आय से अधिक संपत्ति मामले में DK को कर्नाटक हाईकोर्ट में मिली बड़ी जीत, जांच में CBI के हाथ बंधे

रूपक प्रियदर्शी

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Dk Shivkumar (File Photo)
Dk Shivkumar
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Diputy CM DK Shivkumar: आय से अधिक संपत्ति का मामला सालों से कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिव कुमार के गले की फांस बना हुआ है. इस मामले में डीके जेल तक जा चुके है. हालांकि कर्नाटक हाईकोर्ट की तरफ से उन्हें अब इस मामले में राहत मिलती हुई नजर आ रही है. कर्नाटक हाईकोर्ट ने उन सारी याचिकाओं को खारिज कर दिया है जिसमें डीके के खिलाफ CBI जांच बंद करने की सरकार के आदेश को चुनौती दी गई थी. यानी अब जाकर उन्हें फाइनली राहत मिल गई है. CBI को डीके शिव कुमार के खिलाफ जांच बंद करनी होगी. 

बीजेपी की सरकार में रचा गया था डीके को फंसाने का खेल 

कर्नाटक में बीजेपी सरकार के रहते हुए येदियुरप्पा की सरकार ने डीके को फंसाने के लिए जाल बुना था. ऐसा कानूनी दांवपेंच चला कि CBI, ED, इनकम टैक्स-सब डीके के पीछे लग गए. 2019 में येदियुरप्पा सरकार ने कैबिनेट के पावर का इस्तेमाल करते हुए CBI को जांच करने के कह दिया. 2020 में CBI ने डीके के खिलाफ जांच शुरू कर दी. उसी जांच में आगे ED और इनकम टैक्स भी शामिल हो गए. 

बीजेपी सरकार के उसी जांच आदेश के चलते एक दिन ऐसा भी आया कि कांग्रेस के सबसे बड़े क्राइसिस मैनेजर डीके शिव कुमार पर रेड हुई. गिरफ्तारी हुई.  दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद किए गए. उसी जेल यात्रा के दौरान सोनिया गांधी डीके से मिलने आईं थी. तब से गांधी परिवार के लिए डीके की निष्ठा अटूट हो गई. 

जमानत मिलते ही डीके ने पलट दी प्रदेश की सियासत 

सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद डीके जेल से छूटे. 3 साल बाद राजनीति ऐसे पलटी कि उन्होंने बीजेपी को हराकर कांग्रेस की सरकार बनवा दी. खुद तो सीएम नहीं बन सके लेकिन सरकार में उनकी दखल के बिना पत्ता भी हिलता. नवंबर 2023 में सिद्धारमैया कैबिनेट ने सीबीआई को नया आदेश दिया कि डीके के खिलाफ आप जांच नहीं करेंगे. जांच बंद कर दीजिए. केंद्र सरकार के अंडर  काम करने वाली CBI जांच पर अड़ गई. ना-नुकुर की. मामला हाईकोर्ट में गया जहां सीबीआई की हार हो गई. केस बंद करने की CBI की याचिका पर हाईकोर्ट के जज जस्टिस के सोमशेखर और जस्टिस उमेश एम अडिगा गजब फायर हुए. कहा कि विवाद राज्य सरकार और CBI के बीच टकराव से जुड़ा है जो केंद्र सरकार के मातहत में काम करती है. हम मानते हैं कि रिट याचिकाएं सुनवाई योग्य नहीं हैं. सरकार का फैसला मानना होगा. हाईकोर्ट ने जांच रद्द करने के कर्नाटक सरकार के फैसले को बरकरार रखा जिससे CBI अब डीके के खिलाफ जांच नहीं कर पाएगी. 

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बीजेपी ने भी CBI जांच बंद करने का विरोध किया था. कर्नाटक हाईकोर्ट में CBI के साथ-साथ बीजेपी विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने भी याचिका लगाकर जांच बंद करने का विरोध किया था. लंबी अदालती सुनवाई के बाद कर्नाटक हाईकोर्ट के दो जजों की बेंच ने फैसला दे दिया. हालांकि अभी लोकायुक्त की जांच जारी रह सकती है. लेकिन सीबीआई के हाथ बंध गए हैं. डीके के हाथ खुल गए हैं. अगर सीबीआई सुप्रीम कोर्ट गई और वहां से जांच का नया आदेश लाई तब मुश्किल होगी.

हालांकि CBI की एफआईआर जिंदा है. डीके शिव कुमार ने जुलाई में सुप्रीम कोर्ट से एफआईआर रद्द करने की मांग की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका नहीं सुनी. अब हाईकोर्ट से सीबीआई को आदेश हुआ है कि अगर कर्नाटक सरकार ने जांच की अनुमति वापस ले ली है तो सीबीआई को ऐसा करना होगा.

अब डीके शिव कुमार पर क्या है मामला ये भी जन लीजिए 

देश के सबसे अमीर विधायकों में से एक हैं डीके शिव कुमार. घोषित संपत्ति 1400 करोड़ के पार है. 1400 करोड़ की संपत्ति के मालिक को घेरा गया सिर्फ 74 करोड़ के मामले में. आरोप लगे कि 2013 से 2018 तक डीके ने आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की थी. उस दौरान कांग्रेस में सिद्धारमैया की सरकार थी. डीके शिव कुमार ऊर्जा मंत्री होते थे.

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हाईकोर्ट से डीके को मिली राहत कर्नाटक की राजनीति पलट सकती है. करप्शन के आरोपों में डीके शिव कुमार को राहत मिली है. जबकि पत्नी की जमीन के कारण सिद्धारमैया धीरे-धीरे करप्शन के आरोपों से घिरते जा रहे हैं. कहा जाता है कि करप्शन वाले केस के कारण ही डीके सरकार बनवाने के बाद भी सीएम नहीं बन पाए लेकिन रास्ता धीरे-धीरे क्लियर हो रहा है. 

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