केदारनाथ धाम में राहुल और वरुण! भाइयों में गले मिलने भर प्रेम बाकी, क्या साथ आना भी मुमकिन?
केदारनाथ धाम में ही दोनों भाइयों की एक छोटी सी मुलाकात हुई है. वीआईपी हेलिपैड जाने के क्रम में मुख्य पुजारी निवास के पास राहुल गांधी की वरुण से मुलाकात हुई.
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News Tak: कांग्रेस नेता राहुल गांधी तीन दिनों के लिए केदारनाथ धाम पहुंचे थे. उनकी यात्रा के आखिरी दिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद वरुण गांधी भी परिवार सहित केदारनाथ पहुंच गए. मजे की बात यह है कि केदारनाथ धाम में ही दोनों भाइयों की एक छोटी सी मुलाकात भी हुई है. वीआईपी हेलिपैड जाने के क्रम में मुख्य पुजारी निवास के पास राहुल गांधी की वरुण से मुलाकात हुई. अब भले ही यह इत्तेफाक ही क्यों न हो, इसी बहाने लोगों को गांधी परिवार के इन दो चिरागों पर बात करने का मौका मिल गया है. क्या ऐसा हो सकता है कि आज राजनीति के दो विपरीत ध्रुवों पर खड़े ये दोनों भाई मिल जाएं?
इस साल की शुरुआत में जब राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर थे तो उनसे वरुण गांधी की कांग्रेस में एंट्री की संभावना को लेकर सवाल पूछे गए. तब राहुल गांधी ने कहा था कि मैं उनसे प्यार से मिल सकता हूं, गले लग सकता हूं, लेकिन उनकी विचारधारा स्वीकार नहीं कर सकता. असल में वरुण गांधी भी लंबे अर्से से बीजेपी में मिसफिट नजर आ रहे हैं. वह अक्सर अपने ही सरकार का नीतिगत विरोध करते दिख जाते हैं. ऐसे में उनको लेकर अक्सर कयासबाजी लगती हैं कि वह बीजेपी में लंबे वक्त के मेहमान नहीं है. अब जबकि एक बार फिर राहुल और वरुण के चर्चे हैं, तो इन दो भाइयों की कहानी भी जान लीजिए. यह भी समझते हैं कि आखिर वरुण के रिश्ते इनके साथ कैसे हैं.
गांधी परिवार से वरुण को लेकर कैसे अलग हुई थीं मेनका?
संजय गांधी इंदिरा गांधी के बेटे और मेनका गांधी के पति थे. पूरा गांधी परिवार प्रधानमंत्री आवास में एक साथ रहता था. लेकिन 1980 में संजय की एक एरोप्लेन दुर्घटना में मृत्यु के बाद सबकुछ बदल गया. उस समय संजय की पत्नी मेनका 25 साल की थी. संजय की मृत्यु के बाद मेनका और इंदिरा गांधी के बीच धीरे-धीरे मनमुटाव बढ़ता रहा. मशहूर लेखक खुशवंत सिंह ने अपनी आत्मकथा में लिखा हैं कि दोनों के बीच दरार इतनी बढ़ गई की एक छत के नीचे रहना मुश्किल हो गया और 28 मार्च 1982 को मेनका अपने बेटे वरुण के साथ मीडियाकर्मियों और पुलिस कर्मियों के सामने प्रधानमंत्री आवास से बाहर निकल गईं.
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इसके बाद से मेनका गांधी और सोनिया गांधी का परिवार भी एक साथ नहीं ही आ पाया. वैसे ये बात भी अक्सर चर्चा में रहती है कि वरुण गांधी के प्रियंका गांधी से रिश्ते अच्छे हैं. उत्तर प्रदेश के 2022 विधानसभा में एक रोडशो के आधार प्रियंका गांधी और मेनका गांधी का आमना-सामना भी हुआ था. तब प्रियंका ने अपनी चाची का अभिवादन किया था.
इस वक्त वरुण गांधी पीलीभीत और मेनका गांधी सुल्तानपुर से बीजेपी की सांसद हैं. लेकिन इन दोनों का ही सियासी भविष्य 2024 के चुनावों के संदर्भ में कुछ साफ नजर नहीं आ रहा है. ऐसे वक्त में राहुल गांधी संग वरुण की छोटी सी ही सही, लेकिन इस मुलाकात ने देश की राजनीति में एक अलग चर्चा जरूर छेड़ दी है.
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