गर्मी की छुट्टियों में घूम आएं लद्दाख की ये जगह, एक बार देख लिया तो भूल जाएंगे जन्नत
दरअसल, लेह जिले में घूमने के लिए कई सारी जगहें हैं. लेकिन इनमें से एक गांव है लामायुरू. जो लेह से 110 किमी की दूरी पर स्थित है. बता दें, यह गांव बिल्कुल चांद जैसा सुंदर है. इसकी खूबसूरती इस कदर प्रचलित है कि यहां हर महीने हजारों पर्यटक घूमने पहुंचते हैं.
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अगर आप चांद पर जाने का सपना देखते हैं, तो लेह जिले में स्थित एक ऐसा गांव है, जिसे धरती का चांद कहा जाता है. यह गांव बेहद खूबसूरत है. कहते हैं यहां जाकर आप चांद पर घूमने जैसा मजा ले सकते हैं. तो आइए आज इस गांव के बारे में विस्तार से जानते हैं.
लेह जिले में घूमने के लिए कई सारी जगहें हैं, जिसे देखने के लिए हर साल देशी और विदेशी पर्यटक यहां पहुंचते हैं. इनमें से एक गांव है लामायुरू. जो लेह से 110 किमी की दूरी पर स्थित है. यह गांव बिल्कुल चांद जैसा सुंदर है. इसकी खूबसूरती इस कदर प्रचलित है कि यहां हर महीने हजारों पर्यटक घूमने पहुंचते हैं. यह गांव एडवेंचर प्रेमियों के बीच भी काफी लोकप्रिय है.
क्या है लामायुरु की खासियत
इस गांव की खूबसूरती इस कदर प्रचलित है कि इसे लद्दाख के साथ-साथ भारत का मूनलैंड भी कहा जाता है. कई लोगों का मानना है कि इस गांव की ज्योग्राफी भी चंद्रमा जैसी ही है. इस गांव में चारों ओर बर्फ से ढंके पहाड़ और साफ नीला पानी है. खास बात यह है कि इस पानी में चांद की आकृति साफ नजर आती है. लामायुरु गांव के बारे लोगों का कहना है कि यहां न तो पेड़-पौधे हैं और न ही हवा का दबाव और यह स्थिति बिल्कुल चांद जैसा लगता है. कई लोगों का मानना है कि यहां इस गांव में दिन में कम और रात में आकाशीय नजारा देखने के लिए अधिक पर्यटक पहुंचते हैं. इस गांव को लेकर यह भी कहा जाता है पूर्णिमा की रात को यहां की जमीन चांद की तरह चमकने लगती है.
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लामायुरू मोनेस्ट्री है देखने लायक
अगर आप लामायुरू गांव घूमने के लिए जा रहे हैं, तो फिर आप लामायुरू मोनेस्ट्री घूमना न भूलें. लामायुरू मोनेस्ट्री सिर्फ लामायुरू गांव का ही नहीं, बल्कि पूरे लेह लद्दाख का सबसे प्राचीन मठ माना जाता है. लामायुरू मोनेस्ट्री को 11वीं शताब्दी में महासिद्धाचार्य नारोपा ने खोजा था. यह पवित्र मठ पांच मंजिला है, जिसका निर्माण पहाड़ी से किया गया है. इस मोनेस्ट्री से आप आसपास का अद्भुत नजारा भी देख सकते हैं.
कैसे पहुंचे लामायुरु गांव?
इस गांव तक पहुंचने के लिए आपको लेह तक पहुंचना होगा. यहां से गांव के लिए आपको बस मिल जाएगी. ये बस हर रोज सुबह 10 बजे और दोपहर 12 बजे लामायुरु गांव के लिए निकलती है.
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