मारा गया हमास का चीफ कमांडर याह्या सिनवार, जानिए उसके खूनी खेल की कहानी
Hamas chief Yahya Sinwar Death: 7 अक्टूबर के हमले में 1200 इजरायली नागरिकों की मौत हुई थी, जो इजरायल पर अब तक का सबसे बड़ा आतंकवादी हमला माना जा रहा है. इसके बाद पूरे मध्य पूर्व में तनाव फैल गया था. इस हमले का मास्टरमाइंड याह्या सिनवार को ही माना जाता था.
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Hamas chief Yahya Sinwar Death: इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने पिछले दिनों हमास को मिटाने की कसम खाई थी. उसके बाद से ही उन्होंने हमास के नाक् में दम कर के रखा हुआ है. इजरायल एक के बाद एक हमास के कई चीफ कमांडरों को मौत के घाट उतार चुका है. इस कड़ी में लेटेस्ट निशाना बने है हमास प्रमुख याह्या सिनवार. इजरायल के विदेश मंत्री इसराइल काट्ज ने पुष्टि की है कि हमास प्रमुख याह्या सिनवार, जो 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमले का मास्टरमाइंड था वो मारा जा चुका है.
इजरायली सैनिकों(IDF) ने बुधवार को गाजा की एक बिल्डिंग पर हमला किया था. इस हमले में तीन लोग मारे गए थे. सैनिकों ने गुरुवार को इमारत में प्रवेश किया तो उन्हें पता चला कि एक मृत शख्स सिनवार की तरह दिखता है. तभी से ये अटकलें तेज हो गई कि सिनवार की मौत हो गई है. सिनवार के मौत की जानकारी DNA जांच के आधार पर दी गई है. काट्ज ने कहा, 'याह्या सिनवार जो 7 अक्टूबर के हमले का जिम्मेदार था, को आज इजरायली सेना के जवानों ने मार गिराया. आज ही इजरायली सेना ने गाजा में एक अभियान के दौरान तीन और आतंकवादियों को मार गिराने की जानकारी दी थी.
आपको बता दें कि, 7 अक्टूबर के हमले में 1200 इजरायली नागरिकों की मौत हुई थी, जो इजरायल पर अब तक का सबसे बड़ा आतंकवादी हमला माना जा रहा है. इसके बाद पूरे मध्य पूर्व में तनाव फैल गया था.
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कौन था याह्या सिनवार?
पिछले महीनों इजरायल ने हमास के कमांडर इस्माइल हनीया की ईरान में एक विस्फोट में हत्या कर दी गई थी. इसके बाद याह्या सिनवार हमास का प्रमुख बना था. जानकारी के मुताबिक इजरायल पर 7 अक्टूबर को हुए हमलों के पीछे का मास्टरमाइंड याह्या सिनवार ही था. 1962 में जन्मे सिनवार हमास के शुरुआती सदस्यों में से एक था. सिनवार को भयानक अल-कसम ब्रिगेड, हमास की सैन्य शाखा और पिछले साल 7 अक्टूबर के हमलों से पहले गाजा में सक्रिय सबसे बड़े मिलिशिया की स्थापना का श्रेय भी दिया जाता है.
सिनावर ने हमास की सुरक्षा शाखा का नेतृत्व किया, जिसने संगठन से इजरायली जासूसों को बाहर निकालने का काम किया. उसे 1980 के दशक के अंत में इजरायल ने उसे गिरफ्तार किया था तब सिनवार ने 12 संदिग्ध सहयोगियों की हत्या करने की बात स्वीकार की थी. उसने 2 इजरायली कर्मियों की भी हत्या की थी. इन्हीं सब वजहों से उसे 'खान यूनिस का कसाई' कहा जाने लगा था. सिनवार को उसके अपराधों के लिए चार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
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