BJP के SC-ST सांसदों ने PM मोदी से मिलकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर क्या कहा?

अभिषेक

• 02:11 PM • 09 Aug 2024

SC/ST Creamy Layer: जानकारी के मुताबिक पीएम को सौंपे गए ज्ञापन में सांसदों ने ये मांग की है कि हमारे समाज में कोटे के अंदर कोटे से जुड़ा फैसला लागू नहीं हो.

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SC/ST Creamy Layer: भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (SC/ST) के सांसदों ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की. इस दौरान इन सांसदों ने पीएम मोदी को एक ज्ञापन भी सौंपा. जानकारी के मुताबिक पीएम को सौंपे गए ज्ञापन में सांसदों ने ये मांग की है कि हमारे समाज में कोटे के अंदर कोटे से जुड़ा फैसला लागू नहीं हो. आपको बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने बीते हफ्ते SC/ST वर्ग के कोटे में कोटा दिए जाने को मंजूरी दी थी. कोर्ट ने कहा था कि, राज्य SC-ST कैटेगरी के भीतर नई सब कैटेगरी बना सकते हैं और इसके तहत अति पिछड़े तबके को अलग से रिजर्वेशन दे सकते हैं.

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PM ने कहा नहीं होगा लागू: कुलस्ते 

SC/ST के लिए क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के संबंध में पीएम मोदी के साथ अपनी मुलाकात पर बीजेपी सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा, 'हमने पीएम को बताया कि SC/ST में क्रीमी लेयर और उनके आरक्षण से वंचित किए जाने वाला सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू नहीं किया जाना चाहिए. सबसे दिलचस्प बात ये रही कि, ' सांसद कुलस्ते ने यह भी कहा कि, पीएम ने यह भी कहा कि इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए.'

अब जानिए क्या है पूरा मामला?

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों SC/ST वर्ग को कोटे में कोटा दिए जाने को मंजूरी दी थी. कोर्ट ने कहा था कि, राज्य SC-ST कैटेगरी के भीतर नई सब कैटेगरी बना सकते हैं और इसके तहत अति पिछड़े तबके को अलग से रिजर्वेशन दे सकते हैं. आपको बता दें कि, देश में अभी अनुसूचित जाति (SC) को 15 फीसदी और अनुसूचित जनजाति (ST) को 7.5 फीसदी आरक्षण मिलता है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद SC और ST की जातियों के इसी 22.5 फीसदी के आरक्षण में ही राज्य सरकारें उन वर्गों के कमजोर तबकों को अलग से कोटा तय कर सकेंगी.

सुप्रीम कोर्ट ने कोटे के अंदर कोटे की अनुमति राज्य सरकारों को देते हुए का था कि राज्य अपनी मर्जी और राजनीतिक महत्वाकांक्षा के आधार पर फैसला नहीं ले सकते. अगर ऐसा होता है तो उनके फैसले की न्यायिक समीक्षा की जा सकती है. अगर कोई राज्य किसी जाति को कोटे के अंदर कोटा देती है तो उसे साबित करना होगा कि ऐसा पिछड़ेपन के आधार पर ही किया गया है. ये भी देखा जाएगा कि किसी SC-ST के कुल आरक्षण का उसके किसी एक वर्ग को ही 100 फीसदी कोटा न दे दिया जाए.

बीजेपी-कांग्रेस ने नहीं की है कोई टिप्पणी 

सुप्रीम कोर्ट के SC/ST में क्रीमी लेयर को लेकर दिए गए फैसले के बाद पूरा देश दो फाड़ हुआ पड़ा है. कोई इसका विरोध तो कोई समर्थन कर रहा है. हालांकि बीजेपी और कांग्रेस दोनों बड़ी पार्टियों ने इस पर अब तक कोई रुख जाहिर नहीं किया है. आज जब बीजेपी सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते का ऐसा कहना कि, PM भी इस फैसले के विरोध में है से ये बात साफ हो रही है कि, बीजेपी इस फैसले का विरोध कर रही है. हालांकि कांग्रेस पार्टी ने अभी तक इसपर कोई ऑफिशियल बयान नहीं दिया है लेकिन पार्टी से जुड़े कुछ प्रमुख लोग जैसे भारत जोड़ों यात्रा के संयोजक योगेंद्र यादव ने इस फैसले का स्वागत किया था. 

अब देखना ये होगा कि, क्या सरकार कोई अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को निरस्त करती या इसे लागू करती है. 

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