नकद मिले. इसके अलावा उनकी चल-अचल संपत्तियों का भी खुलासा हुआ है, जिसकी कीमत करोड़ों में आंकी गई है.
सौरभ शर्मा और उनकी पत्नी पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है, लेकिन अब तक उनका कोई सुराग नहीं मिला है. यह मामला तब और गंभीर हो गया जब यह पता चला कि सौरभ शर्मा परिवहन विभाग में कांस्टेबल होते हुए भी बड़े नेताओं और अधिकारियों के करीबी थे.
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परिवहन आयुक्त डीपी गुप्ता को हटाया गया
इस केस के बाद सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए परिवहन विभाग की आयुक्त डीपी गुप्ता को उनके पद से हटा दिया. गृह विभाग के सचिव ओम प्रकाश श्रीवास्तव ने आदेश जारी कर बताया कि डीपी गुप्ता को पुलिस मुख्यालय, भोपाल में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के रूप में ट्रांसफर किया गया है. उनकी जगह आईपीएस अधिकारी विवेक शर्मा को परिवहन आयुक्त की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

वसूली की शिकायतें बनीं कारण
परिवहन विभाग की चौकियों पर अवैध वसूली की शिकायतें पहले से ही चर्चा में थीं. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने पहले ही ऐसी चौकियों को बंद कर दिया था, जहां अवैध वसूली की घटनाएं सामने आई थीं. हालांकि, कुछ नए चेक प्वाइंट शुरू किए गए हैं. यह माना जा रहा है कि इन शिकायतों और सौरभ शर्मा मामले के कारण ही परिवहन आयुक्त को हटाने का फैसला लिया गया.
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MP News: लुकआउट नोटिस जारी होने के बाद करोड़पति कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के ठिकानों पर ED की छापेमारी
सौरभ शर्मा का नेटवर्क और राजनीतिक रसूख
सौरभ शर्मा को कई राजनेताओं और अधिकारियों का करीबी माना जा रहा है. यह भी कहा जा रहा है कि परिवहन विभाग में ट्रांसफर और पोस्टिंग से लेकर चौकियों पर नियुक्ति तक के फैसले सौरभ शर्मा की मर्जी से होते थे. उनके करोड़पति होने का खुलासा राज्य की राजनीति में हलचल मचा चुका है.
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विपक्ष ने सरकार को घेरा
इस पूरे मामले पर विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए सवाल उठाए हैं. विपक्ष का कहना है कि सौरभ शर्मा जैसे छोटे पद पर कार्यरत व्यक्ति के पास इतनी संपत्ति का होना यह दर्शाता है कि राज्य में भ्रष्टाचार किस हद तक फैला हुआ है. सरकार ने इस मामले में एक्शन मोड में आते हुए न केवल आयुक्त को बदला, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि मामले की जांच तेजी से आगे बढ़े. मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा.
ईडी ने छापे में सौरभ शर्मा के घर, दफ्तर में क्या-क्या मिला
ईडी भोपाल ने करोड़पति सौरभ शर्मा और अन्य के मामले में मध्य प्रदेश के भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर जिलों में स्थित विभिन्न परिसरों में पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के तहत 27.12.2024 को तलाशी अभियान चलाया. तलाशी अभियान के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज सौरभ शर्मा के सहयोगी चेतन सिंह गौर के नाम पर 6 करोड़ रुपये से अधिक की सावधि जमा के रूप में चल संपत्ति, सौरभ शर्मा के परिवार के सदस्यों और कंपनियों के नाम पर 4 करोड़ रुपये से अधिक का बैंक बैलेंस और 23 करोड़ रुपये से अधिक की अचल संपत्ति/संपत्ति से संबंधित दस्तावेज पाए गए. उन्हें जब्त कर लिया गया है.
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