महाराष्ट्र इलेक्शन पर पड़ेगा हरियाणा चुनाव के नतीजों का असर? वरिष्ठ पत्रकार ने बता दिया हवा का रुख

शुभम गुप्ता

ADVERTISEMENT

Maharashtra Assembly election
Maharashtra Assembly election
social share
google news

Maharashtra Elections 2024: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसके नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. हाल ही में हरियाणा चुनाव के नतीजों ने महाराष्ट्र की राजनीति में नई हलचल मचा दी है. बीजेपी नेतृत्व वाली महायुति को सत्ता में वापसी का भरोसा है. जबकि कांग्रेस के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी को उम्मीद है कि वह लोकसभा चुनाव की सफलता को दोहरा सकेगी. अगर ऐसा होता है, तो विपक्षी गठबंधन महाराष्ट्र में सरकार बना सकता है. महाराष्ट्र में क्या होगा, इस बारे में बात करने के लिए साप्ताहिक सभा में ‘Tak’ क्लस्टर के मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांडेकर ने इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई से खास बातचीत की है. राजदीप सरदेसाई का मानना ​​है कि मुकाबला बहुत करीबी होने वाला है. 

हरियाणा चुनाव के नतीजों का असर

हरियाणा में हाल ही में हुए चुनाव में बीजेपी ने तीसरी बार सत्ता हासिल की, जबकि कांग्रेस के जीत की संभावनाएं ज्यादा मानी जा रही थीं. वरिष्ठ पत्रकार का मानना है कि हरियाणा की जीत का महाराष्ट्र चुनाव पर सीधा असर नहीं है, लेकिन बीजेपी के जोश में बढ़ोतरी जरूर हुई है. कांग्रेस के पक्ष में जो लहर जून के बाद से दिख रही थी, उस पर ब्रेक लगा है. हरियाणा में कांग्रेस की एंटी-इनकंबेंसी के बावजूद बीजेपी की जीत ने पार्टी के मनोबल को बढ़ाया है और यह कॉनफिडेंस महाराष्ट्र में भी दिख सकता है. लेकिन यह मान लेना गलत होगा कि हरियाणा के नतीजे सीधे तौर पर महाराष्ट्र के लिए फायदेमंद साबित होंगे, क्योंकि महाराष्ट्र का राजनीतिक परिदृश्य अलग है.

महाराष्ट्र की अलग रणनीतियां

महाराष्ट्र की राजनीति को समझने के लिए वहां की डायवरसिटी को समझना जरूरी है. विदर्भ, मराठवाड़ा, पश्चिमी महाराष्ट्र, मुंबई, और कोंकण, सभी क्षेत्रों की अपनी विशिष्ट राजनीति है. इसी वजह से यह कहना मुश्किल है कि हरियाणा में बीजेपी की जीत के बाद महाराष्ट्र में भी बीजेपी जीत हासिल कर लेगी. राजदीप सरदेसाई ने इस बात की ओर भी इशारा किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस चुनाव में पूरी तरह से हिस्सा ले रही है, जो हाल में हुए लोकसभा चुनाव में नहीं दिखी थी.

ADVERTISEMENT

जातिगत राजनीति और बीजेपी की रणनीति

महाराष्ट्र में इस बार जातिगत राजनीति का प्रभाव भी बढ़ा है. बीजेपी ने ओबीसी समुदाय को संगठित करने की कोशिश की है. जो उसकी पुरानी रणनीति का हिस्सा रही है. वहीं, कांग्रेस ने मराठा समुदाय के समर्थन के साथ-साथ दलित, ओबीसी और मुस्लिम समुदाय के साथ गोलबंदी की है. इसके अलावा, कई छोटी पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों का प्रभाव भी देखने को मिलेगा, जो सीटों के बंटवारे में अहम भूमिका निभा सकते हैं. शरद पवार की एनसीपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उद्धव ठाकरे की सेना के बीच भी मुकाबला देखने को मिलेगा, जो चुनाव को और दिलचस्प बना रहा है.

बीजेपी-कांग्रेस की लड़ाई

इन चुनावों के परिणाम राष्ट्रीय राजनीति पर भी असर डालेंगे. महाराष्ट्र का चुनावी परिणाम 2024 के लोकसभा चुनावों की दिशा तय कर सकता है. अगर महाविकास अघाड़ी जीतता है, तो यह संकेत देगा कि विपक्ष बीजेपी के खिलाफ मजबूती से खड़ा है. वहीं, अगर बीजेपी जीतती है, तो वह साबित करेगी कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में उसका बोलबाला है. इस चुनावी मुकाबले में मोदी फैक्टर की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी, लेकिन यह देखना होगा कि स्थानीय मुद्दे कितने हावी रहते हैं.

ADVERTISEMENT

आखिरी में महाराष्ट्र का चुनावी नतीजा यह भी तय करेगा कि बीजेपी अपने प्रो-इनकंबेंसी फैक्टर को कितनी अच्छी तरह से साध पाती है. किसानों, युवाओं और ग्रामीण संकट के मुद्दों का प्रभाव भी चुनाव परिणामों पर पड़ेगा. ऐसे में यह चुनाव एक बड़ी राजनीतिक दिशा की ओर इशारा कर सकता है.

ADVERTISEMENT

यहां पूरी बातचीत देख सकते हैं

 

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT