चंद्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश में बनाने जा रहे यूट्यूब एकेडमी, जानिए क्या है ये

रूपक प्रियदर्शी

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Chandrababu Naidu: आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू को सीईओ सीएम या साइबर सीएम कहा जाता है. नायडू को ये टैग उन मल्टीनेशनल कंपनियों ने दिया जिन्होंने आज से 20 साल पहले चंद्रबाबू के कहने पर हैदराबाद में निवेश किया था. नेताओं में सीईओ टाइप सीएम अकेले चंद्रबाबू नायडू कहे जाते हैं.  उनके सीएम रहते दुनिया भर की बड़ी कंपनियों ने हैदराबाद आकर देश का बड़ा आईटी हब बना दिया.अपनी चौथी पारी में फिर कुछ ऐसा करने जा रहे हैं चंद्रबाबू नायडू. फर्क बस इतना होगा कि कंपनियों को अब हैदराबाद से नहीं, अमरावती से बुलावा मिल रहा है.

हैदराबाद अब चंद्रबाबू नायडू का नहीं रहा. आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद हैदराबाद तेलंगाना की राजधानी बनी है. 10 साल तक हैदराबाद आंध्र प्रदेश के किराए की राजधानी की तरह था. लीज खत्म तो अब हैदराबाद से जाना है. नई राजधानी अमरावती में बन रही है.  

अमरावती में खोलेंगे यूट्यूब एकेडमी

सीईओ चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती को चमकाने के लिए बड़ा प्लान तैयार किया है. जंगल की सफाई से लेकर बड़ी कंपनियों को बुलाने तक पूरा ब्लूप्रिंट पर काम शुरू हो गया है. चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती में निवेश के लिए गूगल और यूट्यूब को इनवाइट भेजा है. चंद्रबाबू नायडू अमरावती में खोलना चाहते हैं यूट्यूब एकेडमी. नायडू ने ये ऑफर गूगल और यूट्यूब को दिया है. अभी साफ नहीं है कि यूट्यूब एकेडमी क्या है, कैसे काम करेगी. वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से पहली मीटिंग हो गई है. गूगल, यूट्यूब पहले ब्रैंड होंगे जो राजधानी बनने जा रही अमरावती में लॉग इन करेंगे. 

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AI ऑफ आंध्र प्रदेश पावर्ड बाय गूगल का टार्गेट!

चंद्रबाबू नायडू पुरानी तीन पारियों में आंध्र को टेक स्टेट बनाया. चौथी पारी का टारगेट है एआई ऑफ आंध्र प्रदेश पावर्ड बाय गूगल. जल्दी ही MoU पर साइन हो सकता है. इस प्रोजेक्ट में आंध्र प्रदेश का गवर्नेंस एआई से चलाने का इरादा है.  टेक कंपनी गूगल 1998 में बनी थी. टेक्नो सेवी चंद्रबाबू नायडू ने 1999 में आंध्र प्रदेश में गवर्नेंस को टेक ओरियंटेड बना दिया था. पहले सीएम थे जिन्होंने AP State Wide Area Network डेवलप कराकर हैदराबाद में सीएम ऑफिस को सारे जिलों से जोड़ा था. अब एआई ऑफ आंध्र प्रदेश की बारी है.

बजट से मिले फंड का कर रहे यूज

बैंगलोर में सबसे पहले आईटी इंडस्ट्री आई. कहा जाता है कि पहली बार सीएम बनने पर चंद्रबाबू नायडू ने ठान लिया था कि आंध्र में सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री लेकर आएंगे. इसके लिए शुरुआत बहुत छोटी थी. 1995 में खाली पड़ी एक सरकारी बिल्डिंग को सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कॉलेज में बदल दिया. उसी एक बिल्डिंग ने आंध्र प्रदेश का चाल, चरित्र, चेहरा बदल दिया. आंध्र प्रदेश में आज 300 इंस्टीट्यूट साल में 65 हजार ग्रेजुएट इंजीनियर बना रहे हैं.

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बहुत सारे राज्यों और पार्टियों की आपत्ति रही है कि कुर्सी बचाने मोदी सरकार ने बजट में केवल बिहार और आंध्र प्रदेश की झोलियां भरी. बाकियों को कुछ मिला नहीं. आरोप गलत भी नहीं. सरकार को समर्थन के बदले बजट से बिहार को 42 हजार करोड़ और आंध्र प्रदेश को 15 हजार करोड़ मिले. चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र सरकार से मिले उन्हीं पैसों का इस्तेमाल करना शुरू किया है. जिसमें सबसे बड़ी प्रॉयोरिटी है अमरावती को राजधानी बनाना. नवी मुंबई की डिजाइन पर नायडू की अमरावती बनने जा रही है. केंद्र सरकार से मिले पैसे चंद्रबाबू नायडू अमरावती को चमकाने में जुटे हैं. सीईओ वाला रोल शुरू हो गया है. 

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