देवेंद्र फडणवीस ने कहा- 'चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का चेहरा आगे करें MVA', आखिर क्या है इसके पीछे की सियासत?
Maharashtra Election: लोकसभा की 48 सीटों वाले महाराष्ट्र की 30 सीटें MVA गठबंधन ने जीत ली. दिलचस्प तो ये रहा कि, इस चुनाव में MVA में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. कांग्रेस को 13 सीटें मिली. वहीं शिवसेना(UBT) को 9 और NCP(SP) को 8 सीटें मिली.
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Maharashtra Election: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है. प्रदेश की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही फेज में 20 नवंबर को मतदान होगा. वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी जिसके बाद नतीजें जारी होंगे. लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद महाराष्ट्र का विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है. प्रदेश में बीजेपी के नेतृत्व में बने महायुती गठबंधन और कांग्रेस के नेतृत्व में बने महाविकास अघाड़ी(MVA) के बीच मुकाबला होना है. दोनों खेमों से अपनी-अपनी जीत के दावे किए जा रहे है.
इसी बीच महायुती सरकार में डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री एक पद को लेकर नया दांव खेल दिया है. उन्होंने विपक्षी गठबंधन MVA से अपना नेता घोषित करने की बात कही है. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि, NCP(SP) नेता शरद पवार को पहले विपक्ष के महाविकास अघाड़ी गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा करनी चाहिए. उनके ऐसे कहने के कई मायने निकाले जा रहे है. आइए समझते हैं आखिर देवेंद्र फडणवीस ने क्यों कही ये बात?
MVA में मुख्यमंत्री पद को लेकर है बड़ी असमंजस!
विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की NCP(SP) पार्टियां है. हाल ही संपन्न हुए लोकसभा के चुनाव मेन भी इन तीनों दलों ने एकसाथ मिलकर चुनाव लड़ा था. लोकसभा की 48 सीटों वाले महाराष्ट्र की 30 सीटें इनके गठबंधन ने जीत ली. दिलचस्प तो ये रहा कि, इस चुनाव में MVA में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. कांग्रेस को 13 सीटें मिली. वहीं शिवसेना(UBT) को 9 और NCP(SP) को 8 सीटें मिली.
इस नतीजे के बाद से ही प्रदेश में कांग्रेस का कद बड़ा हो गया और बड़े भाई की भूमिका में आ गई. हालांकि विधानसभा चुनाव के नतीजे जो भी हो पर वर्तमान में बड़ी पार्टी होने के नाते मुख्यमंत्री पद पर उसकी दावेदारी है. दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे जो पिछली गठबंधन की सरकार में मुख्यमंत्री रह चुके हैं उनकी तो दावेदारी पहले से ही है. और रही बात शरद पवार की NCP की तो उनके तरफ से अभी तक कोई दावेदारी तो नहीं आई है पर राज्य की पुरानी और बड़ी पार्टी होने के नाते उनका भी मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई कम एम्बिशन नहीं है.
इन्हीं सब वजहों के कारण मुख्यमंत्री पद को लेकर MVA में कोई स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है. और देवेंद्र फडणवीस विपक्ष की इसी कमजोरी को बार-बार चैलेंज कर रहे हैं.
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महाराष्ट्र के पिछले चुनाव 2019 के क्या थे नतीजे?
कुल सीटें- 288, बहुमत- 145
सत्तारूढ़ महागठबंधन- 201
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बीजेपी- 103
शिवसेना- 37
NCP(अजित पवार )- 39
अन्य दल- 9
निर्दलीय- 13
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विपक्ष (महाविकास अघाड़ी)- 67
कांग्रेस- 37
शिवसेना (UBT)-37
NCP(SP)- 23
अन्य दल- 1
निर्दलीय- 1
अन्य पार्टियां
ओवैसी की पार्टी AIMIM- 2
समाजवादी पार्टी- 2
CPI (M)- 1
आपको बता दें कि, 2019 में महाराष्ट्र में शिवेसना और बीजेपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था. कांग्रेस और NCP एक साथ थी. बाद में शिवसेना और NCP में फूट पड़ गई. शिवसेना से शिंदे गुट अलग होकर बीजेपी के साथ आ गया. इसी तरह NCP से अजित पवार के गुट ने अलग होकर बीजेपी को समर्थन दे दिया. इससे महाराष्ट्र में महायुति (बीजेपी, शिंदे की शिवसेना, अजित की एनसीपी) की सरकार बनी, जो फिलहाल चल रही है
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