क्या अग्निवीर योजना में अब बड़े बदलाव की तैयारी? चर्चा में है ये रिपोर्ट, जानिए इनसाइड स्टोरी
Agniveer Scheme: एक रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव से पहले सरकार ने सेना से जो फीडबैक मांगा था उसकी रिपोर्ट आ चुकी है. सेना ने कई बदलावों की सिफारिश सरकार से की है. सेना ने अग्निवीर का कार्यकाल 4 साल से बढ़ाकर 7-8 साल करने को कहा है.
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Agniveer Review: नरेंद्र मोदी की लगातार तीसरी बार सरकार बन गई. राजनाथ सिंह को फिर रक्षा मंत्री बनाया गया है. अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या अग्निवीर योजना का भविष्य नए सिरे से तय किया जाएगा? ऐसा माना जा रहा है कि दोबारा रक्षा मंत्री बनने के बाद राजनाथ सिंह की टॉप प्रायोरिटी में है अग्निपथ योजना का फुल एंड फाइनल रिव्यू जिससे बनते हैं सेना में 4 साल की नौकरी वाले अग्निवीर.
सेना ने सरकार को दिए सुझाव
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव से पहले सरकार ने सेना से जो फीडबैक मांगा था उसकी रिपोर्ट आ चुकी है. सेना ने कई बदलावों की सिफारिश सरकार से की है. सेना ने अग्निवीर का कार्यकाल 4 साल से बढ़ाकर 7-8 साल करने को कहा है. दूसरी सिफारिश ये है कि टेक्निकल अग्निवीर की भर्ती में एंट्री की उम्र 23 साल की जा सकती है. ट्रेनिंग के दौरान disability होने पर मुआवजा भी मिलना चाहिए. एक और अहम सिफारिश ये है कि जिन 25 परसेंट अग्निवीरों को नियमित किया जाना है उसको बढ़ाकर 60-70 परसेंट किया जाना ठीक रहेगा. चिंता है कि अगर अग्निवीर की भर्ती रोकी गई तो सेना को अफसर ग्रेड के नीचे वाले जवानों की किल्लत हो सकती है. इस कमी को पूरा करने में एक दशक तक का समय लग सकता है. अग्निवीरों की भर्ती, ट्रेनिंग ही बेहतर विकल्प है.
अग्निवीर में बदलाव की सिफारिश (फाइनेंशियल टाइम्स)
7-8 साल के लिए अग्निवीर ADVERTISEMENT |
टेक्निकल अग्निवीर की भर्ती उम्र 23 साल तक |
ट्रेनिंग के दौरान शारीरिक चोट पर मुआवजा ADVERTISEMENT |
60-70% अग्निवीर परमानेंट ADVERTISEMENT |
भर्ती रोकने से सेना में जवानों की किल्लत |
मोदी सरकार 1 और 2 से तीसरी बार मोदी सरकार थोड़ी अलग है. मोदी सरकार 1 और 2 भी एनडीए के सहयोगियों को मिलाकर बनी थी लेकिन बीजेपी आत्मनिर्भर सरकार चलाती रही. अब टीडीपी-जेडीयू जैसे सहयोगियों पर निर्भर है. जैसे ही चुनाव के नतीजे आए, सरकार के तीसरे बड़े पार्टनर जेडीयू और एलजेपी ने अग्निवीर के रिव्यू का मामला उठाया है.
अग्निवीर पर जेडीयू ने लगभग वही स्टैंड लिया जो राहुल गांधी ने लिया हुआ है. फर्क सिर्फ इतना है कि राहुल गांधी ने सरकार बनने पर अग्निवीर योजना को डस्टबिन में फेंकने का एलान किया था. जेडीयू ने सिर्फ रिव्यू करने की मांग रखी है.
अग्निवीर के एडहॉक होने पर ही सबसे ज्यादा विवाद है. जून 2022 से लागू अग्निपथ योजना में साढे 17 से 21 साल के युवा अग्निवीर बन सकते हैं. थल सेना, वायुसेना, नौसेना में नॉन अफसर पदों पर पोस्टिंग होगी. 4 साल बाद सरकार 100 में से 25 परसेंट अग्निवीरों को रख देगी. बाकी 75 को एकमुश्त पेमेंट करके रिटायर करके घर भेज दिया जाएगा. कोई पेंशन नहीं होगी. कैंटीन जैसी कोई सुविधा भी नहीं मिलेगी. शहीद होने पर भी शहीद का दर्जा नहीं मिलने वाला. अग्निवीरों ने जो सवाल उठाया उसी को राहुल गांधी ने आवाज दी कि 4 साल बाद अग्निवीर करेगा क्या?
अग्निवीर पर हंगामा क्यों?
4 साल की नौकरी |
4 साल में रिटायर 100 में से 75 |
रिटायरमेंट के बाद पेंशन नहीं |
शहीद का दर्जा नहीं |
2022 में अग्निवीर योजना मोदी सरकार लाई. लाख विरोध के बाद भी डट गई कि सेना की ढाल 4 साल की नौकरी वाले अग्निवीर ही बनेंगे. लेकिन राहुल गांधी की अग्निवीर योजना के खिलाफ स्टैंड के बाद सरकार के तेवर धीरे-धीरे सॉफ्ट होने लगे. चुनाव से पहले सरकार ने सेना से रिव्यू के लिए फीडबैक मांगा था. हालांकि सरकार इस लाइन पर बनी हुई है अग्निवीर भी ठीक है. अग्निवीरों का भविष्य भी ठीक रहेगा. चुनाव से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि सरकार अग्निवीर में बदलाव के लिए तैयार है. अभी साफ होना बाकी है कि अग्निवीरों पर सरकार का फुल एंड फाइनल स्टैंड क्या होता है. अग्निवीर योजना खत्म होगी, इसके चांस कम हैं. बदलाव क्या होंगे, इस पर नजर रहेगी.
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