Waqf Amenmdent Bill: केंद्र सरकार ने आज लोकसभा में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल 2024 पेश किया है. इस बिल के जरिए सरकार देश के बोर्डस वक्फ की संपत्तियों के मैनेजमेंट और ट्रांसफर में बदलाव और महिलाओं की हिस्सेदारी को सुनिश्चित करना चाहती है. बिल पेश करने के दौरान सत्ता और सत्तापक्ष के बीच जोरदार बहस देखने को मिल रही है. हालांकि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बॉर्ड ने कहा कि वह मौजूदा वक्फ बोर्ड में किसी भी प्रकार का बदलाव मंजूर नहीं करेगा.
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वक्फ से जुड़े कितने बिल ला रही है सरकार
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा वक्फ विधेयक पेश किया जाने वाला पहला संशोधन कानून है जिसने मुस्लिम संगठनों और विपक्ष के बीच हलचल पैदा कर दी है. कैबिनेट की मीटिंग में केंद्र सरकार अधिनियम में करीब 40 संशोधन किए हैं. केंद्र सरकार ने इसके जरिए वक्फ बोर्ड के असीमित अधिकारों पर विराम लगाना चाहती है. मोदी सरकार के इस कदम का मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का जमकर विरोध कर रही है. उनका कहना है कि वक्फ बोर्ड की कानूनी स्थिति और शक्तियों में किसी भी तरह का हस्तक्षेप बर्दाशत नहीं किया जाएगा.
वक्फ संशोधन बिल की क्या विशेषताएं हैं?
1. विधेयक के तहत बोर्ड के स्ट्रक्चर में बदलाव किया जाएगा और इसमें महिलाओं की हिस्सेदारी भी सुनिश्चित की जाएगी. राज्यों में वक्फ बोर्ड में महिला सदस्य शामिल होंगी. प्रत्येक राज्य बोर्ड में दो और केंद्रीय परिषद में दो महिलाएं होंगी. फिलहाल में महिलाओं को वक्फ बोर्ड और काउंसिल का सदस्य नहीं बनाया जाता है.
2.1995 के एक्ट के तहत अब तक वक्फ अधिनियम, 1995 नाम था. अब संशोधन विधेयक को नया नाम दिया गया. इसे 'एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995' नाम दिया गया हैं.
3.संशोधन में बोहरा और आगाखानिओं के लिए एक अलग औकाफ बोर्ड की भी बात की गई है. नए संशोधन कानून में वक्फ बोर्डों में शिया, सुन्नी, बोहरा, आगाखानियों के प्रतिनिधित्व का भी प्रावधान है.
4.सरकार ने विधेयक के तहत एक वैध वक्फनामा बनाया है जिसके तहत अगर कोई व्यक्ति वक्फ में संप्ति दान करेगा तो मूल रूप से दस्तावेजो के माध्यम से ही दान कर सकता है. वहीं, मौजूदा कानून व्यक्ति को मौखिक सकझौते के तौर पर ही वक्फ में संपत्ति दान करने की अनुमति देता है.
क्या है ‘वक्फ’ का मतलब
वक्फ का मतलब होता है ‘अल्लाह के नाम’. यह शब्द एक अरबी शब्द है जो 'वकुफा' से बना है. इसका मतलब ठहरना होता है. वक्फ उस संपत्ति को कहते हैं जो इस्लाम धर्म को मानने वाले दान में देते हैं. ये चल-अचल दोनों तरह की होती हैं. वक्फ बोर्ड का इसपर मालिकाना हक होता है.
इसके तहत किसी भी संपत्ति का स्वामित्व बदलता है तो माना जाता है कि इसका अधिकार अल्लाह को हस्तांतरित हो जाता है. कहा जाता है कि फिर उसमें कोई भी बदलाव नहीं किया जा सकता है. इसमें मस्जिद, मदरसे, कब्रिस्तान, ईदगाह, मजार और नुमाइश की जगहें आदि शामिल हैं. वक्फ़ बोर्ड्स के पास लगभग 8.7 लाख संपत्तियां हैं जो कि करीब 9.4 लाख एकड़ है.
ये खबर न्यूज तक के साथ इंटर्नशिप कर रही रिद्धी जैन ने लिखी है.
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