बीआर अंबेडकर के परपोते के खुलासे से BJP में मचा हड़कंप, भाजपा राहुल के खिलाफ रच रही थी ये साजिश!

शुभम गुप्ता

20 Sep 2024 (अपडेटेड: Sep 20 2024 12:31 PM)

Rahul Gandhi: सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो बीआर अंबेडकर के परपोते का है. वीडियो में उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ एक बड़ी साजिश को लेकर खुलासा किया है.

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Rahul Gandhi: राहुल गांधी अमेरिका दौरे के दौरान दिए अपने भाषण को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के निशाने पर हैं. बीजेपी नेताओं ने उनके बयानों की कड़ी आलोचना की, जिसमें कुछ नेताओं ने उन्हें "नंबर वन आतंकी" तक कह दिया, तो कुछ ने उनकी "जुबान काटने" की धमकी दी. विवादित बयानों के चलते देश की राजनीति गरमा गई है.

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राजरत्न आंबेडकर का वायरल वीडियो

इस विवाद के बीच, एक वीडियो सामने आया है जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. यह वीडियो डॉ. बी.आर. अंबेडकर के परपोते डॉ. राजरत्न आंबेडकर का है, जिसे उन्होंने 15 सितंबर को अपने फेसबुक अकाउंट पर शेयर किया था. इस वीडियो में राजरत्न ने एक बड़ा खुलासा किया कि बीजेपी ने उनसे राहुल गांधी के खिलाफ आंदोलन करने के लिए संपर्क किया था.

राजरत्न आंबेडकर का खुलासा

राजरत्न आंबेडकर ने वीडियो में कहा, "मुझे देश की सबसे बड़ी पार्टी (बीजेपी) ने संपर्क किया और कहा कि राहुल गांधी के अमेरिका में दिए बयान के खिलाफ आंदोलन करो. उन्होंने मुझ पर दबाव डाला, लेकिन मैंने कोई आंदोलन नहीं किया और न ही करूंगा। मैं समाज के पैसों से अपनी मूवमेंट चलाता हूँ, बीजेपी के आदेश पर नहीं."

उन्होंने आगे बताया कि राहुल गांधी ने अमेरिका में जातिगत आरक्षण को लेकर सही बात कही थी. राहुल ने कहा था, "जब तक भारत में जातिगत भेदभाव और सामाजिक असमानता है, तब तक आरक्षण रहेगा." राजरत्न ने इस बयान को आंबेडकरवादी दृष्टिकोण से सही ठहराया और इसे आंदोलन का कारण नहीं माना.

राहुल गांधी का आरक्षण पर बयान

राहुल गांधी vs जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में कहा था कि, 'जब देश में पूरी तरह से निष्पक्षता आ जाएगी तब आरक्षण खत्म कर दिया जाएगा.' उनके इस बयान के बाद देश में कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आई.  राहुल गांधी ने भारतीय प्रशासनिक प्रणाली बात बात करते हुए कहा था कि, अगर आप भारत में दलितों, आदिवासियों और ओबीसी को जोड़ दें तो ये देश की कुल आबादी का 73 फीसदी हिस्सा बनते हैं. वहीं अगर आप भारत सरकार में प्रमुख वित्तीय निर्णय लेने वाले 70 नौकरशाहों को देखें तो उन 70 लोगों में से एक आदिवासी, तीन दलित और तीन ओबीसी और अल्पसंख्यक हैं. यानी की भारत सरकार में 90 फीसदी लोगों की पहुंच 10 फीसदी से भी कम पदों तक है जो यह निर्धारित करते हैं कि वित्त और धन कैसे खर्च किया जाएगा.

इसके बाद उन्होंने इसमें सुधार को लेकर कहा कि, 'आरक्षण ही एकमात्र साधन नहीं है. अन्य साधन भी हैं, लेकिन हमें आरक्षण खत्म करने के बारे में तभी सोचना चाहिए जब भारत एक निष्पक्ष स्थान बन जाए. हालांकि ऐसा करने के लिए भारत अभी कोई उचित स्थान नहीं है. राहुल गांधी के इसी बयान को लेकर विवाद गरमाया हुआ है. 

If you look at the Indian Government and examine the 70 bureaucrats who run it, the secretaries to the Government of India, these are the people who make almost all the financial decisions.

If you add up Dalits, Tribals, and OBCs, they make up 73 percent of the population. But… pic.twitter.com/L5Sp2msFoh

— Congress (@INCIndia) September 10, 2024

 

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