तेजस्वी ने CM हिमंत को बता दिया 'योगी का चाइनिज वर्जन', हो रहा जमकर बवाल, समझिए पूरा मामला

News Tak Desk

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Tejashwi Yadav-Himanta Biswa Sarma: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आरजेडी नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बयान का कड़ा जवाब दिया है, जिसमें तेजस्वी ने उन्हें "योगी का चीनी वर्जन" बताया था. सीएम सरमा ने इस बयान को लेकर तेजस्वी पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर तेजस्वी यादव ने अपने कार्यकाल के दौरान बिहार में चार घंटे का ब्रेक लागू किया होता, तो उनकी आलोचना में कुछ दम होता.

दरअसल, हाल ही में असम विधानसभा ने मुस्लिम विधायकों के लिए दो घंटे के नमाज के ब्रेक को खत्म कर दिया था. इस फैसले के बाद तेजस्वी यादव ने आलोचना करते हुए कहा था कि हिमंत बिस्वा सरमा सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चीनी वर्जन बन गए हैं. तेजस्वी के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई.

तेजस्वी पर तीखा पलटवार

तेजस्वी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए सरमा ने कहा, "तेजस्वी यादव मेरी आलोचना कर रहे हैं, लेकिन मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या बिहार में ऐसी कोई प्रथा है? अगर उन्हें इस तरह के ब्रेक की इतनी चिंता है, तो उन्हें अपने उपमुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान बिहार में चार घंटे का ब्रेक लागू करना चाहिए था." सरमा ने जोर देते हुए कहा कि किसी को भी दूसरों की आलोचना करने से पहले खुद उस पर अमल करना चाहिए.

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BJP की तीखी प्रतिक्रिया

इस विवाद के चर्चा में आने के बाद भाजपा ने भी तेजस्वी यादव की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया दी. भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने इसे इंडिया ब्लॉक की "नस्लवादी मानसिकता" का प्रतीक बताते हुए कहा कि क्या कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेता इस तरह की "घृणास्पद टिप्पणी" का समर्थन करेंगे. पूनावाला ने यह भी सवाल उठाया कि क्या राहुल गांधी इस बयान के बाद आरजेडी से संबंध तोड़ेंगे.

क्या था असम विधानसभा का फैसला?

असम विधानसभा में मुस्लिम विधायकों के लिए नमाज के ब्रेक को खत्म करने का फैसला सरमा का अकेला निर्णय नहीं था. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह फैसला सभी हिंदू और मुस्लिम विधायकों का मिला-जुला निर्णय था. सरमा ने कहा कि असम के विकास के लिए प्रतिबद्ध किसी भी विधायक को इस फैसले से कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने कहा कि यह फैसला किसी एक समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि सभी के हित में लिया गया था.

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यह विवाद तेजस्वी यादव और हिमंत बिस्वा सरमा के बीच राजनीतिक मतभेद को और गहरा कर सकता है, जिससे आने वाले दिनों में राजनीतिक समीकरण में और बदलाव देखने को मिल सकते हैं.

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