Mohammed Shami Viral Video: मोहम्मद शमी के वायरल वीडियो पर भड़के मौलाना, दे दी नसीहत
रमजान का पवित्र महीना चल रहा है, ऐसे में मुस्लिम धर्म को मानने वाले लोग इस पुरे महीने रोज़ा रखते हैं और खुदा की इबादत करते हैं. लेकिन इसी बीच भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. वीडियो में शमी रमजान के महीने में जूस पीते हुए नजर आ रहे हैं. रमजान के पाक महीने में उनके जूस पीने को लेकर बरेली के मौलानाओं ने नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि रमजान में रोजा रखना हर मुसलमान पर फर्ज है और शमी का ऐसा करना इस्लाम के नियमों का उल्लंघन है.
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रमजान का पवित्र महीना चल रहा है, ऐसे में मुस्लिम धर्म को मानने वाले लोग इस पुरे महीने रोज़ा रखते हैं और खुदा की इबादत करते हैं. लेकिन इसी बीच भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. वीडियो में शमी रमजान के महीने में जूस पीते हुए नजर आ रहे हैं. रमजान के पाक महीने में उनके जूस पीने को लेकर बरेली के मौलानाओं ने नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि रमजान में रोजा रखना हर मुसलमान पर फर्ज है और शमी का ऐसा करना इस्लाम के नियमों का उल्लंघन है.
शमी पर भड़के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा, "इस्लाम में रोजे को फर्ज करार दिया गया है और हर मुस्लिम, चाहे वह पुरुष हो या महिला को रोजा रखना जरूरी है. अगर कोई जानबूझकर रोजा नहीं रखता है, तो वह निहायत गुनाहगार है. " मौलाना ने यह भी कहा कि मोहम्मद शमी ने जानबूझकर रोजा नहीं रखा, जो कि इस्लाम के अनुसार बहुत बड़ा गुनाह है.
शरीयत के तहत दी हिदायत
मौलाना रजवी ने आगे कहा, "मोहम्मद शमी ने जो किया, वह शरीयत की नजर में गलत है. उन्होंने बहुत बड़ा गुनाह किया है. मैं उन्हें हिदायत देता हूं कि वे इस्लाम के फर्ज और वाजिबात को समझें और उनके अनुसार अपना जीवन बिताएं. क्रिकेट खेलना, और बाकी कार्य करना ठीक है, लेकिन अल्लाह ने जो जिम्मेदारियां दी हैं, उन्हें भी निभाना जरूरी है. शमी को यह समझना चाहिए कि उनकी जिम्मेदारी सिर्फ खेल तक सीमित नहीं है, बल्कि धर्म के अनुसार अपनी जिंदगी भी जीनी चाहिए."
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शमी को मौलाना ने दी नसीहत
मौलाना ने यह भी कहा कि शमी को इस्लाम के नियमों का पालन करना चाहिए. उन्होंने शमी को नसीहत दी कि वे अपनी ज़िम्मेदारियों को समझें और इस्लाम के कायदे के अनुसार अपने जीवन में बदलाव लाएं. "खेल के साथ-साथ धर्म की जिम्मेदारी भी हर मुसलमान पर है, और उसे निभाना हर हाल में चाहिए."
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