'इलेक्शन आउटकम बजट' लाई है मोदी सरकार, कांग्रेस के 'कॉपी पेस्ट' वाले बयान पर क्या बोले राजदीप सरदेसाई?

अभिषेक

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Weekly Show: लोकसभा चुनाव के बाद एकबार फिर से मोदी सरकार की सत्ता में वापसी हुई. 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार 3.0 का पहला और अपना सातवां बजट पेश किया. नई सरकार बनने के बाद इस बजट से लोगों को काफी उम्मीदें थी. हालांकि इस बजट में कुछ खास देखने को नहीं मिला. लेकिन एक खास चीज ये जरूर देखने को मिली कि, बीजेपी के सहयोगी राज्यों बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए इस बजट में कई ऐलान हुए. कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने इस बजट को भेदभावपूर्ण और कॉपी पेस्ट बताया है. न्यूज TAK के खास कार्यक्रम साप्ताहिक सभा में इस बार बजट 2024 पर ही चर्चा हुई है. इंडिया टुडे के कन्सल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई और TAK चैनल्स के मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांडेकर ने विस्तार से चर्चा की है. आइए आपको बताते हैं इस बातचीत के कुछ खास अंश. 

कैसा है मोदी 3.0 का पहला बजट?

राजदीप सरदेसाई इस सवाल का जवाब देते हुए कहते हैं कि, मेरा मानना है की ये बजट एक इलेक्शन आउटकम बजट है. लोकसभा चुनाव के जो नतीजे आए उसमें दो चीजे हुई. पहली ये कि बीजेपी को सहयोगियों के दम पर सरकार बनानी पड़ी. इस इलेक्शन दूसरी सबसे बड़ी बात बेरोजगारी रही. अब तक सरकार उसे न तो मान रही थी और न ही टॉप प्रायोरिटी में रख रही थी. इस बजट में ये इन दोनों चीजों पर एक्शन होते देखा गया है. बजट में सहयोगी राज्यों के लिए जमकर प्रावधान किया गए. इसके साथ ही सरकार ने बेरोजगारी को टैकल करने के लिए रोजगार को लेकर स्कीम लाई.   

'कॉपी पेस्ट है बजट': कांग्रेस 

राजदीप सरदेसाई कहते हैं कि, मैं इस बजट को कॉपी पेस्ट बजट नहीं कहूंगा. हालांकि कांग्रेस ने अपने चुनावी वादे में कुछ ऐसी ही स्कीम लाई थी लेकिन सरकार के स्कीम और कांग्रेस की स्कीम में फर्क है. कांग्रेस युवाओं को डायरेक्ट एक लाख रुपए देने की बात कर रही थी जबकि ये सरकार इसे अप्रेंटिसशिप बनाकर लाई है. वैसे उन्होंने कहा कि, मोदी सरकार नाम बदलने में माहिर है. 

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'चुनाव में हार के पीछे होती है कई वजहें' 

किसी एक वजह से किसी पार्टी को चुनावों में जीत और हार नहीं मिलती. उसके कई वजहें होती है. महाराष्ट्र में चुनाव से पहले सरकार ने मध्य प्रदेश के लाड़ली बहना योजना के जैसी योजना लाई है और लोगों को डायरेक्ट पैसे देगी. चुनाव से पहले इस तरह की कवायदे की जाती रही है और चुनाव इससे फायदा भी मिलता है. हालांकि ऐसी कोई योजना हमें लोकसभा चुनाव में नहीं देखने को मिली. बीजेपी के सीटों में हुई कमी के पीछे की वजहों में से एक ये भी है. 

इस पूरी बातचीत को आप यह देख सकते हैं- 

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