पवन सिंह की जनसुराज में हुई एंट्री तो इन सवालों में फंस जाएंगे प्रशांत किशोर !
Bihar Politics: पवन सिंह की संभावित एंट्री प्रशांत किशोर और उनकी मुहिम को सवालों के घेरे में ला सकती है. सवाल उठ रहा है कि जो पीके तेजस्वी यादव को उनकी शिक्षा को लेकर निशाना बनाते रहे हैं, वे क्या पवन सिंह और अक्षरा सिंह से भी उनके एजुकेशन सर्टिफिकेट मांगेंगे?
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Prashant Kishor: भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के पावरस्टार पवन सिंह की प्रशांत किशोर की जनसुराज में एंट्री की अटकलें तेज़ हो गई हैं. हाल ही में पवन सिंह की एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें वे जनसुराज के नेता और पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा से मुलाकात कर रहे हैं. इस मुलाकात के बाद से चर्चा शुरू हो गई है कि पवन सिंह जनसुराज का हिस्सा बन सकते हैं. यह मुलाकात लखनऊ में हुई थी, जिसके बाद से इस खबर ने जोर पकड़ लिया है। अगर यह सच हुआ, तो पवन सिंह भोजपुरी के दूसरे सुपरस्टार होंगे जो जनसुराज में शामिल होंगे, इससे पहले अक्षरा सिंह भी इस दल का हिस्सा बन चुकी हैं.
PK के सामने ये हैं नई चुनौतियां
पवन सिंह की संभावित एंट्री प्रशांत किशोर और उनकी मुहिम को सवालों के घेरे में ला सकती है. सवाल उठ रहा है कि जो पीके तेजस्वी यादव को उनकी शिक्षा को लेकर निशाना बनाते रहे हैं, वे क्या पवन सिंह और अक्षरा सिंह से भी उनके एजुकेशन सर्टिफिकेट मांगेंगे? पीके ने अपनी पदयात्रा के दौरान तेजस्वी पर हमले किए थे, जिसमें उन्होंने तेजस्वी के 9वीं फेल होने की बात को जोर-शोर से उठाया था. ऐसे में, यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या पवन सिंह को राजनीति की समझ है? और क्या पीके, जो सामाजिक मुद्दों पर चुनाव लड़ने की बात करते हैं, को भी अपने राजनीतिक सफर के लिए ग्लैमर का सहारा लेना पड़ रहा है?
पवन और अक्षरा: भीड़ जुटाने का टूल?
राजनीति के जानकार मानते हैं कि ऐसे स्टार्स को पार्टी में शामिल करने का मकसद उनकी लोकप्रियता का फायदा उठाना होता है, भले ही उनकी राजनीतिक समझ कम हो. ऐसे में सवाल यह है कि क्या पवन और अक्षरा सिर्फ चुनावी भीड़ जुटाने का टूल बनकर रह जाएंगे? इसका जवाब तो वक्त आने पर ही मिलेगा. प्रशांत किशोर की चुनावी रणनीति बनाने में माहिर हैं, तो देखना दिलचस्प होगा कि वे जनसुराज के लिए कौन सा मास्टरप्लान तैयार कर रहे हैं.
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पवन सिंह और आनंद मिश्रा का बीजेपी से विवाद
गौरतलब है कि पवन सिंह और आनंद मिश्रा ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ा था, जिससे बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ा था. पवन सिंह की वजह से काराकाट से एनडीए उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा की हार हुई थी, वहीं बक्सर में बीजेपी उम्मीदवार मिथलेश तिवारी की हार के पीछे आनंद मिश्रा का हाथ था. चुनाव के बाद, आनंद मिश्रा जनसुराज अभियान से जुड़ गए, और अब पवन सिंह के भी इसमें शामिल होने की चर्चा तेज हो रही है.
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