कौन हैं मुकेश कुमार अहलावत जो कल लेंगे दिल्ली सरकार मंत्री पद की शपथ, जानिए उनकी कहानी 

अभिषेक

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Mukesh Kumar Ahlawat: दिल्ली में शनिवार यानी कल आतिशी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी. इसके साथ ही नई सरकार का गठन होगा. हालांकि पार्टी ने अभी तक सभी मंत्रियों के विभागों की घोषणा नहीं की है लेकिन संभावना ये है कि, आतिशी की नई मंत्रिपरिषद में गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज। इमरान हुसैन और मुकेश कुमार अहलावत होंगे. पहले चार नाम तो पुराने ही है. मंत्रिपरिषद में एक नाम सुल्तानपुर माजरा से विधायक मुकेश कुमार अहलावत का है जो नया है. 

बसपा से सियासी पारी की शुरुआत करने वाले अहलावत AAP से राज कुमार आनंद के इस्तीफे के बाद पार्टी के बड़े दलित चेहरे होंगे. मंत्री बनाने की घोषणा के बाद अहलावत ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का आभार जताया और उनके भरोसे पर खरे उतरने की बात कही. आइए आपको बताते हैं मुकेश कुमार अहलावत की कहानी. 

पहले जानिए मंत्री बनने को लेकर मुकेश कुमार ने क्या कहा?

मुकेश कुमार अहलावत के मंत्री पद की शपथ लेने की घोषणा के बाद उन्होंने कहा कि, 'मुझे यह अवसर देने के लिए मैं अरविंद केजरीवाल जी और मनोनीत मुख्यमंत्री आतिशी का बहुत आभारी हूं. मैं लोगों की सेवा करने की अपनी जिम्मेदारी निभाऊंगा और केजरीवाल जी को फिर से मुख्यमंत्री बनाने के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र और शहर भर में कड़ी मेहनत करूंगा. उन्होंने आगे कहा, 'मुझे अभी तक नहीं पता कि मुझे कौन सा पोर्टफोलियो दिया जाएगा, लेकिन मुझे जो भी विभाग मिलेगा, मैं चल रही परियोजनाओं में तेजी लाने पर काम करूंगा.'

अहलावत ने आगे कहा कि, 'पार्टी और उसके नेता डॉ. अंबेडकर और भगत सिंह की शिक्षाओं के प्रबल अनुयायी हैं. पार्टी बहुजन समर्थक है और दलितों के अधिकारों के लिए काम करती है. 

केजरीवाल के जेल जाने के बाद निभाई बड़ी जिम्मेदारी 

राजस्थान में AAP के सह-प्रभारी अहलावत दिल्ली के रहने वाले हैं और उन्होंने पीतमपुरा में पढ़ाई की है. वह रियल एस्टेट कारोबार में है. अपने चुनावी हलफनामे में उन्होंने करीब 60 लाख रुपये की चल संपत्ति और 5.6 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति घोषित की थी. मुकेश कुमार अहलावत अपने निर्वाचन क्षेत्र के साथ-साथ पार्टी के साथ-साथ पार्टी में भी सक्रिय नेता है. जब दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ED ने कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले में गिरफ्तार किया गया, तो उन्होंने 'आप का विधायक आपके द्वार' और 'आप नेता का संदेश' जैसे कई अभियान चलाए और लोगों के बीच रहें. 

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बसपा से सियासत मे की इंट्री फिर AAP में हुए शामिल 

सुल्तानपुर माजरा से विधायक मुकेश कुमार अहलावत अपने सियासी पारी की शुरुआत बसपा से की थी. उन्होंने साल 2008 और 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा था और हार गए थे. फिर वह साल 2017 में AAP में शामिल हुए. उन्होंने 2020 में सुल्तानपुर माजरा आरक्षित सीट से AAP के टिकट पर पहली बार जीत हासिल की. आपको बता दें कि, यह निर्वाचन क्षेत्र पहले संदीप कुमार के पास था, जिन्हें 2016 में एक महिला के साथ कथित तौर पर आपत्तिजनक हालत में क्लिप वायरल होने के बाद कैबिनेट और पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया था. उन पर रेप का आरोप लगा था. हालांकि हाल ही में उन्हें इस मामले में क्लीन चिट मिल गई है. 

दलित वर्ग के अहलावत को मंत्री बनने के क्या है मायने?

दिल्ली में अगले साल यानी 2025 के फरवरी में दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने है. दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल सहित कई मंत्री पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे जेल में भी रहे जिससे उनकी और पार्टी की छवि खराब हुई. अब अगले साल होने वाले चुनाव में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए पार्टी अहर वर्ग को अपने साथ करने में जुटी हुई है. दिल्ली की आबादी में 12 फीसदी हिस्सा वाले दलित चुनावों में बड़ी भूमिका निभाते है. 2020 के विधानसभा में चुनाव में भी AAP ने दिल्ली की सभी 12 SC-आरक्षित सीटों पर जीत हासिल की थी. ऐसे में AAP ने अहलावत को मंत्री बनाकर बड़ा दांव खेल दिया है. 

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