बिहार संग्रहालय में संस्कृति, शोध और कला का संगम, धरोहर दिवस पर हुआ खास आयोजन

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विश्व धरोहर दिवस पर बिहार संग्रहालय में आयोजित कार्यक्रम में धरोहर, पुरातत्व और संस्कृति पर विशेषज्ञों ने विचार साझा किए. इस मौके पर तेल्हारा बौद्ध विहार उत्खनन पर आधारित पुस्तक का विमोचन हुआ.

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फोटो क्रेडिट- बिहार टूरिज्म
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बिहार संग्रहालय में शुक्रवार को विश्व धरोहर दिवस के मौके पर कला, संस्कृति एवं युवा विभाग और बिहार फॉरेस्ट एंड ज्यूडिशियल डेवलपमेंट कमेटी द्वारा एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. समारोह की शुरुआत कला, संस्कृति एवं युवा मंत्री मोती लाल प्रसाद ने दीप जलाकर की. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विशेषज्ञ, अधिकारी और संस्कृति प्रेमी उपस्थित थे. कार्यक्रम के दौरान संग्रहालय के महानिदेशक वतन कुमार सिंह, विभाग के सचिव पंकज कुमार और कार्यपालक निदेशक जपुना पांडे मंच पर मौजूद रहे. सचिव पंकज कुमार ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. इस अवसर पर धरोहर और संस्कृति से संबंधित विषयों पर देश के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए.

पूर्व महानिदेशक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, डॉ. राकेश त्रिपाठी ने 'फाइट ऑफ ड्रिम्स: ऑन द एन्सीएंट रूट्स ऑफ कंनवरजेंस' विषय पर व्याख्यान दिया. वहीं, पटना विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. तानसेन मेहता ने 'प्रॉब्लेम्स एंड प्रोस्पेक्ट्स ऑफ एंटीक्यूटीज इन बिहार' विषय पर अपने विचार व्यक्त किए. इसके अलावा, डॉ. ललितो कुमार सिंह ने 'रिवेरिन हेरीटेज ऑफ आंग देश' पर विस्तृत चर्चा की.

कार्यक्रम के दौरान तेल्हारा क्षेत्र में हुए उत्खनन पर आधारित पुस्तक  'एक्सकवेटिंग एन अर्ली मिडिवियल बुद्धिस्ट मोनेस्ट्री एट तेल्हारा इन मगध ( ईस्टर्न इंडिया) 2020-2022' का विमोचन भी किया गया. इस पुस्तक को डॉ. विजय कुमार चौधरी, डॉ. अर्पिता जाटव, डॉ. ओ.के. श्रीवास्तव और डॉ. वरुण कुमार ने लिखा है, और इसका संपादन सचिव पंकज कुमार तथा निदेशक जपुना पांडे के मार्गदर्शन में हुआ है. इस अवसर पर आयोजित चित्रकला, निबंध लेखन और लोक फोटोग्राफी प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने ऑनलाइन भाग लिया. विजेताओं को बाद में सम्मानित किया जाएगा.

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