केंद्र ने लाई नई पेंशन स्कीम UPS, पहले से चल रही NPS और OPS में क्या है? जानें किसमें-क्या मिलता है फायदा?

अभिषेक

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Pension Schemes: केंद्र की मोदी सरकार ने बीते दिन केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए एक नई पेंशन योजना की घोषणा की. नई स्कीम को यूनिफाइड पेंशन स्कीम(UPS) का नाम दिया गया है. इस स्कीम के तहत कर्मचारियों को उनके पिछले 12 महीनों में मिले एवरेज बेसिक सैलरी के 50 फीसदी के बराबर पेंशन की गारंटी है. केंद्रीय कैबिनेट की मुहर लगने के बाद अगले साल 1 अप्रैल यानी 2025-26 वित्तीय वर्ष से इसे लागू करने का प्लान है. देश में पेंशन को लेकर अब तक दो योजनाएं थीं- ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS), न्यू पेंशन स्कीम (NPS) और अब तीसरी नई स्कीम आ गई है जो यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) है. 

वैसे आपको बता दें कि, 21 साल पहले अटल बिहारी की सरकार में नई पेंशन स्कीम लाई गई थी. केंद्र सरकार ने जब से पुरानी पेंशन स्कीम को बंद करके नई स्कीम लाई तभी से इसे लेकर सड़क से लेकर संसद तक हर जगह विरोध प्रदर्शन देखने को मिला है. वहीं कांग्रेस पार्टी ने हाल के वर्षों में अपने शासित राज्यों में ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू कराया. हाल के चुनावों में कांग्रेस को इसका फायदा भी देखने को मिला. अब केन्द्रीय कर्मचारियों को मनाने के लिए सरकार ने एक नई स्कीम का ऐलान किया है. आइए आपको बताते हैं, देश में कौन-कौन से पेंशन स्कीमें है और उनमें क्या है अंतर. 

पहले जानिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के बारे में 

यूनिफाइड पेंशन स्कीम या UPS एक तरीके से ओल्ड पेंशन स्कीम की ही तरह काम करेगा और साथ ही इसमें न्यू पेंशन स्कीम से भी कुछ जरूरी बेनिफिट्स शामिल किए गए हैं. अगर आप केंद्र सरकार के तहत नौकरी कर रहे हैं और आपने दस साल की नौकरी पूरी कर ली है तो आपको प्रति महीने कम से कम दस हजार रुपये पेंशन के तौर पर मिलेंगे. 

- नौकरी के आखिरी 12 महीनों में मिलने वाली उनकी बेसिक सैलरी का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर मिलेगा.

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- अगर कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो इस हालात में उनके परिवार को पेंशन का 60 फीसदी हिस्सा. यह रकम कर्मचारी की मृत्यु के तुरंत बाद परिवार को दिया जाएगा.

- सरकारी कर्मचारी अपने वेतन का 10 फीसदी UPS में योगदान देंगे. जिस तरह से ओल्ड पेंशन स्कीम में सरकार का कंट्रीब्यूशन 14 फीसदी होता था, UPS के तहत इसे बढ़ाकर 18.5 फीसदी किया जाएगा.

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- अगर किसी कर्मचारी ने कम से कम 10 साल की नौकरी भी पूरी की है तो उन्हें भी प्रति महीने कम से कम 10 हजार रुपये पेंशन के तौर पर मिलेंगे.

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न्यू पेंशन स्कीम(NPS) क्या है?

न्यू पेंशन स्कीम साल 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने लॉन्च की थी. इसे ओल्ड पेंशन स्कीम की जगह लागू करने का प्लान था लेकिन इसका विरोध हुआ और लंबे समय से इसका विरोध हो रहा था. NPS के तहत कर्मचारियों से भी पेंशन में कंट्रीब्यूशन लिया जाने लगा. इसमें और भी कुछ प्रावधान किए गए, जैसे कि पेंशन की 60 फीसदी रकम आप निकाल सकते थे और 40 फीसदी रकम पर संबंधित कर्मचारी के सैलरी ब्रैकेट के हिसाब से टैक्स लगता था.

- न्यू पेंशन स्कीम के तहत मिलने वाला पेंशन कर्मचारी के नौकरी के दौरान किए गए कंट्रीब्यूशन पर निर्भर करता है, और मार्केट परफोर्मेंस के आधार पर पेंशन देने का प्रावधान है.

- NPS में सरकारी कर्मचारी अपने मूल वेतन और DA का 10 फीसदी योगदान करते हैं. सरकार इसमें 14 फीसदी का योगदान करती है. NPS में कोई भी कर्मचारी अकाउंट खोल सकता है, जिसमें वे न्यूनतम 500 रुपये का योगदान कर सकते हैं.

- कर्मचारी रिटायरमेंट पर एकमुश्त एक्यूमुलेटेड कॉर्पस के तौर पर पेंशन की 60 फीसदी रकम निकाल सकते हैं, बाकी रकम का इस्तेमाल रेगुलर पेंशन के भुगतान के लिए एन्यूटी खरीदने में किया जा सकता है.

- अगर आपका अकाउंट NPS के तहत आता है, और आप अगर एकमुश्त 60 फीसदी रकम निकालते हैं तो इसपर कोई टैक्स नहीं लगेगा, लेकिन बाकी 40 फीसदी रकम पर आपकी सैलरी ब्रैकेट के हिसाब से टैक्स लगेगा. यानी की NPS स्कीम में कुछ हद तक टैक्स में छूट मिलती है. 

अब ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) भी जान लीजिए

ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत सरकारी कर्मचारियों को सरकार की तरफ से उनकी आखिरी सैलरी के आधार पर मासिक पेंशन देने का प्रावधान है. इस योजना के तहत कर्मचारियों को पेंशन में कंट्रीब्यूशन नहीं देना होता था. रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को उसकी आखिरी सैलरी के 50 फीसदी के बराबर पेंशन दिए जाने का प्रावधान था.

- पेंशन की पूरी लागत केंद्र सरकार वहन करती थी. इसका मतलब ये कि OPS के तहत कर्मचारियों को पेंशन में अपना कंट्रीब्यूशन नहीं देना होता था.

- OPS सिर्फ उन सरकारी कर्मचारियों पर लागू होता है जो 1 जनवरी, 2004 से पहले नौकरी में शामिल हुए हैं.

- OPS में पेंशन को महंगाई भत्ते (DA) में होने वाले बदलावों के मुताबिक, समय-समय पर अडजस्ट किया जाता है, जो महंगाई से जुड़ा होता है.

- OPS के तहत मिलने वाली पेंशन पर कोई टैक्स नहीं देना होता था. हालांकि, NPS और UPS में टैक्स का प्रावधान किया गया है. 

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