West Bengal Anti Rape Bill: बंगाल विधानसभा से पास हुआ एंटी-रेप बिल, CM ममता ने कहा- CBI जल्द करें इंसाफ

अभिषेक

ADVERTISEMENT

The anti-rape bill introduced by the Mamata Banerjee government proposes stringent punishments for rape-murder. (Photo: PTI)
Mamata Banerjee
social share
google news

West Bengal Anti Rape Bill: 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में एक बड़ी वीभत्स घटना हुई. ड्यूटी पर तैनात एक ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई. इस घटना ने पश्चिम बंगाल के साथ-साथ देश भर को हिला कर रख दिया. इस घटना के बाद बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन और हड़ताल हुए. बंगाल सरकार और विपक्ष आमने-सामने है. ममता बनर्जी खुद प्रदर्शन कर रही हैं और जल्द से जल्द आरोपी को फांसी देने की मांग का रही है. ये मामला फिलहाल केन्द्रीय जांच एजेंसी CBI के हाथों में और मुख्य आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया जा चुका है. 

इन सब के बीच बंगाल CM ममता बनर्जी ने विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के आखिरी दिन आज 'एंटी रेप बिल' पास करा लिया है. बंगाल सरकार के इस बिल अपराजिता महिला एवं बाल (आपराधिक संशोधन कानून) 2024 को विधानसभा में पेश किया था जो बहुमत से पास हो गया. इसमें रेप के दोषियों के लिए 10 दिनों के भीतर फांसी की सजा सुनिश्चित करने का प्रावधान है. 

क्या है अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक?

पश्चिम बंगाल सरकार आज विधानसभा में एंटी रेप बिल पेश किया इस बिल का नाम अपराजिता महिला एवं बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून संशोधन) विधेयक 2024 है. इस विधेयक में रेप के दोषियों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान है. बंगाल विधानसभा में पेश एंटी रेप बिल के तहत दोषियों के लिए दस दिन में फांसी का प्रावधान है. इसके साथ ही शुरुआती जांच रिपोर्ट 21 दिनों के भीतर पेश करने, जिला स्तर पर टास्क फोर्स गठित करने और तय वक्त में सुनवाई पूरे करने का प्रावधान है. इसके साथ ही इस बिल में रेप जैसे जघन्य अपराध के लिए और कई प्रबंध भी किया गए है. 

जल्दबाजी में बिल लेकर आई सरकार लेकिन समर्थन में है हम: शुभेंदु अधिकारी

बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने एंटी रेप बिल को लेकर कहा कि TMC जल्दबाजी में ये बिल लेकर आई है. लेकिन हम चाहते हैं कि इस बिल को जल्द से जल्द लागू किया जाए. हम नतीजें चाहते हैं. हमें इसका पूरा समर्थन है. मुझे नहीं पता कि इस बिल को पेश करने से पहले प्रक्रिया का पालन किया गया या नहीं. मैं इस पर सवाल उठाना नहीं चाहता. हम इस पर वोटिंग नहीं चाहते. हम इस पर मुख्यमंत्री के संबोधन को सुनेंगे लेकिन हम इस बिल को लागू करने की गांरटी चाहते हैं. इस बिल में कुछ नया नहीं है. 

यह भी पढ़ें...

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT