SI Paper Leak में SOG को मिली बड़ी सफलता, पकड़ी गई मोनिका जाट के ये वीडियो हो गए वायरल

नितेश तिवारी

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तस्वीर: राजस्थान तक.
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युवती का यो यो हनी सिंह वाला स्टाइल देखिए...इनका नाम है मोनिका जाट. वीडियो तब का है जब ये एसआई वाली परीक्षा देने आई थीं. कॉन्फिडेंट इतना हाई था कि पहले ही ये दवा कर गईं थीं कि अब तो यहां से दो स्टार लगाकर ही जाएंगी. लेकिन अब इनको एसओजी वालों ने पकड़ रखा है. इनपर नकल करके परीक्षा पास करने का आरोप है. 
 
मोनिका जाट को राजस्थान एसओजी ने झुंझुनूं जिले की पुलिस लाइन से गिरफ्तार किया है. मोनिका पर आरोप है कि इन्होंने खाकी पहनने से पहले ही खाकी को दागदार कर दिया. इन्होंने भी 2021 में एसआई वाली परीक्षा दी थी. वही एसआई परीक्षा जिसमें पेपर भी लीक हो गया था, लेकिन परीक्षा आज तक कैंसिल नहीं हो पाई. नकल करके पास हुए लोग भी एसआई वाली ट्रेनिंग करने के लिए भेज दिये गए. 

हालांकि एसओजी ने पीछा नहीं छोड़ा. अब तक एसआई पेपर लीक वाले मामले में एसओजी कुल 86 लोगों को गिरप्तार कर चुकी है. जिनमें चयनित थानेदार शामिल हैं. एसओजी ने 52वीं गिरफ्तारी मोनिका जाट के रूप में की है.  

झुंझुनूं पुलिस लाइन में ही एसआई मोनिका की ट्रेनिंग चल रही थी. मोनिका जाट का नाम कई महीने पहले ही सामने आ चुका था.  मोनिका ने मेडिकल लीव लिया और फिर बिना कोई वजह बताए ही गैरहाजिर रहने लगी. 18 फरवरी को अचानक एसओजी वाले गुपचुप तरीके से झुंझुनूं पहुंच गए और मोनिका को वहां की पुलिस लाइन से ही दबोच लिया. 

ब्लूटूथ से नकल का आरोप

मोनिका जाट पर ब्लूटूथ से नकल करने का आरोप है. एसआई भर्ती 2021 का पेपर लीक होने के साथ ही काफी बड़े पैमाने पर नकल भी हुई थी. नकल गैंग के मास्टरमाइंड पोरव कालेर की गिरफ्तारी के बाद नकल करके पास होने वाले कई चयनित थानेदारों के नाम सामने आए थे. इनमें मोनिका का नाम भी शामिल था.

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जब पोरव कालेर की गिरफ्तारी हुई तो मोनिका को पता चल गया था कि उसका भी नंबर आने वाला है. ऐसे में ट्रेनिंग के बीच में ही मेडिकल लीव के नाम पर गायब हो गई. एसओजी के एडीजी वीके सिंह का कहना है कि मोनिका जाट को पोरव कालेर गैंग ने ब्लूटूथ के जरिए नकल कराई थी.   

बेरोजगारों को भजनलाल सरकार से बड़ी उम्मीदें है, कि सरकार परीक्षा में नकल बंद करवाने और पेपर लीक रोकने का कोई पुख्ता इंतज़ाम जरुर करेगी. उससे भी ज्यादा जरूरत है कि उन नकलचियों को पकड़कर सलाखों के पीछे पहुंचाया जाए, जिन्होंने पढ़ने वाले मेधावी अभ्यर्थियों का हक ही मार लिया है. 

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