वर्कलोड ने ले ली 26 साल की CA की जान? अंतिम संस्कार में भी नहीं आए सहकर्मी, एना की मां का हैरान करने वाला लेटर
Anna Sebastian: सोशल मीडिया पर बुधवार को एक लेटर काफी वायरल हुआ. इस लेटर में 26 साल की सीएम एना की मां ने ईवाई कंपनी पर आरोप लगाया है कि वर्कलोड के कारण उनकी बेटी की मौत हो गई है.
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न्यूज़ हाइलाइट्स
26 साल की सीए एना सेबिस्टियन की वर्कलोड के कारण हुई मौत?
एना की मां ने कंपनी पर लगाए गंभीर आरोप
एना की मां का लिखा लेटर हो रहा वायरल
Anna Sebastian: सोशल मीडिया पर बुधवार को एक महिला का लेटर तेजी से वायरल हुआ. महिला का नाम अनीता है. अनीता ने ये लेटर Ernst & Young (EY) इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी को लिखा था. लेटर में अनीता ने दावा किया कि उनकी बेटी एना सेबेस्टियन की मौत कंपनी में काम के वर्कलोड के कारण हुई. उन्होंने बताया कि उनकी बेटी प्रतिष्ठित कंपनी में अपनी पहली नौकरी पाकर बेहद खुश थी. बता दें कि ये मामला महाराष्ट्र के पुणे का है. एना 26 साल की थी. उन्होंने इसी साल मार्च में कंपनी जॉइन की थी और चार महीने बाद जुलाई में उसकी मौत हो गई.
मां ने कंपनी पर लगाए गंभीर आरोप
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस लेटर ने सबका ध्यान खींचा है. अनीता ने अपने लेटर में लिखा कि उनकी बेटी एना पर काम का इतना दबाव था कि उसे शारीरिक और मानसिक रूप से काफी नुकसान हुआ. अनीता ने कहा कि काम के वर्कलोड, नए माहौल और लंबे समय तक काम करने से उनकी बेटी एना के स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर पड़ा. उसे निंद नहीं आती थी और वह वर्कलोड के तनाव से जूझने लगी थी.
वर्कलोड और तनाव का शिकार
अनीता के अनुसार एना को इतना काम दिया जाता था कि बिना निंद लिए अक्सर देर रात तक काम करती थी. यहां तक कि वीकेंड्स पर भी उसे आराम नहीं मिलता था. उसका मैनेजर अक्सर दिन के आखिर में उसे नया काम दे देता था, जिसके कारण वह रात भर काम करती और अगले दिन बिना आराम किए फिर से ऑफिस चली जाती थी.
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एना ने सीने में जकड़न की शिकायत की थी
एना की मां ने अपने लेटर में लिखा कि 6 जुलाई को वह और उनके पति पुणे पहुंचे थे, ताकि एना के सीए कॉनवोकेशन में शामिल हो सकें. इससे पहले, एना ने बताया था कि उसे सीने में जकड़न महसूस हो रही है, इसलिए वे उसे अस्पताल ले गए. जांच में ECG सामान्य आया और डॉक्टर ने बताया कि एना पर्याप्त नींद नहीं ले रही और समय पर खाना नहीं खा रही थी. डॉक्टर ने एंटासिड दवा दी, जिससे हमें लगा कि कोई गंभीर समस्या नहीं है.
हालांकि वे कोच्चि से आए थे, एना ने डॉक्टर को दिखाने के बाद भी काम पर जाने की जिद की, यह कहते हुए कि उसके पास बहुत काम है और उसे छुट्टी नहीं मिलेगी.
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7 जुलाई को सीए कॉनवोकेशन के दिन एना सुबह उनके साथ शामिल हुईं लेकिन फिर भी दोपहर तक घर से काम करती रही. वे समारोह में देर से पहुंचे, क्योंकि एना काम कर रही थी. एना का सपना था कि वह अपने माता-पिता को इस कॉनवोकेशन में अपने साथ ले जाए. उसने कड़ी मेहनत से कमाए पैसे से उनकी फ्लाइट टिकट भी बुक की थी. मां ने लिखा, "मेरा दिल टूट जाता है यह कहते हुए कि ये हमारी बेटी के साथ बिताए आखिरी दिन थे."
बेटी के अंतिम संस्कार में ऑफिस से कोई नहीं आया
अनीता ने अपने लेटर में इस बात का जिक्र भी किया कि कंपनी से कोई भी एंप्लॉय उनकी बेटी के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुआ. उन्होंने अपील की कि कंपनी को इस तरह के काम के दबाव को लेकर जिम्मेदारी लेनी चाहिए और नए एंप्लॉय पर इतना बोझ डालने की कोई जरूरत नहीं है.
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कंपनी का जवाब
एना की मां के द्वारा लिखे लेटर के बाद कंपनी ने दुख व्यक्त करते हुए बयान जारी किया. कंपनी ने कहा, "जुलाई 2024 में एना के असामयिक निधन से हम बेहद दुखी हैं और हमारी संवेदनाएं परिवार के साथ हैं. एना पुणे में EY ग्लोबल की सदस्य फर्म एसआर बटलीबोई की ऑडिट टीम का हिस्सा थीं. उनका होनहार करियर इस तरह से खत्म होना हम सभी के लिए एक बड़ी क्षति है."
इस लेटर के वायरल होने के बाद, कंपनी के कई दूसरे एंप्लॉयज ने भी अपना एक्सपीरिंयस शेयर किया. कंपनी में काम कर रहे एक एंप्लॉय ने अपने लेटर में एना के मैनेजर पर आरोप लगाते हुए कहा कि मैनेजर ने कभी भी किसी के काम की कदर नहीं की और टीम की कमियों के लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहराया है. एक अन्य कर्मचारी ने बताया कि कंपनी में काम के घंटों की कोई सीमा नहीं है, और यहां कोई वीकेंड या छुट्टियां नहीं होतीं.
कहां की रहने वाली थी एना?
एना केरल के कोच्चि की रहने वाली थी. उन्होंने पिछले साल नवंबर में सीए का एग्जाम क्रेक किया था. एना की लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार वे सेक्रे़ड हार्ट कॉलेज थवेरा से फाइनेंस एंड टैक्सेशन में बीकॉम की थी. बीकॉम करने के बाद एना ने सीए बनने की तैयारी शुरू कर दी थी.
सरकार ने क्या कहा?
श्रम राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि "एना सेबिस्टियन पेरायिल की मौत से काफी दुखी हूं, असुरक्षित और टॉक्सिक वर्क कल्चर के आरोपों की गहन जांच चल रही है. हम न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और श्रम मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर शिकायत को अपने हाथ में ले लिया है."
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