क्या सीएम योगी की जाएगी कुर्सी? जेपी नड्डा से केशव मौर्य की मुलाकात के बाद चर्चा तेज, समझिए

शुभम गुप्ता

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Uttar Pradesh BJP: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने के बाद से उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मची है. राजनीतिक गलियारों से रोजाना कोई ऐसी खबर सामने आ रही है जिसके बाद कयासों का बाजार गर्म हो जाता है. दरअसल आपको बतां दे कि आम चुनाव के नतीजों के बाद यूपी बीजेपी में इन दिनों काफी उथल-पुथल देखने को मिल रही है. यहां संगठन और सरकार के बीच तकरार की खबरें हैं. और एक खबर ये भी चर्चा में बनी हुई है कि सीएम योगी आदित्यनाथ को उनके पद से हटाया जा सकता है. क्या है इस खबर की सच्चाई? आइए जानते हैं.

क्या सच में सीएम योगी कुर्सी खतरे में है?

सूत्रों के हवाले से खबर सामने आई है कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री को लेकर कोई मंथन नहीं है. यानी कि सीएम योगी को उनके पद से हटाने को लेकर संगठन में कोई मुहिम नहीं चलाई जा रही है. लेकिन इसके अलावा ये माना जा रहा है कि योगी कैबिनेट में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है.  इस ख़बर की मानें तो उत्तर प्रदेश में योगी को लेकर कोई संशय पार्टी के भीतर नहीं है.

यूपी बीजेपी में उथल-पुथल के बीच जेपी नड्डा से मिले केशव प्रसाद

दरअसल यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर कुछ ऐसा लिखा था जिसके बाद चर्चा तेज हो गई थी कि यूपी बीजेपी और सीएम योगी-केशव प्रसाद मौर्य के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है. उन्होंने लिखा था 'संगठन सरकार से बड़ा है, कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा दर्द है, संगठन से बड़ा कुछ नहीं है.'

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डिप्टी सीएम के इस बयान के बाद चर्चा तेज हो गई कि दोनों दिग्गजों के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है. इसी के बाद केशव प्रसाद को दिल्ली तलब किया गया और उनकी जेपी नड्डा से मंगलवार मुलाकात हुई.

दोनों की मुलाकात, क्या हुई बात?

बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केशव प्रसाद मौर्य की मुलाकात के बाद जो खबर सामने आई है उसके अनुसार चर्चा है कि उत्तर प्रदेश में संगठन और सरकार के बीच के तनाव को कम करने को लेकर भी चर्चा हुई. पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की तरफ से कहा गया कि किसी भी सूरत में सरकार और संगठन के तालमेल को लेकर ऐसी कोई बयानबाज़ी न की जाए जिससे पार्टी हित का नुकसान हो.

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इसके अलावा बीजेपी कार्य समिति की बैठक में जिस तरीके से अलग-अलग विचार सामने आए, इससे यूपी में बड़े नेताओं के बीच, बड़े मतभेद की चर्चा सामने आ गई. पार्टी चाहती है कि इसपर लगाम लगे और पार्टी और सरकार दोनों में चट्टान की तरह एकता दिखाई दें. उत्तर प्रदेश संगठन में होने वाले बदलावों को लेकर के भी चर्चा की गई है, ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही यूपी भाजपा संगठन में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं.

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10 सीटों पर होना है उपचुनाव 

हाल ही में 7 राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर हुए. नतीजे बीजेपी के लिए काफी निराशाजनक रहे. अब उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. ये उपचुनाव बीजेपी समेत सभी पार्टियों के लिए अहम माने जा रहे हैं क्योंकि 2027 में विधानसभा होने हैं और ये उपचुनाव से पता चल जाएगा कि जनता के मन में क्या है.

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