राहुल गांधी ने उठाए सवाल तो तेलंगाना के CM रेवंत रेड्डी ने अडानी ग्रुप पर ले लिया चौंकाने वाला ये बड़ा फैसला
राहुल गांधी के इस बयान के बाद उनसे सवाल किया गया था कि कांग्रेस शासित राज्यों में भी अडानी के बड़े प्रोजेक्ट्स हैं. इस पर उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनकी पार्टी किसी को भी बचाने के पक्ष में नहीं है और सभी मामलों की जांच की जाएगी.
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न्यूज़ हाइलाइट्स
अडानी ग्रुप और केंद्र सरकार को लेकर कांग्रेस का रुख लगातार सख्त होता जा रहा है
राज्य की कांग्रेस सरकार ने अडानी ग्रुप से 100 करोड़ रुपये के फंड को नहीं लेने का निर्णय लिया
राहुल गांधी के अडानी ग्रुप पर लगातार सवाल उठाने के बाद रेवंत रेड्डी सरकार ने ये फैसला किया
अडानी ग्रुप और केंद्र सरकार को लेकर कांग्रेस का रुख लगातार सख्त होता जा रहा है. इसी कड़ी में तेलंगाना से एक बड़ी खबर सामने आई है. राज्य की कांग्रेस सरकार ने अडानी ग्रुप द्वारा प्रस्तावित 100 करोड़ रुपये के फंड को न लेने का निर्णय लिया है. यह निर्णय राहुल गांधी की ओर से अडानी ग्रुप पर लगातार किए जा रहे सवालों और हमलों के बाद लिया गया है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला...
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में अमेरिकी जांच एजेंसी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए गौतम अडानी और उनके ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाए. राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र सरकार पर अडानी को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि अडानी ग्रुप से जुड़े सभी प्रोजेक्ट्स की जांच होनी चाहिए. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि देश में अडानी ग्रुप को दिए गए सभी कामों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
राहुल गांधी के इस बयान के बाद उनसे सवाल किया गया था कि कांग्रेस शासित राज्यों में भी अडानी के बड़े प्रोजेक्ट्स हैं. इस पर उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनकी पार्टी किसी को भी बचाने के पक्ष में नहीं है और सभी मामलों की जांच की जाएगी.
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तेलंगाना सरकार का यूटर्न
राहुल गांधी की इस सख्ती के बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने अडानी ग्रुप से जुड़े एक बड़े फंड को लेकर अहम फैसला लिया. तेलंगाना सरकार ने घोषणा की कि वह यंग इंडिया स्किल्स यूनिवर्सिटी के लिए अडानी ग्रुप द्वारा दिए गए 100 करोड़ रुपये स्वीकार नहीं करेगी. मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने बयान जारी कर कहा कि राज्य सरकार ने अडानी ग्रुप से किसी प्रकार का फंड नहीं लिया है और न ही भविष्य में इसे स्वीकार करने का कोई इरादा है. उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों और विवादों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है.
अडानी फाउंडेशन को खत
तेलंगाना सरकार ने इस संबंध में अडानी फाउंडेशन को एक औपचारिक पत्र भेजा है. औद्योगिक संवर्धन आयुक्त के विशेष मुख्य सचिव जयेश रंजन ने अडानी फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ. प्रीति अदानी को लिखे पत्र में कहा, 'हम आपके फाउंडेशन की ओर से यंग इंडिया स्किल्स यूनिवर्सिटी के लिए 100 करोड़ रुपये के प्रस्ताव के लिए आभारी हैं. हालांकि, वर्तमान विवादों और परिस्थितियों को देखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार यह फंड स्वीकार नहीं किया जाएगा.'
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कांग्रेस का बढ़ता दबाव
तेलंगाना सरकार का यह फैसला राहुल गांधी की उस रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसके तहत वह अडानी ग्रुप को लेकर लगातार केंद्र सरकार और संबंधित पक्षों पर दबाव बना रहे हैं. राहुल गांधी ने यहां तक मांग की कि गौतम अडानी की गिरफ्तारी होनी चाहिए और उनके सभी प्रोजेक्ट्स की गहन जांच होनी चाहिए.
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तेलंगाना सरकार के इस कदम ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. एक तरफ कांग्रेस इसे अपनी नैतिक जीत के रूप में देख रही है, तो दूसरी तरफ विरोधी दल इस फैसले को कांग्रेस की दोहरी नीति करार दे रहे हैं. हालांकि, तेलंगाना सरकार ने साफ किया है कि यह निर्णय किसी दबाव में नहीं बल्कि राज्य की नीति और विवादों से बचने के लिए लिया गया है.
तेलंगाना का आदर्शवादी रुख?
तेलंगाना सरकार का यह निर्णय राजनीति में नैतिकता और पारदर्शिता को लेकर एक बड़ा उदाहरण हो सकता है. हालांकि, यह भी देखना होगा कि अन्य राज्यों और दलों का अडानी ग्रुप से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर क्या रुख रहता है. तेलंगाना सरकार का यह कदम न केवल कांग्रेस की रणनीति को मजबूत करेगा, बल्कि यह भी दिखाएगा कि अडानी मामले को लेकर कांग्रेस अपनी बात पर कायम है. आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार और अडानी ग्रुप इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं.
तेलंगाना सरकार का अडानी ग्रुप से 100 करोड़ रुपये का फंड न लेने का फैसला, राहुल गांधी के बढ़ते दबाव का परिणाम है. यह कदम राजनीतिक नैतिकता को लेकर एक नया उदाहरण पेश कर सकता है. वहीं, अडानी ग्रुप और केंद्र सरकार के लिए यह मामला और चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है.
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