डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी को दी अपनी कैबिनेट में जगह! जानिए कौन हैं ये

शुभम गुप्ता

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Vivek Ramaswamy: डोनाल्ड ट्रंप अगले साल 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे. हालांकि, इससे पहले वह अपनी टीम बनाने में बिजी हैं. ट्रंप कई जरूरी पदों पर नियुक्तियां कर चुके हैं. इसके बाद ट्रंप ने अब भारतीय-अमेरिकी आंत्रप्रेन्योर विवेक रामास्वामी को अपनी कैबिनेट में एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है. रामास्वामी को अब सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) का हेड बनाया गया है. आइए जानते हैं उनके बारे में विस्तार से.

इलेक्शन जर्नी और ट्रंप का समर्थन

विवेक रामास्वामी ने 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेने का फैसला किया था और रिपब्लिकन पार्टी से अपनी उम्मीदवारी पेश की थी. हालांकि, जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ा और डोनाल्ड ट्रंप की स्थिति मजबूत होती गई. इसके बाद रामास्वामी ने उनका समर्थन करना शुरू कर दिया. 

भारत से नाता और एजुकेशन

विवेक रामास्वामी का जन्म 1985 में ओहायो के सिनसिनाटी शहर में हुआ था. उनके पिता वी.जी. रामास्वामी केरल के पलक्कड़ से हैं. उन्होंने वहां से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की और बाद में वह ओहायो में जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी में काम करने के लिए चले गए. उनकी मां सिनसिनाटी में साइकेट्रिस्ट थीं. विवेक की पत्नी, अपूर्वा तिवारी रामास्वामी ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी में डॉक्टर हैं.

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विवेक ने अपनी शुरुआती पढ़ाई सिनसिनाटी के सेंट जेवियर हाई स्कूल से की. इसके बाद हायर स्टडीज के लिए हार्वर्ड और येल लॉ स्कूल गए. हार्वर्ड से उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री और येल से लॉ की डिग्री ली. उन्होंने कॉलेज में बायोलॉजी की स्टडी की.

बायोटेक इंडस्ट्री में सक्सेस

विवेक रामास्वामी बायोटेक इंडस्ट्री के एक बड़े आंत्रप्रेन्योर हैं. वे मेडिसिन बनाने वाली बायोटेक कंपनी "रोइवेंट साइंसेज" के CEO हैं. इसके अलावा, उन्होंने 2016 में बायोटेक कंपनी "मायोवैंट साइंसेज" की शुरुआत की, जो आज एक बड़ी बायोटेक्नोलोजी फर्म बन चुकी है. उन्होंने प्रोस्टेट कैंसर और महिला इनफर्टीलिटी के ट्रीटमेंट के लिए मेडिसिन का विकास किया है. रामास्वामी ने इस क्षेत्र में कई कंपनियों की स्थापना की है, जिनमें "यूरोवेंट साइंसेज", "एंजीवेंट थेराप्यूटिक्स", और "स्पिरोवैंट साइंसेज" शामिल हैं.

विवेक को बायोटेक क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पहचाना जाता है और 2015 में फोर्ब्स पत्रिका ने उन्हें कवर किया था. फोर्ब्स के अनुसार, 2014 में 30 वर्ष से कम आयु के सबसे अमीर आंत्रप्रेन्योर में विवेक रामास्वामी 30वें स्थान पर थे, और 2016 में 40 वर्ष से कम आयु के सबसे अमीर 24 आंत्रप्रेन्योर में उनका नाम था.

 

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