रिटायरमेंट पर पाना है 3 करोड़ से ज्यादा तो VPF में पैसा लगाए, इनकम टैक्स भी बचेगा!
VPF यानी Voluntary Provident Fund सरकार द्वारा समर्थित एक स्कीम है जो बेहतरीन लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट है. साथ ही ये रिटायरमेंट के लिए फाइनेंशियल सुरक्षा भी देता है.
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अगर आप नौकरीपेशा हैं और रिटायरमेंट के बाद भविष्य के लिए एक सुरक्षित व टैक्स फ्री निवेश की तलाश कर रहे हैं, जिससे बड़े-बड़े जरूरी काम भी आसानी से पूरे किए जा सकें. तो VPF आपके लिए एक स्मार्ट चॉइस हो सकता है.

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अगर आप नौकरीपेशा हैं और रिटायरमेंट के बाद भविष्य के लिए एक सुरक्षित व टैक्स फ्री निवेश की तलाश कर रहे हैं, जिससे बड़े-बड़े जरूरी काम भी आसानी से पूरे किए जा सकें. तो VPF आपके लिए एक स्मार्ट चॉइस हो सकता है.

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यह EPF(Employees' Provident Fund) का ही एक एक्सटेंशन है जहां कर्मचारी चाहे तो अपना बेसिक सैलरी + DA का 100% तक योगदान कर सकता है और इसमें नियोक्ता का कोई योगदान नहीं होता है.

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इस स्कीम में ध्यान देने वाली बात यह है कि VPF में निवेश करने की सुविधा सिर्फ उन कर्मचारियों को मिलती है जो पहले से EPF के सदस्य हैं और उन्हें VPFO पर भी वहीं ब्याज मिलता है जो EPF पर मिलता है.

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मौजूदा समय में VPF पर लगभग 8% या उससे अधिक ब्याज मिलता है, जो बैंक FD से अधिक होता है. और आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत इसमें सालाना ₹1.5 लाख तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है.

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VPF सरकार समर्थित स्कीम है, इसलिए यह बिल्कुल सुरक्षित (Risk-free) है. इसमें जमा रकम और ब्याज सीधे आपके EPF अकाउंट में जुड़ जाते हैं, जिससे अकाउंट मैनेज करना आसान होता है.

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हालांकि 5 साल से पहले निकासी पर ब्याज पर टैक्स लगेगा और साथ ही एक बार यदि आपने किसी वित्तीय वर्ष में VPF में योगदान शुरू कर दिया, तो उस पूरे साल के दौरान इसे रोका नहीं जा सकता.
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