SIP निवेशकों के लिए खतरे की घंटी ? अपनाएं ये Tips तो पैसे डूबेंगे नहीं और हो जाएंगे मालामाल
एस नरेन का कहना है कि साल 2025 निवेशकों के लिए ‘खतरनाक’ साबित हो सकता है, खासकर वे निवेशक जो स्मॉल कैप और मिड कैप फंड्स में SIP कर रहे हैं.
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रोहित (32) एक निजी कंपनी में काम करने हैं. बीते कुछ वर्षों से अपनी सैलरी का एक हिस्सा SIP (Systematic Investment Plan) के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं. उनका लक्ष्य लंबी अवधि में एक बड़ा फंड बनाने का है. लेकिन हाल ही में ICICI Prudential Mutual Fund के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर (CIO) एस नरेन के एक बयान ने उन्हें असमंजस में डाल दिया है.
एस नरेन का कहना है कि साल 2025 निवेशकों के लिए ‘खतरनाक’ साबित हो सकता है, खासकर वे निवेशक जो स्मॉल कैप और मिड कैप फंड्स में SIP कर रहे हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर किसी ने पिछले कुछ महीनों में SIP शुरू की है, तो उसे आने वाले समय में नेगेटिव रिटर्न का सामना करना पड़ सकता है.
अब सवाल ये है कि क्या SIP रोक देनी चाहिए? हम आपको TAK चैनल्स के मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांडेकर के साप्ताहिक कार्यक्रम 'हिसाब-किताब' से इस पूरे विषय को समझाने जा रहे हैं.
चूंकि इससे पहले वाली सीरीज में एस. नरेन के बयान और शेयर बाजार में उठापट के मायने को डिटेल में बताया गया था. फिर भी पाठकों के मन में सवाल है कि एसआईपी का क्या करें? जिस निवेश में बड़े रिटर्न का दावा किया जा रहा था उसमें नुकसान की बात होने पर निवेशक असमंजस में पड़ गए हैं. पर्सनल फाइनेंस की इस सीरीज में इन आशंकाओं के बीच निवेशकों के लिए सटीक स्ट्रैटजी और टिप्स शेयर कर रहे हैं.
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ऐसे में निवेशक क्या करें?
विशेषज्ञों की मानें, तो SIP एक लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान है, जिसे बाजार की उतार-चढ़ाव से घबराकर बंद नहीं किया जाना चाहिए. SIP का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह बाजार को टाइम करने के बजाय एक एवरेज लागत पर निवेश करने का मौका देता है. जब बाजार गिरता है, तो निवेशक को कम दाम पर अधिक यूनिट्स मिलती हैं और जब बाजार ऊपर जाता है, तो निवेश का औसत रिटर्न बेहतर हो जाता है. इसलिए बाजार की गिरावट से घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि इसे निवेश के मौके के रूप में देखना चाहिए.
कहां करें निवेश?
अब सवाल ये है कि निवेशक निवेश कहां करें? SIP में निवेश करते समय सही फंड कैटेगरी चुनना बहुत जरूरी है. आमतौर पर म्यूचुअल फंड्स को तीन कैटेगरी में बांटा जाता है. लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप.
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- लार्ज कैप फंड्स: बड़ी और स्थिर कंपनियों में निवेश करते हैं. इनमें रिस्क कम होता है, लेकिन रिटर्न भी स्थिर होता है.
- मिड कैप फंड्स: मध्यम आकार की कंपनियों में निवेश करते हैं. इनमें ग्रोथ की संभावना अधिक होती है, लेकिन रिस्क भी थोड़ा ज्यादा होता है.
- स्मॉल कैप फंड्स: छोटी और नई कंपनियों में निवेश करते हैं. इनमें सबसे ज्यादा ग्रोथ की संभावना होती है, लेकिन यह सबसे ज्यादा जोखिम भरे भी होते हैं.
विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो को बैलेंस करना चाहिए. यदि आप 10,000 रुपये की SIP कर रहे हैं, तो इसका 50% लार्ज कैप फंड्स में, 25% मिड कैप फंड्स में और 25% स्मॉल कैप फंड्स में निवेश करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है. अगर आपकी उम्र 50 साल से कम है और आप अधिक जोखिम उठा सकते हैं, तो आप मिड और स्मॉल कैप में थोड़ी ज्यादा हिस्सेदारी रख सकते हैं.
SIP को लॉन्ग टर्म में क्यों देखें?
एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि कोई निवेशक 7 से 10 साल तक नियमित रूप से SIP करता है, तो मिड कैप और स्मॉल कैप में निवेश करने का जोखिम भी लगभग खत्म हो जाता है. 2008 के वित्तीय संकट और 2020 के कोरोना महामारी के दौरान भी जिन निवेशकों ने SIP जारी रखी, उन्हें लॉन्ग टर्म में शानदार रिटर्न मिला. इसलिए, अगर आप एक लॉन्ग टर्म निवेशक हैं, तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है.
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रोहित जैसे निवेशकों के लिए सलाह
- SIP को जारी रखें: बाजार के उतार-चढ़ाव से घबराकर SIP बंद करना गलत फैसला हो सकता है.
- सही एसेट एलोकेशन करें: अपने निवेश को लार्ज, मिड और स्मॉल कैप में संतुलित तरीके से बांटें.
- लॉन्ग टर्म दृष्टिकोण रखें: 7-10 साल की अवधि तक SIP को जारी रखें, ताकि रिस्क कम हो और अच्छा रिटर्न मिले.
- निवेश का रिव्यू करें: हर 6-12 महीने में अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करें और जरूरत के हिसाब से बदलाव करें.
रोहित जैसे निवेशकों को यह समझना होगा कि SIP एक लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट है, जिसमें धैर्य और अनुशासन सबसे जरूरी है. अगर वे अपनी रणनीति को सही तरीके से बनाए रखते हैं, तो आने वाले वर्षों में वे अच्छे रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं.
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