कांग्रेस सांसद के ठिकानों से मिलें इतने नोट कि गिनने वाली मशीन हुई खराब, कौन हैं ये धीरज साहू?

अभिषेक

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Dheeraj Sahu
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Income Tax raid on Dhiraj Sahu: झारखंड के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और राज्यसभा सांसद धीरज साहू के विभिन्न ठिकानों पर बुधवार से आयकर विभाग की छापेमारी जारी है. छापेमारी में बड़ी मात्रा में कैश बरामद किया गया है. ये छापेमारी सांसद के ओडिशा और झारखंड के ठिकानों पर हो रही है. ओडिशा के बोलनगीर और संबलपुर में जबकि झारखंड में धीरज साहू के पैतृक आवास लोहरदगा में आयकर विभाग के अधिकारी मौजूद हैं. पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक़ ओडिशा स्थित बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ आयकर विभाग के छापों में अब तक बरामद नकदी 300 करोड़ रुपये के पार हो गई है. आयकर विभाग के सूत्र इसे अब तक की सबसे बड़ी जब्ती बता रहे हैं. ऐसे भी दावे सामने आए हैं कि नोटों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि इसे गिनने वाली मशीन ही खराब हो गई.

वैसे कांग्रेस इस कैश बरामदगी के मामले से अपना पल्ला झाड़ चुकी है. कांग्रेस के कम्युनिकेशन विभाग के इंचार्ज जयराम रमेश कह चुके हैं की सांसद धीरज साहू के बिज़नेस से कांग्रेस का कोई लेना देना नहीं है.

पीएम मोदी भी कैश बरामदगी पर तंज कस चुके हैं. इससे जुड़ी एक खबर ट्वीट कर पीएम मोदी ने लिखा है कि, ‘देशवासी इन नोटों के ढेर को देखें और फिर इनके नेताओं के ईमानदारी के ‘भाषणों’ को सुनें. जनता से जो लूटा है, उसकी पाई-पाई लौटानी पड़ेगी, यह मोदी की गारंटी है.’

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आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक धीरज साहू के परिवार की कंपनी ‘बौद्ध डिस्टलरीज प्राइवेट लिमिटेड’ के विभिन्न प्रतिष्ठानों पर छापेमारी अभी पांचवें दिन भी जारी है. नोट गिनने का काम भी चल रहा है. यानी जब्ती की यह रकम अभी और बढ़ सकती है. बताया जा रहा है कि ओडिशा आयकर विभाग की एक बड़ी टीम इस छापेमारी में शामिल है.

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धीरज साहू को झारखंड में कांग्रेस का फाइनेंसर माना जाता है. इस बात की सियासी गलियारों में हमेशा चर्चा रही है. छापेमारी में इतनी बड़ी रकम की बरामदगी के बाद इसकी खूब चर्चा हो रही है.

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कौन हैं ये धीरज साहू?

धीरज साहू झारखंड में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद हैं. वो झारखंड के उद्योगपति परिवार से आते हैं और राय साहब बलदेव साहू के पुत्र हैं. उनका परिवार देश की आजादी के दौर से ही कांग्रेस पार्टी के साथ है. धीरज साहू ने साल 1977 में राजनीति में कदम रखा था. 1978 के जेल भरो आंदोलन में वो जेल भी गए. साल 2009 में वे पहली बार राज्य सभा बने थे और वर्तमान में तीसरी बार राज्यसभा के सदस्य हैं. वे झारखंड की ‘चतरा’ लोकसभा सीट से दो बार कांग्रेस के टिकट चुनाव भी लड़ चुके हैं लेकिन सफलता नहीं मिली.

उनका परिवार कारोबार के साथ-साथ राजनीति में भी सक्रिय रहा है. उनके भाई शिव प्रसाद साहू भी रांची से लोकसभा सांसद रह चुके हैं. देसी शराब निर्माण धीरज साहू का पुश्तैनी कारोबार रहा है. इनकी ओडिशा में शराब निर्माण की कई फैक्ट्रियां भी हैं.

बीजेपी इसे मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस को घेर रही है. झारखंड पूर्व बीजेपी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने ट्वीट करते हुए लिखा हैं कि, यह तो कांग्रेस के सिर्फ एक सांसद के यहां पड़े छापे में बरामद नगद की तस्वीरें है, सोचिए कि 70 साल से देश को खोखला करने वाले और कितने होंगे. हम जब हेमंत सरकार में हो रहे हज़ारों करोड़ों के घोटाले की बात करते हैं तो वह महज आंकड़ा नहीं हकीकत होता है जिसका छोटा उदाहरण फिर सामने है.

बीजेपी विधायक दल नेता एवं चंदनकियारी से विधायक अमर बाउरी ने ट्वीट कर तंज कसते हुए लिखा कि, सुना हैं की कैश इतना मिला की नोट गिनने के मशीन ने भी काम करना बंद कर दिया है.

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