PDP-NC का वादा- 'J&K में फिर से लागू करेंगे आर्टिकल 370', गृहमंत्री अमित शाह ने कहा 'कोई सवाल ही नहीं'

अभिषेक

ADVERTISEMENT

newstak
social share
google news

J&K Election: निर्वाचन आयोग ने हाल ही में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर(J&K) के विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम का ऐलान किया. साल 2019 में J&K से आर्टिकल 370 हटने के बाद से प्रदेश से राज्य का दर्जा छिन गया और राष्ट्रपति शासन लग गया. तब से वहां कोई चुनाव नहीं हुए. हाल ही में लोकसभा का चुनाव हुआ और अब विधानसभा के चुनाव होने जा रहे है.

चुनाव के ऐलान के बाद से ही सभी राजनैतिक दल अपने चुनावी अभियान में जुट गए है. इस चुनावी माहौल के बीच नेताओं में जमकर बयानबाजियों का दौर भी चल रहा है. पूर्व सीएम फारुख अब्दुला के प्रदेश के विशेष दर्जा को बहाल करने के बयान के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने यह कहते हुए पलटवार किया है कि, 'J&K में आर्टिकल 370 अब कभी बहाल नहीं होगा'. आइए आपको विस्तार से बताते हैं क्या है पूरा मामला. 

वैसे आपको बता दें कि, नरेंद्र मोदी सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया था और तत्कालीन जम्मू -कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था. 

फारुख अब्दुल्ला की पार्टी के मेनीफेस्टो में ऐसा क्या है जिसपर भड़क गये गृहमंत्री 

फारुख अब्दुल्ला की पार्टी और PDP ने विधानसभा चुनावों के लिए अपना मेनीफेस्टो जारी किया. इनके घोषणापत्र में जम्मू-कश्मीर को उसकी 'मूल स्थिति' यानी आर्टिकल 370 से मिले विशेष दर्जे को बहाल करने का वादा किया गया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र में कहा गया है कि, 2019 में अनुच्छेद 370 और 35A के 'असंवैधानिक और अवैध निरसन' ने कश्मीर मुद्दे को और अधिक जटिल बना दिया है, जिससे यहां के लोगों ने गहरा अलगाव महसूस किया. 

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र में आर्टिकल 370 की बहाली और जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे के साथ-साथ 2000 में पूर्ववर्ती विधानसभा के पारित 'स्वायत्तता प्रस्ताव' का कार्यान्वयन भी शामिल है. आपको बता दें कि, जून 2000 में फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार ने राज्य में 1953 से पहले की संवैधानिक स्थिति को बहाल करने की मांग करते हुए जम्मू-कश्मीर विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया था. हालांकि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अध्यक्षता वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसे अस्वीकार कर दिया था. 

गृहमंत्री अमित शाह ने किया पलटवार 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला संविधान का अनुच्छेद 370 कभी बहाल नहीं किया जाएगा. गृहमंत्री की टिप्पणी तब आई जब जम्मू-कश्मीर की दो प्रमुख क्षेत्रीय पार्टियों- नेशनल कॉन्फ्रेंस और PDP ने जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपने चुनावी घोषणापत्र में वादा किया है कि वे 5 अगस्त, 2019 को हटाए गए आर्टिकल 370 को बहाल करने के लिए काम करेंगे. शाह ने कहा, 'अनुच्छेद 370 का जम्मू-कश्मीर में अभी या कभी कोई स्थान नहीं है. इसे कभी भी बहाल नहीं किया जाएगा.' गृह मंत्री J&K में नक्सल प्रभावित राज्यों के शीर्ष नागरिक और सुरक्षा अधिकारियों की बैठक में भाग लेने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. 

अब जम्मू-कश्मीर के चुनाव का शेड्यूल भी जान लीजिए 

16 अगस्त को जारी निर्वाचन आयोग के शेड्यूल के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में 18, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन चरण में मतदान होगा. वहीं चुनाव के नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे. आपको बता दें कि, पिछले सात वर्षों से जम्मू-कश्मीर में कोई चुनी हुई सरकार नहीं है. इतने सालों के बाद यह मौका होगा जब राज्य में कोई लोकतान्त्रिक रूप से चुनी हुई सरकार शासन में आएगी. वैसे ये बात तो पूरी तरह से चुनाव के नतीजों पर ही डिपेन्डन्ट है कि, क्या किसी दल को बहुमत मिल पाता है है त्रिशंकु विधानसभा होती है. 

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT