बिहार में कोसी के कहर से टूटे कई बांध, बढ़ते जलस्तर से बाढ़ ले रहा भयावह रूप
Flood in Bihar: बढ़ते जल स्तर की स्थिति को देखते हुए कोसी नदी पर बने बीरपुर बैराज से 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. यह पिछले 56 सालों के इतिहास में सबसे अधिक डिस्चार्ज है. जल विभाग ने इस पर बताया कि, 'डिस्चार्च का यह स्तर हैरान करने वाला है
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Flood in Bihar: हर साल की तरह इस साल भी बिहार में बाढ़ ने भयावह रूप ले लिया है. कोसी नदी ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है जिससे राज्य में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है. कई नदियों पर तटबंध टूटने की खबरें सामने आई है जिस वजह से नेपाल सीमा से सटे इलाके जलमग्न हो गए हैं. पीटीआई भाषा के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि रविवार को सीतामढ़ी के मधकौल गांव में बागमती नदी के तटबंध में दरार आ गई, जबकि पश्चिम चंपारण में गंडक नदी के बाएं तटबंध में पानी के ज्यादा दबाव की वजह से नुकसान हुआ है, जिसके बाद बाढ़ का पानी वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में घुस गया.
राज्य जल संसाधन विभाग (SWRD) ने बताया कि, 'कोसी के साथ-साथ बागमती नदी के प्रवाह और जल स्तर में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण, बेलसंड, परसौनी, बरगैनिया और रसलपुर ब्लॉकों में बाएं और दाएं तटबंधों पर रिसाव हुआ है.' सीतामढी जिले के साथ-साथ शिवहर जिले के पिपराही, पुरनहिया और शिवहर ब्लॉक में भी तटबंधों के टूटने की सूचना आई है. हालांकि इंजीनियरों ने तुरंत मरम्मत कर पानी के बहाव को रोक दिया.
कोसी बैराज से छोड़ा गया रिकार्ड पानी
बढ़ते जल स्तर की स्थिति को देखते हुए कोसी नदी पर बने बीरपुर बैराज से 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. यह पिछले 56 सालों के इतिहास में सबसे अधिक डिस्चार्ज है. जल विभाग ने इस पर बताया कि, 'डिस्चार्च का यह स्तर हैरान करने वाला है, क्योंकि आखिरी बार 1968 में अधिकतम 7.88 लाख क्यूसेक पानी छोड़ गया था. ऐसे ही गंडक नदी पर बने वाल्मिकीनगर बैराज से 5.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो 2003 के बाद से सर्वाधिक है. एहतियात के तौर पर सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोसी बैराज के पास आवागमन को रोक दिया गया है.
बारिश से लगातार बिगड़ रहे हालात
राज्य में बाढ़ की स्थिति बनने पर जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने आश्वासन दिया कि, टीमें किसी भी कटाव या खतरे पर त्वरित एक्शन लेने के लिए 24/7 आधार पर तटबंधों की निगरानी कर रही हैं. उन्होंने कहा, 'घबराने की कोई बात नहीं है, हमारी टीमें हमेशा सतर्क रहती हैं और हम किसी भी स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.' रविवार को दरभंगा के वाल्मिकीनगर और किरतपुर से भी तटबंधों के ऊपर से पानी बहने की घटनाएं सामने आईं.
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बिहार में बाढ़ का अपडेट
- नेपाल में बारिश थमने से बिहार के लिए राहत की खबर
- वाल्मिकीनगर गंडक बैराज से आज सुबह 7 बजे पानी का डिस्चार्ज घटकर 1 लाख 89 हजार क्यूसेक पहुंचा
- डिस्चार्ज में आई कमी से कम हुआ खतरा
- पिछले तीन दिनों में गंडक नदी के अंदर आया पानी बिहार के कई जिलों में फैल चुका है.
- गंडक और अन्य पहाड़ी नदियों की वजह से लाखों की आबादी प्रभावित
- बिहार में बाढ़ संकट के बीच कुल 6 जगह टूटे तटबंध
- रविवार की शाम 5 बजे बेतिया के बगहा प्रखंड में चंपारण तटबंध टूटा
- चंपारण तटबंध टूटने के बाद सरकार ने बगहा के कार्यपालक अभियंता निशिकांत कुमार को सस्पेंड किया
- सीतामढ़ी के बेलसंड में मधकौल में दोपहर 1 बजे बागमती का तटबंध टूटा
- सीतामढ़ी के बेलसंड के सौली रुपौली गांव में तटबंध टूटा
- सीतामढ़ी के रुन्नीसैदपुर के खरौआ गांव में रात 8 बजे तटबंध टूटा
- रात 9:30 बजे सीतामढ़ी के ही तिलक ताजपुर में बागमती नदी का तटबंध टूटा
- शिवहर जिला के तरियानी प्रखंड के छपरा में तटबंध टूटा
NDRF की टीमें है तैयार
बिहार मे बाढ़ की स्थिति को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग अलर्ट पर है. NDRF की 6 टीमें राज्य के बाहर से मंगाई गई है. NDRF की 3 टीम वाराणसी और 3 टीम रांची से बुलाई गई. बिहार में पहले से ही NDRF की 12 टीमें और SDRF की 22 टीमें बाढ़ राहत और बचाव कार्य मे लगी हुई.
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