कांग्रेस छोड़ने के बाद राहुल-ज्योतिरादित्य का पहली बार हुआ आमना-सामना, सिंधिया ने बताया क्या हुआ था तब?
Scindia Exclusive Interview: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मध्य प्रदेश की राजनीति, विजयपुर उपचुनाव से लेकर विपक्ष के नेता राहुल गांधी के साथ वायरल हुई तस्वीर पर बात की Tak समूह के मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांडेकर ने. जानने के लिए देखिए एक्सक्लूसिव वीडियो इंटरव्यू...
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Scindia Exclusive Interview: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मध्य प्रदेश की राजनीति, विजयपुर उपचुनाव में बीजेपी को मिली हार और विपक्ष के नेता राहुल गांधी के साथ खूब वायरल हुई तस्वीर पर बात की Tak समूह के मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांडेकर ने. यहां पढ़िए एमपी तक का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू...
सवाल- संसद में एक फोटो और वीडियो वायरल हुआ, राहुल गांधी जी और मल्लिकार्जुन खरगे के साथ में तो क्या बात हुई उनके साथ?
जवाब- उस दिन हम लोग संविधान दिवस के बाद कार्यक्रम में सब उपस्थित थे. भीड़भाड़ में सब लोग साथ में निकल रहे थे. संसद में हम सब सांसद हैं और एक साथ निकल रहे हैं. संसद में चाहे जिस भी पार्टी का व्यक्ति हो सबसे मिलते हैं.
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सवाल- आपकी भारी जीत हुई, लेकिन बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला, नारा था 400 पार था और हम 272 तक भी नहीं पहुंच पाए? इसे आप कैसे देखते हैं?
जवाब- हम स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि अगर इतिहास के पन्ने हम पलटें और 70-75 साल के भारत की आजादी के इतिहास में देश में पहली बार हुआ है, इस राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के वातावरण में किसी भी प्रधानमंत्री को तीसरी बार पीएम के रूप में देश की जनता ने चुना है. एक बार पहले भी हुआ था, लेकिन उस वक्त हम आजादी से नए-नए निकले थे और विपक्ष का कोई नामो-निशान नहीं था. एक तरह से वन पार्टी रूल ही था. लेकिन ये पहली बार 75 सालों में हुआ है कि प्रधानमंत्री को स्पष्ट बहुमत मिला है. और ये प्री-पोल एलायंस था, पोस्ट पोल नहीं.
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दूसरी बात, जो विपक्ष हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव के पहले बड़ी ऊर्जा में थे, जब तीन फिगर भी कांग्रेस ने क्रॉस नहीं किया है. कांग्रेस पार्टी के तीन चुनावों के आंकड़े ले लें. 2014, 2019 और 2024 के आंकड़े संयुक्त रूप से ले लें, तब भी कांग्रेस पार्टी ने 240 पार नहीं किया है.
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तीसरी बात, जहां-जहां भी कांग्रेस-बीजेपी का सीधा मुकाबला रहा है. एमपी, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान में कांग्रेस का हिट रेसियो 25 फीसदी भी नहीं है.
चौथी बात, हरियाणा में तीसरी बार भाजपा की सरकार बनी, सारे विशेषज्ञ कह रहे थे कि अलग नतीजे आएंगे और महाराष्ट्र और हरियाणा की जनता को प्रणाम करता हूं. इतिहास के 75 सालों में महाराष्ट्र में इतना भारी मैंडेट किसी को नहीं मिला, जितना पीएम मोदी जी को मिला है. देश की जनता ने कभी जो नहीं किया वो इस बार करके दिखाया है.
सवाल- आपको ऐसा लगता है कि हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावों से लोकसभा के 240 वाली भरपाई हो गई है?
जवाब- 240 वाली बात भी एक रिकॉर्ड है? आप मुझे बता दीजिए कि एक ही व्यक्ति को कब पीएम चुना गया और एक ही पार्टी को पूर्ण बहुमत के साथ सरकार में लाया गया.
सवाल- कांग्रेस 52 से 99 सीट होने को एक बड़ी उपलब्धि मान रही है कि लगभग दोगुना कर दिया है. उन्होंने विपक्ष का नेता भी बना दिया, जबकि 10 साल में विपक्ष का नेता नहीं था?
जवाब- कांग्रेस की एक प्रवृत्ति हो गई है, खेदपूर्वक कह रहा हूं कि सच देखना नहीं चाहती है. जनता के निर्णय को अपनाना नहीं चाहती है, जनता से दूर हो चुकी है और अपनी जमीन खो चुकी है, जिस दल ने इस प्रवृत्ति को धारण कर लिया तो फिर उसका...?
सवाल- नया आरोप लग रहा है कि बैलेट पेपर से चुनाव होने चाहिए, ईवीएम की वजह से बीजेपी जीत रही है?
जवाब- मैं जीतूं तो सब कुछ ठीक है और मैं हारूं तो मेरी गलती नहीं है, मशीन की गलती है. ऐसे खिलाड़ी को आप क्या कहोगे? देश की जनता ने निर्णय लेकर आपको आउट कह दिया, लेकिन आप पिच पर बने रहना चाहते हो और कहते हो कि बॉल में कुछ खराबी है?
सवाल- उपचुनाव हुए और विजयपुर सीट बीजेपी हार गई, ऐसा क्यों हुआ?
जवाब- अगर कोई कमी रही होगी तो उसमें सुधार करना होगा, वहां हमें वोट अच्छे मिले, लेकिन हार हुई. उन्होंने कैंपेन नहीं बुलाए जाने और नाराजगी की बात पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
सवाल- मोहन यादव सरकार को एक साल हो गया है, वह भी अप्रत्याशित मैंडेट था, ऐसे में मोहन यादव की सरकार को 10 में से कितने नंबर देंगे?
जवाब- मैं 10 में 10 नंबर दूंगा, क्योंकि जिस दिन से उन्होंने कार्य भार संभाला है, वो काम कर रहे हैं, लगे रहे. हर योजना की समीक्षा, जनता की समक्ष जाना और मध्य प्रदेश में क्या विकास कर सकते हैं. इस पर मंथन करते रहे. इसका उदाहरण है कि रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव कराए, जिसमें उद्यमी और एमएसएमई को बुलाया. बहुत सफल प्रयास रहा है, जिसमें बहुत से एमओयू और लेटर ऑफ इंटेट हस्ताक्षर हुए.
इस दौरान वह विदेश दौरे पर भी गए. मैंने उनके साथ बहुत नजदीक से काम किया, उन्होंने किसी भी काम को शीघ्रता से स्वीकृति दिलवाई. ऐसा हर एक क्षेत्र में उनकी मेहनत दिख रही है.
कांग्रेस छोड़ने के बाद राहुल-ज्योतिरादित्य का पहली बार हुआ आमना-सामना, सिंधिया ने बताया क्या हुआ था तब?
विस्तार से देखें वीडियो इंटरव्यू...
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